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आईएएस एसडीएम प्रदीप सिंह के तबादले से लोगों को हैरानी !

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आईएएस एसडीएम प्रदीप सिंह के तबादले से लोगों को हैरानी !

8 दिसंबर को पटौदी में ज्वाइन किया और 1 जनवरी को तबादला

वर्ष 2020 के यूपीएससी आईएएस टॉपर रहे हैं 30 वर्ष के प्रदीप सिंह

प्रदीप सिंह की सोच और विचारधारा युवा वर्ग को नई दिशा देने की

तबादला करना सरकार का अधिकार क्षेत्र और प्रदीप का हो गया

पटौदी में रहते प्रदीप सिंह और एमएलए के बीच नहीं हुई मुलाकात

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
  प्रशासन और शासन , यह व्यवस्था को चलाने तथा सरकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी माने गए हैं । किस अधिकारी को कब और कहां ट्रांसफर कर पोस्टिंग करनी है , यह सरकार के अधिकार क्षेत्र में ही होता है । लेकिन कई बार कथित रूप से ऐसे मामले भी संज्ञान में आते रहे हैं, जब चुने हुए जनप्रतिनिधि या अन्य किन्हीं कारणों से सरकार के सामने संबंधित अधिकारी का तबादला करने के अलावा अन्य कोई विकल्प भी बाकी नहीं बचता ।

बहरहाल सीधी और साफ बात पटौदी मंडी परिषद में ही पटौदी सबडिवीजन में वर्ष 2020 के यूपीएससी और आईएएस टॉपर युवा अधिकारी प्रदीप सिंह को घरौंडा से बतौर एसडीएम ट्रांसफर कर यहां भेजा गया । 8 दिसंबर को प्रदीप सिंह के द्वारा पटौदी एसडीएम का कार्यभार संभाला गया और इसके बाद 1 जनवरी 2023 को उनके ट्रांसफर के आदेश सरकार के द्वारा जारी कर दिए गए । इस प्रकार 20 – 22 दिन में ही प्रदीप सिंह के ट्रांसफर को लेकर पटौदी क्षेत्र के लोगों को हैरानी हो रही है। हालांकि इस अल्प समय के दौरान आईएएस पटौदी के एसडीएम प्रदीप सिंह के द्वारा पाटोदी पंचायत समिति के चुनाव संपन्न करवाए गए , इसके अलावा देखा जाए तो ऐसा कोई भी बड़ा कार्य उनके द्वारा नहीं किया गया जिसका विशेष रूप से उल्लेख किया जा सके । चुनाव भी एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया का ही हिस्सा है , अधिकारी चाहे कोई भी होता पाटोदी पंचायत समिति के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के चुनाव होने निश्चित ही थे ।

इस संदर्भ में पटौदी के पूर्व एमएलए राज्य शिक्षा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन और आम आदमी पार्टी किसान विंग के दक्षिणी हरियाणा प्रभारी रामवीर सिंह का कहना है कि जब सरकार के द्वारा किसी भी अधिकारी का किसी मंडल क्षेत्र में तबादला किया जाए तो कम से कम अधिकारी को 2 वर्ष के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए । क्योंकि जो भी कोई नया अधिकारी किसी भी नए क्षेत्रीय स्टेशन पर ट्रांसफर होकर पहुंचता है, तो औसतन 4 से 5 महीने क्षेत्र और क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति सहित स्थानीय समस्याओं को जानने पहचानने समझ में नहीं समय लग जाता है । इस बीच में जिला स्तर से लेकर सरकारी स्तर तक भी विभिन्न प्रकार की बैठक और विभिन्न प्रकार के कार्य भी नवागत अधिकारियों को समझने के बाद अपना अपना पक्ष संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों सहित सरकार के पास भी रखना होता है ।

इसी प्रकार से पंचायत समिति पटौदी के पूर्व चेयरमैन पूर्व जिला पार्षद और जननायक जनता पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ चुके दीपचंद का भी यही मानना है कि सरकार के द्वारा अधिकारियों के तबादले या ट्रांसफर के संदर्भ में कोई न कोई ठोस नीति अवश्य बनानी चाहिए । यदि अधिकारियों का जल्दी-जल्दी तबादला या ट्रांसफर होता रहेगा , तो ऐसे में संबंधित क्षेत्र के कार्य आम जनता की समस्याएं व अन्य प्रकार के कार्य प्रभावित होने से इंकार नहीं रह सकते । इसका मुख्य कारण भी यही है कि संबंधित अधिकारी को नए क्षेत्र में पहुंचने के बाद सारे हालात को समझना भी होता है।

