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व्यक्तित्व के विकास का प्रारम्भ बाल्यकाल से संभव: बीके मोनिका

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व्यक्तित्व के विकास का प्रारम्भ बाल्यकाल से संभव: बीके मोनिका


नैतिक मूल्यों का प्रभाव बच्चों को कभी भी गुमराह नहीं होने देगा

आज का युवा आधुनिकता की होड़ में नैतिकता को पीछे छोड़ रहा

फतह सिंह उजाला
बोहड़ाकला। 
 ब्रह्माकुमारीज के पटौदी हलके के गांव बोहड़ाकला में स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में स्कूली बच्चों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नैतिक एवं चारित्रिक मूल्य विषय पर आयोजित कार्यक्रम में एसएससी पब्लिक स्कूल के बच्चों ने भाग लिया। सातवीं कक्षा के 100 से भी अधिक बच्चे कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

ओआरसी की बीके मोनिका ने बच्चों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व के विकास का प्रारम्भ बाल्यकाल से ही संभव है। बाल मन शक्तियों का मूल केंद्र है। निश्छल एवं शुद्ध होने के कारण बच्चों में सीखने की अपार संभावनाएं छिपी हुई हैं। नैतिक मूल्यों का गहरा प्रभाव बच्चों को कभी भी गुमराह नहीं होने देगा। उन्होंने कहा  कि आज का युवा आधुनिकता की होड़ में नैतिकता को पीछे छोड़ता जा रहा है। इसलिए बाल्यकाल से ही बच्चों को एक आदर्श जीवन जीने की कला सिखानी जरूरी है। बीके संजय ने कार्यक्रम का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि आज के बच्चे ही कल का भविष्य हैं। किसी भी देश के सम्पूर्ण विकास के लिए बच्चों की बेहतर शिक्षा जरूरी है। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ चरित्र निर्माण की आधारशिला बचपन से ही शुरू होती है। 

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