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PM मोदी NPDRR के तीसरे सत्र का करेंगे उद्घाटन, आपदा प्रबंधन से जुड़े खास मुद्दों पर होगी चर्चा

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PM मोदी NPDRR के तीसरे सत्र का करेंगे उद्घाटन, आपदा प्रबंधन से जुड़े खास मुद्दों पर होगी चर्चा

‘आपदा प्रबंधन महाविचार, पूरा भारत भागीदार’ इन्हीं कथनों को सार्थक बनाते हुए भारत बड़ी तेजी के साथ इस दिशा में कदम भी बढ़ा रहा है। इसी क्रम में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2013 में आपदा के न्यूनीकरण के उद्देश्य से गठित राष्ट्रीय मंच ‘NPDRR’ का तीसरा सत्र 10 और 11 मार्च 2023 को नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। इस सत्र का उद्घाटन पीएम मोदी द्वारा किया जाएगा।

10 मार्च, 2023 को नई दिल्ली में होगा कार्यक्रम

जानकारी के मुताबिक PM मोदी नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आपदा जोखिम न्यूनीकरण राष्ट्रीय मंच (NPDRR) के तीसरे सत्र का उद्घाटन करेंगे। यह सत्र आपदा प्रबंधन के लिहाज से बेहद खास रहने वाला है क्योंकि अमृतकाल, और NPDRR के तीसरे सत्र के विचार-विमर्श से प्रधानमंत्री मोदी के विजन-2047 के तहत 2030 तक भारत को आपदा प्रतिरोधी बनाने में सरकार को मदद मिलेगी।

PM द्वारा प्रख्यापित 10-सूत्रीय एजेंडे के साथ संरेखित

एनपीडीआरआर (NPDRR) के तीसरे सत्र का विषय “बदलती जलवायु में स्थानीय लचीलेपन का निर्माण” रखा गया है जो प्रधानमंत्री द्वारा प्रख्यापित 10-सूत्रीय एजेंडे के साथ संरेखित है, खासतौर से जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर तेजी से बदलते आपदा जोखिम परिदृश्य के संदर्भ में यह स्थानीय क्षमताओं का निर्माण करने के लिए होगा।

आपदा जोखिम में कमी पर विभिन्न क्रॉस कटिंग मुद्दों पर होगा विचार-विमर्श

दो दिवसीय इस कार्यक्रम में तमाम विषय विशेषज्ञ, चिकित्सक, शिक्षाविद और प्रतिनिधि सेंडाई फ्रेमवर्क और पीएम मोदी द्वारा दिए गए आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर 10 सूत्रीय एजेंडे के आधार पर आपदा जोखिम में कमी पर विभिन्न क्रॉस कटिंग मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। देश के किसी भी हिस्से में प्राकृतिक आपदा, मसलन बाढ़, भूकंप, जमीन धंसना, पहाड़ियों का खिसकना, तेजी से पिघलते ग्लेशियर और नदी के बहाव से होने वाला कटाव, इन बातों पर भी सत्र में विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे।

इन मुद्दों पर भी हो सकती है चर्चा

माना जा रहा है सत्र के दौरान जोशीमठ में धंस रही जमीन की घटनाओं पर भी चर्चा हो सकती है। ऐसे में वहां की जांच रिपोर्ट पर भी बातचीत होने की संभावना है। ऐसी घटनाओं का मूल कारण क्या रहा है और भविष्य में उससे बचाव का तरीका क्या होगा, इस पर चर्चा की जा सकती है।

ज्ञात हो, बीते दिनों सीरिया और तुर्की में आए भूकंप के बाद राहत एवं बचाव कार्य के लिए वहां पहुंची भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ शुरू किया था, जिसके तहत एनडीआरएफ की टीम को वहां भेजा गया था। एनडीआरएफ के जवानों ने वहां अनेक लोगों की जान बचाई। टीम ने वहां पर क्या विशेष कार्य किया, किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, ऐसी किसी आपदा के लिए भारत में कितनी तैयारी है, उसमें कैसे सुधार की जरूरत है, कौन से उपकरण चाहिए इत्यादि बातों पर भी चर्चा की जा सकती है। माना जा रहा है कि इसी के लिए दो दिवसीय सम्मेलन में यह विशेष सत्र रखा गया है। इस सत्र में एनडीआरएफ वे अधिकारी अपनी बात रखेंगे, जिन्होंने तुर्की में भारतीय दल का नेतृत्व किया।

