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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले खंड, दिल्ली-दौसा-लालसोट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज,12 फरवरी को राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले खंड, दिल्ली-दौसा-लालसोट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज,12 फरवरी को राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे

◆ लागत: 1 लाख करोड़
◆ लंबाई: 1,386 कि.मी
◆ समय की बचत: 12 घंटे
◆ राज्य कवर: दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात
◆ वार्षिक ईंधन बचत: 3200 लाख लीटर
◆ वन्यजीवों की आवाजाही के लिए 7 किमी समर्पित ओवरपास और बाईपास
◆ प्रत्येक 25 किलोमीटर पर रिसॉर्ट्स, अस्पताल, छात्रावास, फूड कोर्ट, पेट्रोल पंपों के साथ-साथ वाणिज्यिक स्थान जैसे गोदाम और लॉजिस्टिक पार्क सहित आधुनिक सुविधाएं।
◆ CO2 उत्सर्जन को 850 मिलियन किलोग्राम तक कम करना जो 40 मिलियन पेड़ लगाने के बराबर है।
◆ प्रोजेक्ट पूरा होना – दिसंबर 2023।

इस सेक्शन के चालू होने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर लगभग 3.5 घंटे हो जाएगा और पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा.

■ 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड को 12,150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है.
■ इस खंड के चालू हो जाने से दिल्ली से जयपुर का यात्रा समय पांच घंटे से कम होकर लगभग तीन घंटे रह जाएगा. इस खंड के खुलने से पूरे क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा.
■ दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा की दूरी 12% कम होकर 1,424 किमी से 1,242 किमी हो जाएगी और यात्रा का समय 50% कम होकर 24 घंटे से 12 घंटे हो जाएगा.
■ 2024 में ये एक्सप्रेसवे पूरा बनकर तैयार हो जाएगा. यह छह राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगी और कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगा.
■ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे ऑप्टिकल फाइबर केबल, पाइपलाइन और सोलर एनर्जी प्रोडक्शन सहित यूटिलिटी लाइन बिछाने के लिए तीन मीटर चौड़े एक डेडिकेटेड कॉरिडोर के साथ बनाया जा रहा है.
■ अत्याधुनिक स्वचालित ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम के अलावा कॉरिडोर में 2000 से अधिक वॉटर रिचार्ज प्वाइंट्स के साथ 500 मीटर के अंतराल पर रेन वॉटर हर्वेस्टिंग की सुविधा भी होगी.
■ ये एक्सप्रेसवे एशिया में पहला और दुनिया में केवल दूसरा है, जिसमें वन्यजीवों की बेरोकटोक आवाजाही की सुविधा के लिए पशु ओवरपास और अंडरपास हैं.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एक ऐसी पहल जिससे दिल्ली और मुंबई के बीच सड़क के सफर में क्रांति आने की उम्मीद है. 1,386 किलोमीटर लंबा आठ-लेन का दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे रास्ते में कई शहरों को भी फायदा पहुंचाएगा. इस परियोजना पर काम मार्च, 2019 को शिलान्यास के साथ शुरू हुआ था.

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