नोएडा अथॉरिटी में तैनात पूर्व आईएएस का फर्जी तरीके से बेचा प्लॉट
नोएडा अथॉरिटी में तैनात पूर्व आईएएस का फर्जी तरीके से बेचा प्लॉट : रजिस्ट्रार ऑफिस और प्राधिकरण की मिलीभगत! पुलिस ने तीन को…
नोएडा : नोएडा प्राधिकरण में तैनात रहे एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी वाई जानकी रमैया गौविंदम के प्लाट को धोखाधड़ी कर बेचने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने दबोचा है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान मेरठ के शोएब, बागपत के संदीप गोयल और दिल्ली के शमशेर सिंह के रूप में हुई है। आरोपियों के खाते में जमा एक करोड़ 26 लाख रुपये को पुलिस ने फ्रीज भी करा दिया है। अन्य थानों से भी गिरोह में शामिल आरोपियों का आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है। यह मामला सेक्टर-39 का है।
जमीनी दस्तावेज तैयार करके प्लाट पर कब्जा
एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि बीते दिनों आंध्रप्रदेश निवासी चेरुकुरी विजयस्वरी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके पिता वाई जानकी रमैया गौविंदम का पूर्व में देहांत हो चुका है। उनका सेक्टर-40 स्थित प्लाट संख्या-डी-155 राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। आरोप है कि कुछ लोगों ने उनके पिता का फर्जी आधार कार्ड और अन्य जमीनी दस्तावेज तैयार करके प्लाट का इमेंस पावर प्राइवेट लिमिटेड को 6.12 करोड़ रुपये लेकर फर्जी बैनामा कर दिया। महिला की शिकायत पर सब रजिस्ट्रार और कंपनी के निदेशक समेत नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू गई।
फरार आरोपियों की तलाश
एसीपी ने बताया कि इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरोह का मुख्य सरगना राजकुमार चौहान उर्फ प्रधान उर्फ रहिसुल हसन है। राजकुमार चौहान उर्फ प्रधान उर्फ रहिसुल हसन अपने बेटे शोएब के साइबर कैफे पर फर्जी आधार कार्ड और प्लाट के फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। अपने साथी शमशेर सिंह और संदीप गोयल आदि के साथ मिलकर धोखाधड़ी से बैनामा करते हैं। वह अपने बेटे शोएब के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करता है। शोएब ने जहां अपना नाम सनी रखकर फर्जीवाड़ा किया। वहीं रहिसुल हसन ने कागजों में खुद को राजकुमार चौहान बताया। इस मामले में रजिस्ट्रार ऑफिस, नोएडा प्राधिकरण और बैंक के कर्मचारियों की मिली भगत की भी जांच की जा रही है। कई अन्य लोगों के साथ भी आरोपियों द्वारा इस प्रकार की ठगी करने की आशंका है। फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है ।।
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