केवल इतना ही नहीं पीएम मोदी 6 मार्च 2023 को अपने आवास 7, एलकेएम में आगामी ग्रीष्म ऋतु में गर्म मौसम के प्रति तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक भी कर चुके हैं। पीएम मोदी देश में भविष्य में किसी भी आपदा से निपटने के लिए टीमों की तैयार को लेकर पूरी गंभीरता के साथ नजर रख रहे हैं और सभी तैयारियों का जायजा भी ले रहे हैं।

1000 से अधिक विशिष्ट अतिथि लेंगे भाग

गौरतलब हो, NPDRR के इस सत्र में केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों, सांसदों, स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों, विशिष्ट आपदा प्रबंधन एजेंसियों के प्रमुखों, शिक्षाविदों, निजी क्षेत्र के संगठनों, मीडिया और नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों सहित करीब 1,000 से अधिक विशिष्ट अतिथि भाग लेंगे।

एनपीडीआरआर एक बहु-हितधारक राष्ट्रीय मंच

केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में, एनपीडीआरआर एक बहु-हितधारक राष्ट्रीय मंच है। इसकी विशेषता एक प्रक्रिया है, जहां सभी हितधारक ज्ञान, अनुभव, विचार और विचारों को साझा करने के लिए एक साथ मिलते हैं और आपदा में नवीनतम विकास और प्रवृत्तियों पर चर्चा करते हैं।

NPDRR का काम क्या है ?

एनपीडीआरआर का काम जोखिम में कमी (डीआरआर), कमियों की पहचान करना, सिफारिशें करना और आपदा जोखिम में कमी के प्रयासों को और तेज करने के लिए साझेदारी करना है। इसी संबंध में ये तीसरा सत्र मंत्रालयों और विभागों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, शहरी और ग्रामीण स्थानीय स्वशासन, शैक्षणिक संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, सीएसओ, पीएसयू और समुदायों में आपदा प्रबंधन प्रथाओं को मुख्यधारा में लाने में भी बड़ी मदद करने वाला है।

NPDRR में चार पूर्ण सत्र, एक मंत्रिस्तरीय सत्र शामिल

गृह मंत्रालय (एमएचए), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एनपीडीआरआर में चार पूर्ण सत्र व एक मंत्रिस्तरीय सत्र शामिल होगा यह सत्र आठ विषयगत होगा। उद्घाटन समारोह के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक विशेष मंत्रिस्तरीय सत्र आयोजित किया जाएगा। इसमें केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्री विभिन्न स्तरों पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रणालियों को और मजबूत करने पर विचार-विमर्श करेंगे। दो दिनों में, विषय विशेषज्ञ, चिकित्सक, शिक्षाविद और प्रतिनिधि सेंडाई फ्रेमवर्क और पीएम मोदी द्वारा दिए गए आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर 10 सूत्री एजेंडे के आधार पर आपदा जोखिम में कमी पर विभिन्न क्रॉस कटिंग मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।

2030 तक भारत को आपदा प्रतिरोधी बनाने में सरकार को मिलेगी मदद

ज्ञात हो, इस कार्यक्रम से पहले देश भर के एक दर्जन से अधिक शहरों में आपदा जोखिम प्रबंधन (जैसे, गर्मी की लहरें, तटीय खतरे, आपदा जोखिम प्रबंधन में महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ाना) से संबंधित विशिष्ट विषयों पर 19 प्री-इवेंट आयोजित किए गए थे। एनपीडीआरआर का पहला और दूसरा सत्र 2013 और 2017 में आयोजित किया गया था। अमृतकाल, और एनपीडीआरआर के तीसरे सत्र के विचार-विमर्श से पीएम मोदी के विजन-2047 के तहत 2030 तक भारत को आपदा प्रतिरोधी बनाने में सरकार को मदद मिलेगी। अधिक जानकारी के लिए NPDRR की वेबसाइट http://npdrr.nidm.gov.in पर लॉग ऑन कर सकते हैं।

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