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रेल मंत्री का CBI से आग्रह, शिक्षा जगत के सहयोग से स्थापित की जाएं अत्याधुनिक साइबर फोरेंसिक लेबोरेटरी

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रेल मंत्री का CBI से आग्रह, शिक्षा जगत के सहयोग से स्थापित की जाएं अत्याधुनिक साइबर फोरेंसिक लेबोरेटरी
नई दिल्ली: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से आग्रह किया कि वह अकादमिक और रिसर्च इंस्टिट्यूट के साथ एक्टिव भागीदारी करके अत्याधुनिक साइबर फोरेंसिक लेबोरेटरी के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाए.वैष्णव ने गहन और पेशेवर जांच के माध्यम से सच्चाई को सामने लाने और प्रभावी अभियोजन के माध्यम से अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने में सीबीआई की वर्षों से निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर भी ध्यान केंद्रित किया.
21वें डीपी कोहली मेमोरियल लेक्चर को किया संबोधित
नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित सीबीआई के 62वें स्थापना दिवस पर 21वें डीपी कोहली मेमोरियल लेक्चर को संबोधित करते हुए वैष्णव ने कहा, “हमारे शिक्षाविदों, हमारे वैज्ञानिकों, हमारे शोधकर्ताओं के पास आज उल्लेखनीय ताकत और क्षमताएं हैं.इस ताकत का इस्तेमाल जांच एजेंसियों, कानून अधिकारियों और सरकारी विभागों द्वारा तकनीकी समाधान विकसित करने के लिए किया जाना चाहिए.”

तकनीकी-कानूनी दृष्टिकोण की आवश्यकता

उन्होंने आगे कहा कि अकेले कानून पर्याप्त नहीं होगा. हमें नए युग के अपराधों और जांच से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक तकनीकी-कानूनी दृष्टिकोण की आवश्यकता है. मंत्री की टिप्पणी तेजी से हो रहे तकनीकी विकास की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डीपफेक और साइबर-एनेबल क्राइम से उत्पन्न चुनौतियां भी शामिल हैं.
भारत की परिवर्तनकारी यात्रा
वैष्णव ने जोर देकर कहा कि प्रभावी आपराधिक न्याय का भविष्य कानूनी ढांचे को तकनीकी क्षमता और इंस्टिट्यूशनल इनोवेशन के साथ जोड़ने में निहित है. पिछले दशक में भारत की परिवर्तनकारी यात्रा पर विचार करते हुए मंत्री ने देश की तेज आर्थिक वृद्धि, मजबूत शासन और तकनीकी नेतृत्व का उल्लेख किया और पिछले दशक में विकास रणनीति के चार स्तंभों पर प्रकाश डाला, पहला, भौतिक, सामाजिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश, दूसरा बड़ी संख्या में समावेशी विकास कार्यक्रम, तीसरा विनिर्माण और नवाचार पर ज़ोर और चौथा, कानूनी और अनुपालन संरचनाओं का सरलीकरण.

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