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नए-नए सुझावों और विचारों से शिक्षा और स्कूल का स्तर ऊंचा उठाएं अध्यापक

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नए-नए सुझावों और विचारों से शिक्षा और स्कूल का स्तर ऊंचा उठाएं अध्यापक

अरुण कुमार

पंचकूला। शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि अध्यापक राष्ट्र निर्माण के साथ-साथ विद्यार्थियों के भविष्य के निर्माण का काम भी करते हैं । उनके द्वारा पढ़ाए जा रहे बच्चे अलग-अलग क्षेत्रों में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री बुधवार को पंचूकला के इंद्रधनुष आडिटोरियम मे आयोजित प्रवेश उत्सव कार्यक्रम की मंडल स्तरीय कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष सरकारी स्कूलों में लगभग साढ़े चार लाख विद्यार्थियों के दाखिले हुए थे। हमारा प्रयास है कि इस वर्ष भी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या पिछले वर्ष से ज्यादा होगी। उन्होंने कहा कि एक अध्यापक के अंदर नेतृत्व की भावना का होना बेहद जरुरी है, जिससे वह समाज के अलग-अलग वर्गों से जुड़कर विद्यालय में अच्छे बदलाव ला सकता है। शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों व स्कूल से जुड़े स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे निरंतर स्कूलों के संपर्क में रहे, ताकि नए-नए सुझावों और विचारों से शिक्षा और स्कूल का स्तर ऊंचा उठे। इस दौरान उन्होंने विभिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा लगाई विज्ञान प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल ने कार्यक्रम में आए जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी, स्कूल प्रिंसिपल को निर्देश दिए कि प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में आए छात्रों से संवाद करें। उनसे सरकारी स्कूलों में आने की वजह का आम लोगों में ज्यादा से ज्यादा प्रचार करें। इसके लिए सोशल मीडिया व अलग-अलग संचार माध्यमों का इस्तेमाल करें। इससे सरकारी स्कूलों की छवि में और इजाफा होगा व ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी भविष्य में सरकारी स्कूलों में दाखिला लेंगे।

एमआईसी पोर्टल बेहतर तरीके से काम करे, इसे सुनिश्चित करें अध्यापक

शिक्षा मंत्री श्री कंवरपाल ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि एमआईएस पोर्टल बेहतर तरीके से काम करे, इसे अध्यापकों द्वारा सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस पोर्टल पर विद्यार्थियों से जुड़ा सारा डाटा सहीं से फीड किया जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थियों को भविष्य में पुस्तकों व अन्य किसी चीज से जुड़ी कोई समस्या न आए।

सरकारी स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी दाखिला लें, अध्यापक इस पर करें काम

शिक्षा मंत्री श्री कंवरपाल ने कहा कि सरकारी स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी दाखिला लें, अध्यापकों को इस पर काम करना चाहिए। प्रवेश उत्सव कार्यक्रम को मनाने का भी यही उद्देश्य है। इसके लिए अध्यापकों, प्राचार्यों व शिक्षा विभाग से जुड़े अन्य अधिकारियों को सर्वेक्षण, रैली, पोस्टर, पैम्फलेट, विज्ञापन, मुनादी व ग्राम पंचायत का सहयोग लेकर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। हरियाणा सरकार आज सरकारी स्कूलों में बेहतर से बेहतर शिक्षा मुहैया करवा रही है। शिक्षकों को हर बच्चे को एक सर्वेक्षण के माध्यम से ट्रैक करना चाहिए। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में रिजस्टर एवं आंगनवाड़ी डेटा का जन्म पंजीकरण से मिलान करके डोर-टू-डोर सर्वे कर हर बच्चे की स्कूली शिक्षा की स्थिति जांचनी चाहिए। ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।

सरकारी स्कूलों में सुधार करने वालों से लेनी चाहिए प्रेरणा

शिक्षा मंत्री श्री कंवरपाल ने कहा कि प्रदेश में जिन भी सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है, हमें उन स्कूलों से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने फतेहाबाद जिला की चार पंचायतों और झज्जर जिला की दो पंचायतों को सम्मानित भी किया। इन पंचायतों के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बेहद कम रह गई थी। यहां की ग्राम पंचायत और ग्रामीणों ने सरकार के साथ मिलकर स्कूलों की व्यवस्था को ठीक किया और ग्रामीणों को सरकारी स्कूल में ही विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। इससे इन ग्राम पंचायतों के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा हुआ। आज पूरे प्रदेश के सरकारी स्कूलों को इनसे प्रेरणा लेने की जरुरत है।

प्रवेश महोत्सव में प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में आए विद्यार्थियों ने रखे विचार

प्रवेश महोत्सव के दौरान प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में दाखिला लेने वाले विवेक और अंजली ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों में सरकारी स्कूलों की अपेक्षा फीस अधिक थी, किताबों का भारी-भरकर खर्च होता था। इसके अतिरिक्त किसी भी वर्ष स्कूल की वर्दी बदल दी जाती थी। ऐसे में उनके माता-पिता पर हमारी पढ़ाई का बड़ा खर्च पड़ता था। तभी प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में दाखिला लिया, आज सरकारी स्कूल में प्राइवेट से अच्छी पढ़ाई करवाई जा रही है और हमारे पहले जितना खर्च भी वहन नहीं करना पड़ रहा है।

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