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शहीदों का अपमान नहीं सहेगा ग्रामीण उत्थान

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शहीदों का अपमान नहीं सहेगा ग्रामीण उत्थान
प्रधान संपादक योगेश

शहीदों के परिवार के साथ बर्बता करने पर डाॅ0 टी सी राव ने खेद व्यक्त किया और उन्होंने कहा कि शहीद के परिवारों का अपमान नहीं सहेगा ग्रामीण उत्थान । मैं उस विषय पर सरकार से विनती करना चाहुंगा जो बहुत ही संवेदनशील है । जो गाॅव डहीना जिला रेवाड़ी में शहीदों के सम्मान से जुड़ा हुआ है । 16 फरवरी को शहीद संदीप, सेना मैडल, 3 गार्ड राष्ट्रीय राईफल में नौकरी करते हुए वीरगती को प्रात्प हुए थे आतंकवादीयों से लोहा लेते हुए, उसी तरह शहीद रामफल 2002 में काश्मीर में आतंकवादीयों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे । उनके सम्मान में ग्राम पंचायत ने जमीन आवंटन किया और पंचायतों ने दो युद्ध स्मारक डहीना रोड पर कनीना के तरफ रोड जाता है फीरनी के पास वहां पर बनाई । 16 फरवरी को वहां के ब्लाक समिति श्रीमती मुकेश देवी ने अपने फंड से बिडीओ से पैसा मंजूर करवाकर शहीद स्मारक के सामने एक बस क्यूं सैल्टर बनवाने का प्रस्ताव लेकर आई और वहां पर बस क्यूं सैल्टर बनवाना शुरु किया । बीडीओ साहब 1 फरवरी जाते हुए एक आॅडर जारी कर गये यह जानते हुए कि शहीदों की युद्ध स्मारक के सामने बना रहे हैं जो कि बिल्कुल ही अनुचीत था । शहीद के परिवार ने एस डी एम साहब को 15 फरवरी को ज्ञापन सौंपा और उपायुक्त साहब को तीन – चार पत्र लिखे समय नहीं था उनके पास वो व्यस्त थे किसान आंदोलन के कारण । ब्लाक समिति, गाॅव के सरपंच और जिला पार्षद से आग्रह कि गया कि इससे शहीदों का अपमान होगा क्योंकि शहीद संदीप के परिवार ने एक लाख रुपयें खर्च करके उस स्मारक में घास लगवाई है और उसका रखरखाव अच्छी तरह से कर रहे हैं । 16 फरवरी को बस सैल्टर बनाने का बिरोध किया तब वहाॅ के चैकी इंचार्ज श्री नरेन्द्र कुमार ने पता नहीं किसके आदेश पर उनके सात लोगों को हिरासत में लेकर जेल में डाल दिया । जिसमें शहीद के पिता बिरेन्द्र सिंह, उनके चाचा नरेन्द्र सिंह एवं रविन्द्र सिंह उनके भाई कुलदीप, संजीत और निशु शामिल थे । रात को 9 बजे गाॅव के लोगों ने जाकर इनके जमानत पर छुड़वाया । क्या कशुर था उनका । सिर्फ वह अपने शहीद बेटे, शहीद भतीजे, शहीद पति के सम्मान के लिए गुहार लगा रहे थे । वहाॅ पर पहले असमाजिक तत्व शाम को बैठकर शराब पीते थे, लेकिन शहीद के परिवार ने शहीद स्मारक में ताला लगाना शुरु कर दिया यह उनको गवारा नहीं हुआ । युद्ध स्मारक के सामने बस क्यू सैल्टर बनाने के लिए इन्होंने प्रस्ताव पास करवा दिया । कनीना के तरफ जाने के लिए डहीना के सिर्फ 5 प्रतिशत लोगों को यह बस क्यू सैल्टर काम में आना था क्योंकि मुख्य बस अड्डा रेवाड़ी की तरफ है । मुख्य बस अडडे पर यह बस क्यू सैल्टर बनना चाहिये था गाॅव वालों ने यह सुझाव भी दिया कि क्यों न यहाॅ की बजाय मुख्य बस अडडे पर बस क्यू सैल्टर बनाया जाय । जब डाॅ0 टी सी राव ने शहीद के परिवार से बात की तो बताया गया कि यदि बस सैल्टर का काम स्थगित नहीं किया तो शहीद की वीरांगना स्वंय जाकर शहीद को मिला सेना मैडल माननीय राष्ट्रपति महोदय को लौटाने के लिए मजबुर हो जायेगी । बनाने के लिए जिद्द किया । मेरा एक सुझाव है अपने देशवासीयों से, क्षेत्र वासियों से, हरियाणा वासियों से कि शहीदों के सम्मन के साथ छेड़छार नहीं किया जाए । मैं माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन करता हॅू कि पुलिस चैकी इंचार्ज के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाय, जिसने उसको जेल में डाला । वाहॅ पर कोई स्ट्रैक्चर शहीद स्मारक के सामने नहीं बनाया जाए । मैंने देखा है कई जगह शहीद स्मारक के सामने शराब के ठेके खोल दिये जाते है । सरकार इसपर एक आदेश जारी करे कि शहीद के स्मारक के 100 गज के दायरे में कोई ऐसी चीज न बने जिसपर असमाजीक तत्व बैठकर शहीद का अपमान करें । मैने सन 2018 में रेवाड़ी जिले के हर स्मारक पर जा-जाकरके उनकी सफाई करवा करके उन पर फूल मालायें चढाकर श्रद्धांजली दी थी, लोगों को जागरुक करने के लिए की जब उनके गाॅव में बाहर से आदमी आकर शहीद स्मारक की सफाई करवा सकता है, फूल मालायें चढा सकता है तो गाॅव वाले क्यों न चढाये । यह कदम बच्चों को प्रेरित करने के लिए लिया था। हमारे शहीद एक बहुत बड़ी धरोहर है देश की। मैं शहीद कल्याण फाउंडेशन के संयोजक होने के नाते, ग्रामीण उत्थान का संयोजक होने के नाते और एक स्वंय पूर्व सैनिक जिसके परिवार से सात-सात लोगों ने एक युद्ध में भाग लिया है मैं दुःख समझ सकता हॅू । 

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