आने वाले चार महीने ऋषि व कृषि के लिए महत्वपूर्ण: राष्ट्रसंत विहर्ष सागर जी महाराज
आने वाले चार महीने ऋषि व कृषि के लिए महत्वपूर्ण: राष्ट्रसंत विहर्ष सागर जी महाराज
-गुरुग्राम के सेक्टर-4 स्थित दिगम्बर जैन मंदिर में महाराजश्री ने दिए प्रवचन
-जीवन की सच्चाई से भक्तों को दिखाया सच्चा मार्ग
प्रधान संपादक योगेश
गुरुग्राम। राष्ट्रसंत परम पूज्य मुनिश्री विहर्ष सागर जी महाराज ने कहा कि आने वाले चार महीने ऋषि और कृषि के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन चार महीनों में भारत में जमीन को पानी की और भक्तों को ऋषियों की वाणी की आवश्यकता होती है। हमें ऋषि और कृषि को गंभीरता से लेना चाहिए। उनके कर्मों, उनके कदमों का अनुसरण करना चाहिए, ताकि हम अपने जीवनकाल में खुद को निखार सकें। यह बात उन्होंने यहां सेक्टर-4 स्थित दिगम्बर जैन मंदिर में भक्तों को प्रवचन देते हुए कही।
मुनिश्री विहर्ष सागर जी महाराज ने अपने प्रवचनों में आगे कमजोर और मजबूत व्यक्ति के बीच भेद बताते हुए कहा कि कमजोर व्यक्ति अक्सर बदला लेने की सोचता है, जबकि मजबूत और बुद्धिमान व्यक्ति माफ करने की सोच रखता है। इसलिए हमें मजबूत और बुद्धिमान बनकर रहना चाहिए ना कि कमजोर की तरह। हम अपना जीवन नेकी, भलाई के साथ
जिएं, यह जरूरी है। समाज को अगर सही पथ
दिखाना है, समाज में पथप्रदर्शक बनना है तो सच का मार्ग भी
पकडऩा पड़ेगा। उन्होंने कहा कि संतों द्वारा बताए गए नियमों, उनकी सोच के अनुरूप अगर हम कार्य करेंगे तो जीवन में कठिनाइयों के पहाड़ तुच्छ हो जाएंगे।
महाराजश्री ने कहा कि किसी का भी किसी के व्यक्ति, वस्तु आदि की तरफ कहीं पर भी आकर्षण हो सकता है, लेकिन समर्पण कहीं-कहीं होता है। उन्होंने कहा कि आकर्षण तो अस्थायी होता है। समर्पण स्थायी और अच्छे परिणाम देने वाला होता है। ऐसे में हमें आकर्षण से ज्यादा समर्पण पर सोचना चाहिए। खुद को इतना मजबूत बनाएं कि हम किसी के प्रति समर्पित हों। समर्पण भगवान के प्रति भी हो सकता है और इंसान के प्रति भी। उन्होंने जिम्मेदारियों पर प्रचवनों में कहा कि जिम्मेदारियां इंसान को होनहार बनाती हैं। जिम्मेदार होने पर व्यक्ति घर, समाज, देश के बारे में बेहतर काम करने की ही सोचता है। इसलिए व्यक्ति को जीवन में जिम्मेदार होना चाहिए, ताकि वह होनहार बन सके। इस अवसर पर
मुनिश्री 108 विजयेश सागर जी महाराज, मुनिश्री विनिबोधरासागर जी महाराज व ऐलक 105
विनियोगसागर जी महाराज भी मौजूद रहे।
जैन समाज के प्रवक्ता अभय जैन ने बताया कि विहर्ष सागर जी महाराज का चातुर्मास इस वर्ष गुरुग्राम में होगा। 10 जुलाई 2022 को मुनिश्री अपने अन्य संतों के साथ गुरुग्राम के जैकबपुरा स्थित
दिगम्बर जैन
पाश्र्वनाथ मंदिर में मंगल प्रवेश करेंगे। 17 जुलाई 2022 को भव्य कलश स्थापना होगी। सेक्टर-4 स्थित दिगम्बर जैन मंदिर के संरक्षक योगेश जैन, प्रधान ऋषभ जैन, महामंत्री उत्तम जैन, सतीश जैन,
रवीन जैन,
टीसी जैन, केके
वोहरा आदि काफी संख्या में भक्तों ने
गुरूजी से आशीर्वाद लिया।
Comments are closed.