27 सितम्बर को निजीकरण विरोधी दिवस मनाएंगे रोड़वेज कर्मी
27 सितम्बर को निजीकरण विरोधी दिवस मनाएंगे रोड़वेज कर्मी
लम्बित मांगों को लेकर14 अक्टूबर को सभी डिपूओं में धरना देंगे।
गुरूग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह, रेवाड़ी डिपूओं की कन्वेंशन सम्पन्न।
प्रधान संपादक योगेश
हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के आह्वान पर गुरुग्राम, फरीदाबाद, एच.आर.ई.सी. गुरुग्राम, नूह, पलवल,झज्जर व रेवाड़ी डिपो के रोडवेज कर्मचारियों की संयुक्त कन्वेंशन संपन्न हुई । कन्वेंशन की अध्यक्षता गुरुग्राम डिपो के प्रधान दयानन्द शर्मा,फरीदाबाद डिपो के प्रधान रवीन्द्र नागर, नूह के प्रधान अब्दुल हामिद व रेवाड़ी डिपो के सचिव प्रवीण कुमार यादव ने संयुक्त रूप से की। मंच का संचालन राज्य उप प्रधान ओमबीर शर्मा ने मंच किया।
इस मौके पर यूनियन के राज्य प्रधान इन्द्र सिंह बधाना, प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया, मुख्य सलाहकार रामआसरे यादव, उपाध्यक्ष ओमबीर शर्मा व राज्य कार्यालय सचिव जय कुवार दहिया ने कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार रोडवेज को निजी हाथों में सौंप कर परिवहन विभाग को कर बर्बाद करने पर तुली हुई है।
हरियाणा रोडवेज की सरकारी बसें किफायती, सुरक्षित
तथा यात्रियों को समय पर गंतव्य पर पहुंचाने के लिए देश व प्रदेश की जनता में लोकप्रिय है । प्रदेश की जनता भी रोडवेज की सरकारी बसों की ही मांग कर रही है ।जनसंख्या के अनुपात में आज प्रदेश में रोडवेज बसों की भारी कमी है ।कर्मचारी नेताओं ने कहा 1994 में जब प्रदेश की जनसंख्या एक करोड़ थी, उस समय विभाग में 3884 बसें व 23600 कर्मचारी थे। आज प्रदेश की जनसंख्या 3 करोड़ होने पर विभाग में केवल 3190 बसें व 17400 कर्मचारी है। जबकि प्रदेश की बढ़ती आबादी अनुसार आज विभाग में 14000 सरकारी बसों की आवश्यकता है 14000 बसों पर प्रदेश के 84000 पढ़े-लिखे बेरोजगार युवकों को स्थाई व सरकारी रोजगार मिलेगा वही प्रदेश की जनता को बेहतर परिवहन सेवा मिलेगी ।
कर्मचारी नेताओं ने कहा सरकारी बसें बढ़ाने की बजाए सरकार प्राइवेट बसों को चलने की खुली छूट देकर विभाग को सिकोड़ने पर लगी हुई है। उन्होंने कहा सरकार विभागों के निजीकरण से सस्ती व सुरक्षित सेवाएं समाप्त होने के साथ बेरोजगारों को स्थाई रोजगार मिलने के अवसर समाप्त हो जाएंगे। प्रांतीय नेताओं ने सभी संगठनों को सरकार की हठधर्मिता व निजीकरण नीतियों के खिलाफ सांझा संघर्ष करने का आह्वान किया।
बधाना व पूनिया बताया ने बताया सरकार कर्मचारियों की लम्बित मांगों का समाधान करने की बजाए पहले से मिल रही सुविधाओ को छिन रही है। उन्होंने बताया इसके बाद 25 सितम्बर को पानीपत में सोनीपत, पानीपत, करनाल व दिल्ली डिपो, 29 सितम्बर को अम्बाला में पंचकूला, यमुनानगर,अम्बाला व चण्डीगढ डिपो व 30 सितम्बर को कैथल में कुरुक्षेत्र, जींद व कैथल डिपो की कन्वेंशन होगी। कन्वेंशनों में प्रान्तीय नेता वर्तमान सरकार की निजीकरण नीतियों पर चर्चा करते हुए निर्णायक आन्दोलन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने कहा 9 व 10 अक्टूबर को यूनियन राज्य कार्यकारिणी की दो दिवसीय स्कूलिंग कर्मचारी भवन रोहतक में होगी। प्रांतीय नेताओं ने बताया कर्मचारियों की लम्बित मांगों को लेकर 14 अक्टूबर को प्रदेश के सभी डिपूओं में एक दिवसीय धरना दिया जाएगा।
अध्यक्ष मण्डल नेता दयानन्द शर्मा, विजय माजरा, रवीन्द्र नागर,अब्दुल हामिद व प्रवीण यादव ने अपने सम्बोधन में कहा सरकार परिचालकों का ग्रेड पे बढाने सहित कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर करने के लिए गम्भीर नहीं है। उन्होंने पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने,कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, सभी खाली पदों पर पक्की भर्ती करने,तकनीकी वेतनमान से वंचित सभी तकनीकी कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान देने, कर्मशाला कर्मचारियों के कम किये गये राजपत्रित अवकाश पहले की तरह लागू करने, कोरोना महामारी के दौरान बसें खड़ी रहने के कारण विभाग को हुए घाटे की भरपाई के लिए 2000 करोड़ रुपये का पैकेज देने, सभी कर्मचारियों को 5000 रूपये जोखिम भत्ता देने, सभी कर्मचारियों को एक माह के वेतन के समान 5 वर्ष का बकाया बोनस का भुगतान करने, ओवरटाइम, टीए का भुगतान करने आदि 6 जनवरी व 4 जून 2020 को परिवहन मंत्री से बातचीत में मानी गई मांगों को लागू करने की मांग की। कपिल देव, सुमेश शर्मा, महावीर सिंह, राजबीर, जयपाल राठी,नरेन्द्र यादव व राकेश धारीवाल आदि नेताओं ने सरकार की हठधर्मिता व निजीकरण विरोधी नीतियों की जमकर आलोचना की।
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