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ऊर्जा समिति द्वारा हो रहा पौधों का रखरखावखाद-पानी देकर की संभाल

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ऊर्जा समिति द्वारा हो रहा पौधों का रखरखाव*खाद-पानी देकर की संभाल

प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम।ऊर्जा समिति द्वारा अपने 22वें  स्थापना दिवस 4 जुलाई से पौधारोपण के साथ-साथ उनका रखरखाव किया जा रहा है। समिति के महासचिव संजय कुमार चुघ ने बताया कि आज पौधारोपण के साथ-साथ उनको खाद-पानी आदि दिया गया। टेढ़े हो रहे पौधों को स्पोर्ट स्टिक बांधी गई। यह अभियान अन्य संस्थाओं के साथ भी आगामी मानसून की वर्षा में जारी रहेगा। पर्यावरण के प्रति जागरूकता का यह अभियान 28 जुलाई विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस तक लगातार जारी रहेगा। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का उद्देश्य ही स्वस्थ पर्यावरण को बढावा देना है। हम सभी ने मिलकर वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को शुद्ध व सुरक्षित ऊर्जा उपलब्ध करवानी है। बिजली, पानी, तेल, गैस, पैट्रोल, डीजल, सौर आदि ऊर्जा का मानवीय जीवन में बेहतर इस्तेमाल होना चाहिए। सभी प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण कर उचित इस्तेमाल करें और समाज को अच्छा जीवन प्रदान करें। उन्होंने पौधारोपण की आवश्कता के बारे में बताया कि आज पर्यावरण संतुलन में पेड़ पौधों का बहुत महत्त्व है। यह पौधारोपण का सुअवसर है, मानसून में नए पौधे अपनी जड़े मजबूत कर गर्मी से बच जाते हैं । वर्षा की शुरुआत होते ही पौधे लगाने में सभी को सहयोग करना चाहिए। सभी लोग अपने-अपने क्षेत्रों में जहां स्थान उपलब्ध हो वहां पौधे अवश्य लगायें, इससे वायु प्रदुषण को कम करने में योगदान होगा। प्रकृति का संरक्षण जरुरी है और इसमें सभी की भागीदारी होनी चाहिए।उन्होंने सभी से अपील की कि अपना बचाव रखते हुए वर्षा ऋतु में ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपना पूरा योगदान दें। सभी लोग पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधे लगाकर अपने कर्तव्यों का निर्वाह करें।महासचिव संजय चुघ ने कहा कि हर किसी को इस पर्यावरण की सुरक्षा का संकल्प लेना चाहिए। वर्तमान हालातों ने हमें समझा दिया कि संपूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर निर्भर है। इसलिए समय रहते एक स्वस्थ एवं सुरक्षित पर्यावरण का प्रयास करना चाहिए, प्रकृति को बचाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को जिम्मेवारी से कार्य करना होगा।उन्होंने लोगों से अपील की कि कोरोना से स्वयं को सुरक्षित रखते हुए वर्षा ऋतु में भी ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें।

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