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पंजाब में होगी केसर की खेती: शोध में दावा- दो साल में तैयार होने लगेगी फसल, किसानों को होगा मुनाफा

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पंजाब के किसान भी आने वाले समय में कश्मीर की तरह केसर की खेती कर मालामाल हो सकेंगे। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के शोध में सामने आया है कि पंजाब में नवंबर से लेकर जनवरी के बीच बढ़िया गुणवत्ता वाले केसर की खेती हो सकती है। इसके लिए किसानों को अक्तूबर में इसकी खेती शुरू करनी होगी। विशेषज्ञ यहां कश्मीरी मोंगरा और अमेरिकन केसर की खेती की संभावना तलाश रहे हैं। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञानी डॉ. प्रताप पाती कहते हैं कि पंजाब में केसर की खेती पर एक वर्ष के शोध में सामने आया है कि पंजाब में अच्छी किस्म की केसर होने की संभावना है। अब हम केसर के टिशू कल्चर पर काम कर रहे हैं। इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। रिसर्च के दौरान जो परागण पैदा किया है, उसकी गुणवत्ता भी बढ़िया पाई गई है। करीब दो और शोध कार्यों के बाद पंजाब के किसानों को केसर की खेती करवाई जा सकेगी। डॉ. पाती ने कहा कि कश्मीर घाटी और हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में केसर की खेती की जाती है। केसर की खेती को मुख्य रूप से यूरोप और एशिया के कुछ भागों में किया जाता है। ईरान और स्पेन जैसे देश पूरी दुनिया का 80 प्रतिशत केसर उत्पादित करते हैं। यह केसर समुद्र तल से 1000 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जाता है लेकिन भविष्य में पंजाब जैसे मैदानी इलाके में भी खेती की संभावनाएं सामने आ रही हैं। केसर की खेती के लिए बर्फीले प्रदेशों को उचित माना जाता है। केसर की खेती में रेतीली चिकनी बलुई और दोमट मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन वर्तमान समय में उचित देखरेख कर इसकी खेती को राजस्थान जैसे शुष्क राज्यों में भी किया जा रहा है।

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पंजाब के किसान भी आने वाले समय में कश्मीर की तरह केसर की खेती कर मालामाल हो सकेंगे। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के शोध में सामने आया है कि पंजाब में नवंबर से लेकर जनवरी के बीच बढ़िया गुणवत्ता वाले केसर की खेती हो सकती है। इसके लिए किसानों को अक्तूबर में इसकी खेती शुरू करनी होगी। विशेषज्ञ यहां कश्मीरी मोंगरा और अमेरिकन केसर की खेती की संभावना तलाश रहे हैं। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञानी डॉ. प्रताप पाती कहते हैं कि पंजाब में केसर की खेती पर एक वर्ष के शोध में सामने आया है कि पंजाब में अच्छी किस्म की केसर होने की संभावना है। अब हम केसर के टिशू कल्चर पर काम कर रहे हैं। इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। रिसर्च के दौरान जो परागण पैदा किया है, उसकी गुणवत्ता भी बढ़िया पाई गई है। करीब दो और शोध कार्यों के बाद पंजाब के किसानों को केसर की खेती करवाई जा सकेगी। डॉ. पाती ने कहा कि कश्मीर घाटी और हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में केसर की खेती की जाती है। केसर की खेती को मुख्य रूप से यूरोप और एशिया के कुछ भागों में किया जाता है। ईरान और स्पेन जैसे देश पूरी दुनिया का 80 प्रतिशत केसर उत्पादित करते हैं। यह केसर समुद्र तल से 1000 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जाता है लेकिन भविष्य में पंजाब जैसे मैदानी इलाके में भी खेती की संभावनाएं सामने आ रही हैं। केसर की खेती के लिए बर्फीले प्रदेशों को उचित माना जाता है। केसर की खेती में रेतीली चिकनी बलुई और दोमट मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन वर्तमान समय में उचित देखरेख कर इसकी खेती को राजस्थान जैसे शुष्क राज्यों में भी किया जा रहा है।

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