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कोरोना पर काबू पाने के लिए “रामबाण” कपालभाति प्राणायाम

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कोरोना पर काबू पाने के लिए “रामबाण” कपालभाति प्राणायाम

बिना प्राणायाम किए किसी की अध्यात्मिक यात्रा सफल नहीं होती

हमें अपनी दिनचर्या में प्राणायाम को शामिल करना चाहिए

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
   इस समय कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा प्रभाव उन लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है जों नियमित सुबह भ्रमण या नित व्यायाम के लिए पार्क आदि सार्वजनिक स्थलों पर जाते थे और व इन दिनो वो काफी समय से अपने घर के अंदर रह रहे हैं । यह स्थिती लोगों के स्वास्थ्य पर एक संकट के रूप मे दिखने लगी हैं , जिसमें लोग पिछले काफी समय से अपने घर में हीं बंद हैं व यदि रोजाना कपालभाती व प्राणायाम का अभ्यास करे तो वो अपने घर में रहकर हीं अपने स्वास्थ्य और शरीर कीं रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढा सकते है ।

कपालभाती व प्राणायाम बहुत फायदेमंद होता है , इसको लेकर गुरुग्राम से योग प्रशिक्षक योगेश मोटसरा का कहना है कि सांसारिक व्यक्ति का यह योग क्रिया स्वस्थ शरीर,मानसिक क्षमता और सभी रोगों को नष्ट करने में मदद करता है और व्यक्ति के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर करोना महावारी से लड़ने मैं मदद करता है । जो किसी रामबाण के समान हैं , एक आध्यात्मिक व्यक्ति के लिए भी कपालभाति प्राणायामरू आवश्यक होता है । ऐसा माना जाता है की बिना प्राणायाम किए किसी की अध्यात्मिक यात्रा सफल नहीं होती । यह शरीर में उर्जा को जगाता है और करोना संक्रमण से होने वाले दुष्परिणामों से हमारी रक्षा करता है । जिस प्रकार आज जगत में करोना महामारी एक भयंकर रूप ले चुकी है, जिससे बचने के लिए हमें अपनी दिनचर्या में प्राणायाम को शामिल करना चाहिए। अत्यंत आवश्यक हो गया हैं इसके अभ्यास से हम 1 मिनट में 10 कैलोरी बर्न कर सकते हैं । यह प्राणायाम करने से व्यक्ति की प्राय दिन भर सक्रियता बनी रहती है व रात को अच्छी नींद भी आती है।

कपालभाति प्राणायाम विधि किसी ध्यान की मुद्रा में बैठें, आँखें बंद करें एवं संपूर्ण शरीर को ढीला छोड़ दें। दोनों नोस्ट्रिल से सांस लें, जिससे पेट फूल जाए और पेट की पेशियों को बल के साथ सिकोड़ते हुए सांस छोड़ दें । अगली बार सांस स्वतः ही खींच ली जाएगी और पेट की पेशियां भी स्वतः ही फैल जाएंगी। सांस खींचने में किसी प्रकार के बल का प्रयोग नहीं होना चाहिए।सांस धौंकनी के समान चलनी चाहिए।इस क्रिया को तेजी से कई बार दोहराएं , यह क्रिया करते समय पेट फूलना और सिकुड़ना चाहिए । शुरुवाती दौर इसे 30 बार करें और धीरे धीरे इसे 100-200 तक करें यह अभ्यास आप नियमित रूप से प्रतिदिन 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।

योग प्रशिक्षक का कहना हैं इससे होने वाले फायदे अगर आपको बताए तो यह फेफड़ों में सांस लेने की क्षमता को बढ़ाता है । इस क्रिया को नियमित रूप से किया जाए तो यह माइग्रेन और सिर दर्द का जड़ से इलाज करता है । साथ हीं अस्थमा रोग को जड़ से नष्ट कर देता है । इस परिणाम से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और तेजी से वजन कम करने में भी सहायक है। इस परिणाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत ज्यादा बढ़ती है तथा रोगों से लड़ने में आपकी सहायता करती है।

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