किसान, श्रमिक और मजदूर समाज के महत्वपूर्ण अंग: रेखा दहिया
किसान, श्रमिक और मजदूर समाज के महत्वपूर्ण अंग: रेखा दहिया
सभी के लिए अन्न उगाने वाला किसान तीन माह से सड़कों पर
शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरू को अर्पित की गई श्रृद्धांजलि
फतह सिंह उजाला
पटौदी। दिल्ली-जयपुर हाईवे के शाहजहंापुर खेडा बोर्डर पर जारी किसान आंदोलन सोमवार को 104वें दिन में प्रवेश कर गया । सोमवार को देश की आजादी के महान सपूत शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरू तीनों के चित्र पर पुष्प मालांए अर्पित करके राजस्थान, पंजाब व हरियाणा के सैकडो किसानों व महिलाओं ने भाव भीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर बावल विधानसभा क्षेत्र से आमआदमी पार्टी कि विधानसभा प्रत्याक्षी रही रेखा दहिया व गुरूग्राम सीआईटीयू की महिला प्रदेश अध्यक्ष ऊषा सिरोहा, राजबाला रेवाडी ने शहीदों को श्रृद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि, देश की स्वतंत्रता के महान सपूत श्हीद ए आजम भगत सिंह के द्वारा आजादी से पूर्व लिखी गई विभिन्न पुस्तको में उत्पादन व श्रमिक समाज के महत्वपूर्व अंग बताया गया है । लेकिन शोषक वर्ग उनकी मेहनत की गाढी कमाई को लूट लेता है और उनके मूलभूत अधिकारों से भी वंचित रखता है। किसान जो सबके के लिए अन्न उगाते है खुद परिवार सहित भूखे मरते है । जुलाहे जो दुनिया भर के लिए कपडे बुनते है , अपने बच्चों के तन नही ढक पाते । बढई, लुहार, मिस्त्री जो भव्य महल बनाते है खुद झुगगी झाोपडी में रहने को मजबूर है और अन्य शोषक वर्ग जोंक की भाति उनका खून चूस-चूस कर ऐशोआराम की जिंदगी जी रहे है ।
इस प्रकार के संवेदनशील और जोशीले तथा रोंगटे खडे करने उदघोष करने पर किसानो सहित अन्य लोग भी जोश से भर गए। वक्ताओं ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति करने के उपंरात वर्तमान सरकार,ं देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद करने वाले महान सपूतो के बलिदान को व्यर्थ समझ रही है। गूंगी-बहरी सरकार और मंत्री वोट की फसल पर नजरें गढ़ाये हुए वही लोक लुभावन नारे भोलेभाले लोगों के बीच वोट बटोरने के दाने के रूप में फैंकने का काम कर रहे हैं। जबकि वर्तमान में अनगिनत किसान दिल्ली के चोतरफा अपनी मांगो को लेकर अपने ही राजा के सामने घरबार छोडकर सडक पर है। मंच से अनेंको किसानों ने भारत के तीनों महान सपूतो को अपने श्रृद्धासुमन अर्पित करते हुए संकल्प लिया कि संयुक्त मोर्चा के आहवान पर जब तक केंद्र सरकार किसानों के द्वारा रखी गई मागों को वापस नही लेती, वे सड़क पर ही बैठेंगे, घर नही लौटेंगे । चाहे उनके प्राण ही सडको पर क्यों न निकल हो जाएं ।
इस मौके पर पूर्व विधायक पैमा राम ने कडे शब्दों में केंद्र सरकार की निंदा करते हुए कहा कि 70 वर्षो पूर्व गौरे अंग्रेजो से भारत को आजाद कराने के लिए उनके पूर्वज अपने प्राणों की आहूति दे चुके है। उनका बलिदान को देश को गलत दिशा में नहीं ले जाने देंगे। कॉरपोरेट घराने के हाथों देश को गिरवी रखने की योजना सफल नही होने देंगे। चाहे पूर्वजो की भाति उन्हे अपना बलिदान क्यों ना देना पडे़ । शहीदों को श्रृद्धांजलि देने वालों में पूर्व विधायक पैमाराम, मास्टर रघबीर भेरा, सुरेंद्र मेहरा, शशि पंच, कुलदीप शर्मा, नवीन सहलोत, ज्ञानी राजबीर सिंह, अत्तर सिंह नैहरा, भागीरथ नेतड, चंदराम, नवीन सहलोत, श्रवण सिंह, जवान सिंह, ऊषा सिरोहा गुरूग्राम, मेजर एसएल गुरूग्राम, मूल चंद मध्यप्रदेश, सतीश कुमार जनवादी पार्टी, जेजेपी के पूर्व प्रत्याशी श्याम सुन्दर संभरवाल, बच्चू सिंह, सत्येंद्र झाबुआ सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
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