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बिहार में PFI का ट्रेनर याकूब गिरफ्तार, मोतिहारी के चकिया से NIA और ATS ने दबोचा

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बिहार में PFI का ट्रेनर याकूब गिरफ्तार, मोतिहारी के चकिया से NIA और ATS ने दबोचा
मोतिहारीः एनआईए का वान्टेड औरपीएफआईउस्मान सुल्तान खान उर्फ याकूब को एटीएस ने पटना और मोतिहारी जिला पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया है. टीम ने उसे मोतिहारी के चकिया थाना क्षेत्र से पकड़ा किया है. पूर्वी चंपारण के एसपी कान्तेश कुमार मिश्रा ने इसकी पुष्टि की है.पटना के फुलवारी टेरर मॉड्यूल सामने आने के बाद चकिया के रहने वाले याकूब का एक वीडियो सामने आया था. जिसमें वह पीएफआई का झंडा लगाकर कुछ युवकों को ट्रेनिंग देता दिखाई दे रहा है. याकूब की तलाश एनआईए, एटीएस, सहित कई जांच एजेंसियां कर रही थी, लेकिन हर बार वह बार पुलिस और जांच एंजेसी को चकमा दे कर फरार हो जाता था. इससे पहले एटीएस ने फुलवारी शरीफ मॉड्यूल मामले में अभियुक्त मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, नुरुद्दीन जंगी और मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर को गिरफ्तार कर चुकी है. जिन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा चुकी है.

कई बड़े खुलासे होने की उम्मीदःइन तमाम आरोपियों से पूछताछ के दौरान कई तरह के साक्ष्य भी इकट्ठे किये गए हैं. अब जबकि इस मामले का बिहार से मेन सरगाना गिरफ्तार हुआ है, तो उम्मीद की जा रही है कि इससे पुछताछ में कई और खुलासे होंगे. दरअसल इस मामले में गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद एनआईए की ओर से गजवा-ए-हिंद के साथ-साथ मिशन 2047 पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है. एनआईए द्वारा मिशन 2047 का उद्देश्य क्या था और कौन से लोग किस देश से जुड़े हैं, सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है.

पीएम के पटना दौरे से पहले खुला था राज: आपको बता दें कि पिछले साल 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से पहले फुलवारीशरीफ टेरर मॉड्यूल का खुलासा हुआ था. जब फुलवारी शरीफ में पीएफअई सदस्य अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया था. ये लोग पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़े षड्यंत्र को रचने में लगे थे. यानी दोनों की साजिश के तार काफी गहरे दिख रहे थे. जिसके बाद बिहार पुलिस और अलर्ट कर दिया गया था.
भारत में पीएफआई पर बैन:प्रधानमंत्री आगमन को लेकर आईबी के अलर्ट के बाद IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद परत दर परत पूरा मामला सामना आ गया और अब इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है. जिसकी जांच आज भी चल रही है और इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. इस मामले के सामने आने के बाद भारत में पीएफआई पर बैन भी लगा दिया गया है.

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