जब 2020 के यूपीएससी आईएएस टॉपर प्रदीप सिंह ट्रांसफर होकर बतौर एसडीएम पटौदी पहुंचे थे ,उसने उनसे हुई विशेष बातचीत में यह बात साफ साफ देखी गई कि उनकी सोच और विचारधारा युवा वर्ग के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाने की है। यह परिवर्तन प्रदीप सिंह के मुताबिक युवा वर्ग को साथ लेकर जन आंदोलन खड़ा करने की महसूस की गई । एसडीएम कार्यालय में ही बातचीत के दौरान युवा आईएएस अधिकारी प्रदीप सिंह के द्वारा इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि शिक्षा आज के समय में प्रत्येक बच्चे के लिए एक अनमोल गहना है । विशेष रुप से लड़कियों को अभिभावक अधिक से अधिक उच्चतर शिक्षा दिलवाएं। लड़कियों का शिक्षित होना परिवार समाज राष्ट्र के बेहतर निर्माण में अपनी श्रेष्ठ भूमिका निभाने में सक्षम है । आज के समय में हरियाणा राज्य में स्कूल से लेकर सेना सहित कोई भी क्षेत्र हो या फिर खेल का मैदान हो लड़कियों ने अपनी योग्यता को लड़कों के मुकाबले बेहतर साबित किया है ।

आईएएस प्रदीप सिंह के शब्दों में भारत देश दुनिया में युवा वर्ग की औसत आयु को देखते हुए सबसे अधिक युवा राष्ट्र है। जिस देश में एक से एक प्रतिभाशाली युवा उपलब्ध हो , ऐसे युवाओं की योग्यता और उनकी प्रतिभा का राष्ट्रहित में जितना अधिक लाभ उठाया जा सके , उतना कम है । बातचीत के दौरान प्रदीप सिंह के द्वारा कहा गया था कि सरकारी सेवा मैं आने के बाद भी यदि इच्छाशक्ति हो तो समाज और समाज के विभिन्न संगठनों को साथ लेकर युवा वर्ग को समाज की तमाम बुराइयों से अवगत करवाते हुए हम सभी एक श्रेष्ठ और बेहतर समाज सहित राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं । सरकारी सेवा में रहते हुए भी ऐसे बहुत अवसर प्राप्त होते हैं, जब कहीं ना कहीं कोई न कोई ऐसी प्रतिभा सामने आ जाती है , जिसे यदि सही प्रकार से प्रोत्साहन मिले सरकार के द्वारा सहयोग प्राप्त हो तो दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं जो भारतीय युवा का किसी भी क्षेत्र में मुकाबला कर सके । बहरहाल पटौदी क्षेत्र के अधिकांश लोगों का यही तर्क है कि जब वर्ष 2020 के यूपीएससी और आईएएस टॉपर अधिकारी प्रदीप सिंह को पटौदी का एसडीएम बनाकर यहां जिम्मेदारी सौंपी गई , तो कम से कम उनकी सेवाओं कार्यनीति का पटौदी क्षेत्र जोकि आज के समय में जिला गुरुग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है । उसी पटौदी क्षेत्र में विकास और जन सुविधाओं की नई सोच और विचारधारा अनुभव का भी लाभ अवश्य लोगों को मिलना चाहिए था ।

इसी बीच कथित रूप से यह बात भी निकल कर आई है कि 8 दिसंबर को पटौदी एसडीएम का कार्यभार संभालने के बाद 1 जनवरी 2023 को उनका तबादला होने तक पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता और पटौदी के आईएएस एसडीएम अधिकारी प्रदीप सिंह के बीच अपरिहार्य कारणों या फिर अपनी अपनी व्यवस्थाओं के कारण कोई मुलाकात हो सकी और नहीं पटौदी क्षेत्र के विकास को लेकर महत्वपूर्ण बैठक भी होने का कोई मौका उपलब्ध हो सका । बहरहाल पटौदी के एसडीएम आईएएस अधिकारी प्रदीप सिंह का अब तबादला हो चुका है । इसके बाद में नए एसडीएम संजीव कुमार के कंधों पर पटौदी मंडी नगर परिषद सहित नवनिर्वाचित पंचायतों के जनप्रतिनिधियों के द्वारा अपने अपने गांव की समस्याओं को समाधान करवाने की जिम्मेदारी तथा अन्य पटौदी क्षेत्र में करोड़ों रुपए के विकास कार्यों को गति प्रदान करना भी शामिल रहेगा।

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