91 लाख से बढ़कर 98 लाख हुआ सड़क निर्माण का ठेका !
91 लाख से बढ़कर 98 लाख हुआ सड़क निर्माण का ठेका !
हेलीमंडी से गांव देवलावास तक पौने 3 किलोमीटर सड़क का मामला
सड़क निर्माण में घटिया रामेटीरियल इस्तेमाल करने के गंभीर आरोप
मौके पर पहुंच पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार ने कराई पैमाइश-सेंपलिंग
फतह सिंह उजाला
पटौदी । हरियाणा में बीजेपी सरकार पार्ट 2 जो कि भाजपा और जजपा गठबंधन की सरकार है , इस गठबंधन सरकार का भी मोटो जीरो टोलरेंस ही है । लेकिन आए दिन विभिन्न विकास कार्यों में कथित हेराफेरी, घपले, घटिया निर्माण सामग्री व अन्य प्रकार के आरोप लगते आ रहे हैं । ऐसा ही एक मामला हेली मंडी से गांव देवलावास तक मार्केटिंग बोर्ड के अधीन बनाई गई करीब पौने 3 किलोमीटर लंबी सड़क मार्ग का सामने आया है । इस सड़क निर्माण के मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट एवं सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश गुप्ता का आरोप है कि सड़क निर्माण का ठेका आरंभ में 91 लाख 04 हजार का छोड़ा गया , लेकिन सड़क बनाते-बनाते यह ठेका गुपचुप तरीके से 98 लाख का हो गया।
मुकेश गुप्ता की माने तो सड़क निर्माण का ठेका पूरी लंबाई चैड़ाई और इसके बाद आने वाली लागत का आकलन किया जाने के बाद ही टेंडर आमंत्रित कर छोड़ा जाता है और ठेकेदार भी बहुत सोच समझ कर ही निर्माण का ठेका भी लेता है । इस पौने 3 किलोमीटर लंबी सड़क के बनने के साथ ही कथित रूप से इस्तेमाल किए गए घटिया रामेटीरियल के कारण यह सड़क उधड़ना आरंभ हो गई । आरटीआई एक्टिविस्ट मुकेश गुप्ता के द्वारा सड़क निर्माण मामले में बरती गई अनियमितता को लेकर संबंधित ठेकेदार के खिलाफ ऑनलाइन एफ आई आर दर्ज कराई गई । इसके साथ ही सीएम विंडो पर भी शिकायत दर्ज की गई। मुकेश गुप्ता की माने तो हेली मंडी से गांव देवलावास तक पौने 3 किलोमीटर सड़क ठेकेदार के द्वारा बनाकर तैयार कर दी गई , लेकिन जनवरी में ही यह सड़क उधड़ना शुरू हो गई । जिससे कि सड़क निर्माण में घटिया रामेटीरियल इस्तेमाल किए जाने की पोल पट्टी भी खुल गई ।
इसी बीच में सड़क बनाने वाले ठेकेदार के खिलाफ शिकायत होने के बाद सड़क पर पैबंद लगाकर खानापूर्ति कर दी गई । सड़क निर्माण में बरती गई अनियमितता और घटिया रामेटीरियल इस्तेमाल करने की शिकायत की जांच पटौदी के एसडीएम के पास पहुंची । इसके बाद पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार के द्वारा संबंधित ठेकेदार को तलब कर, एसडीओ मार्केटिंग बोर्ड ,खंड एवं विकास पंचायत कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों की सड़क जांच के लिए नोडल टीम बनाई गई । सड़क नाॅमर्स के मुताबिक बने यह जिम्मेदारी मार्केटिंग बोर्ड के जेई के अधिकार क्षेत्र में रही। पटौदी के एसडीएम की मौजूदगी में सड़क की पैमाइश की गई और जहां जहां से शिकायतकर्ता के द्वारा बताया गया उसी स्थान से रामेटेरियल का भी सैंपल कलेक्ट किया गया । कथित रूप से इस सड़क की चैड़ाई 20 फुट बताई गई , जो कि मौके पर पूरी नहीं मिली । इसी प्रकार से सड़क के साथ पगडंडी और फूट बे्रम इत्यादि का भी निर्माण किया जाना था ।
इस मामले में पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार का कहना है कि शिकायतकर्ता की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सरकार की जीरो टोलरेंस पॉलिसी के मुताबिक सड़क के मैट्रियल के सैंपल कलेक्ट कर के सरकार के द्वारा अधिकृत लैब में जांच के लिए भेज दिए गए हैं । लैब रिपोर्ट की जांच में यदि किसी भी प्रकार की सड़क निर्माण को लेकर अथवा रामेटेरियल को इस्तेमाल किए जाने को लेकर नकारात्मक रिपोर्ट प्राप्त होती है तो उसके बाद में आगामी कार्रवाई संबंधित विभाग के द्वारा किया जाने की सिफारिश की जाएगी।
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