पीएफसी द्वारा कुल 6000 इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये 633 करोड़ रूपये का ऋण मंजूर
देश में विद्युत क्षेत्र की अग्रणी एनबीएफसी और महारत्न कंपनी पॉवर फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) ने जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड (जीईएल) को 5,000 यात्री इलेक्ट्रिक वाहनों और 1,000 माल वाहक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये 633 करोड़ रूपये का ऋण मंजूर किया है।
देश की राजधानी दिल्ली में 5,000 यात्री इलेक्ट्रिक वाहनों को तैनात किया जा रहा है जिससे एक लाख टन के बराबर कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन बचाया जा सकेगा। पर्यावरण के हित में भी यह बेहतर साबित होगा और अन्य ईंधन वाहन की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन कार्बन उत्सर्जन कम करने में भी सहायक होगा।
दिल्ली की सड़कों पर उतारी पहली खेप
टैक्सी सेवा विस्तार के लिये ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी प्रा. लि. (बीएमपीएल) को पट्टे पर यात्री इलेक्ट्रिक वाहनों को दिया जायेगा। ऋण की पहली किस्त जारी हो चुकी है और टैक्सी की पहली खेप भी दिल्ली में चल रही है। ऊर्जा मंत्रालय अतिरिक्त सचिव अजय तिवारी और पीएफसी सीएमडी रविन्दर सिंह ढिल्लों द्वारा कल एक कार्यक्रम में इन टैक्सियों को झंडी दिखाकर रवाना किया। अवसर पर राजीव रंजन झा निदेशक (परियोजना), मनोज शर्मा, निदेशक (वाणिज्यक), सिम्मी आर. नाकरा, सीवीओ और अनमोल सिंह जग्गी (सीईओ और सह-संस्थापक, ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
.: स्वस्थ और टिकाऊ परिवहन
पीएफसी के सीएमडी रविन्दर सिंह ढिल्लों ने इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि, ”देश में ई-मोबिलिटी को अपनाने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है, और हमारा मानना है कि इस क्षेत्र में काफी संभावनाये हैं। इस वित्तपोषण के जरिये पीएफसी ने भारत के राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबद्ध योगदान (एनडीसी) लक्ष्य में योगदान का प्रयास किया है। यह देश में परिवहन के एक स्वस्थ और टिकाउ तरीके को अपनाने की दिशा में काफी अहम् साबित होगा।’’
शून्य कार्बन लक्ष्य की ओर
पीएफसी द्वारा वित्तपोषित 5,000 चौपहिये यात्री इलेक्ट्रिक वाहन (ई4डब्ल्यूज) दिल्ली में तैनात किये जा रहे हैं। फलस्वरूप एक लाख टन के बराबर कार्बन डाईऑक्साइड (सीओ2) उत्सर्जन बचाया जा सकेगा। बचने वाली यह मात्रा 50 लाख से अधिक पूर्ण विकसित पेड़ों द्वारा एक साल में खपाई जाने वाली सीओ2 के बराबर होगी। शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्ति के भारत के लक्ष्य की दिशा में बढ़ते हुये पीएफसी अक्षय ऊर्जा को बड़े पैमाने पर वित्तपोषण उपलब्ध कराने के अलावा ईवी, बैटरी, ओईएम़ और ईवी चार्जिंग सुविधाओं के क्षेत्र में ऋण उपलब्ध कराने की संभावनाएं तलाश करता रहा है
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