अमित शाह और मान की मुलाकात के बाद ही शुरू हो गई थी तैयारी, ऐसे योजना बनाकर किया काम
पंजाब की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने वाले वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह की घेराबंदी की तैयारी दो मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दिल्ली में मुलाकात के बाद ही शुरू हो गई थी। दोनों नेताओं में करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई थी। बैठक के बाद भगवंत मान ने बताया था कि पंजाब की कानून व्यवस्था को लेकर केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि अमृतपाल सिंह पर शिकंजा कसा जा सकता है। पुलिस ने पूरी योेजना बनाकर अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई की।
23 फरवरी को अजनाला थाने पर अमृतपाल व उसके समर्थकों के हमले की घटना के बाद से ही बड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही थी। विपक्षी दल मान सरकार को लगातार निशाने पर ले रहे थे। अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के लिए पंजाब सरकार ने पूरे 22 दिन लगाए। इस दौरान उसकी हर गतिविधि पर पैनी नगर रखी गई। भिंडरावाला से हो रही थी तुलना 23 फरवरी की घटना के बाद से ही अमृतपाल सिंह पूरे पंजाब में घूम-घूमकर भड़काऊ बयान दे रहा था।
उसने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक को धमकी दे डाली थी। भारत में सिखों को गुलाम बताते हुए अलग देश की मांग भी की थी। उसकी वेशभूषा और भाषणों को देखते हुए उसकी तुलना जरनैल सिंह भिंडरांवाले से हो रही थी। अमृतपाल सिंह पर शिकंजा कसने के लिए एसएसपी सतिंदर सिंह, एसएसपी स्वर्णदीप सिंह और एसएसपी जे इलेनचेलियन को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पहले चरण में एसएसपी सतिंदर सिंह ने अमृतपाल सिंह के साथ घूमने वाले लोगों के हथियारों के लाइसेंस रद्द किए। वारिस पंजाब के टविटर हैंडलर गुरविंदर सिंह को यूके नहीं जाने दिया गया, उसको कानूनी केस में फंसाया गया।
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