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पटौदी के नए कोर्ट के उद्घाटन बाद खुली पोल

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पटौदी के नए कोर्ट के उद्घाटन बाद खुली पोल

बिना ढक्कन सीवर होल छोटा, लेकिन खतरा बहुत बड़ा

नए कोर्ट के प्रवेश द्वार पर ही मौजूद है लापरवाह नमूना

अनदेखी में किसी के साथ भी यहां हो सकता है हादसा

फतह सिंह उजाला
पटौदी । तीन दिन पहले ही शनिवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के प्रशासनिक एवं बिल्डिंग कमेटी के चेयरमैन जज अजय तिवारी के द्वारा पटौदी के नए ज्यूडिशल कोर्ट कंपलेक्स का उद्घाटन किया गया। यह नया कोर्ट परिसर पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा बनाया गया है।

14 करोड़ 54 लाख से अधिक लागत से बनाए गए पटौदी के नए जुडिशल कोर्ट एवं न्यायधीश परिसर के उद्घाटन के उपरांत यहां बरती गई लापरवाही की पोल भी खुल गई। कोर्ट परिसर में प्रवेश द्वार पर ही बिना ढक्कन का सीवर हॉल हादसे को न्योता दे रहा है। बेशक से इस बिना ढक्कन के सीवर होल का दायरा छोटा हो, लेकिन खतरा बहुत बड़ा है। जिस स्थान पर संबंधित विभाग की लापरवाही से यह सीवर होल बिना ढक्कन के हादसों को न्योता दे रहा है , उसी स्थान पर ही कोर्ट में आने वाले लोगों के द्वारा अपने वाहन भी खड़े किए जा रहे हैं । मामूली सी चूक या फिर अनदेखी सहित जल्दबाजी किसी भी दो पहिया वाहन चालक या फिर पैदल ही आने जाने वाले के लिए उसके जी का जंजाल भी बन सकती है ।

अभी पटौदी के नए ज्यूडिशल कोर्ट कंपलेक्स और आवासीय क्षेत्र के उद्घाटन को 72 घंटे भी नहीं बीते हैं कि सबसे पहली बड़ी और गंभीर लापरवाही का नमूना सार्वजनिक हो चुका है। जिस स्थान पर बिना ढक्कन का गहरा सीवर होल छोड़ दिया गया है , उस क्षेत्र में कथित रूप से दिन ढले और सर्दी के मौसम में गहरी धुंध के बीच में किसी के साथ भी हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता। हैरानी इस बात को लेकर है कि सोमवार और मंगलवार 2 दिन तक यहां कोर्ट परिसर में अनेक एडवोकेट पहुंचे , अनेक वादी-प्रतिवादी पहुंचे। जोकि अपने-अपने वाहनों को लेकर आए और फिलहाल पार्किंग के तौर पर कोर्ट के प्रवेश द्वार सहित लॉयर्स चौंबर की तरफ जाने वाले रास्ते पर ही वाहनों को भी खड़ा किया जा रहा है।

इस छोटी लेकिन बड़ी और गंभीर लापरवाही सहित समस्या की तरफ सबसे पहले मीडिया का ही ध्यान गया और संबंधित विभाग सहित संबंधित अधिकारियों कि इस प्रकार की गंभीर लापरवाही को देखकर हैरानी भी हुई । अब देखना यह है कि कितनी जल्दी इस खतरनाक सीवर होल पर ढक्कन लगाया जा सकेगा या फिर लापरवाही की जिम्मेदारी तय करते हुए संबंधित विभाग पर कोई एक्शन लिया जाएगा।

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