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देश की एकता और अखंडता में लोह पुरुष और आयरन लेडी की दूरदर्शिता- पर्ल चौधरी

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देश की एकता और अखंडता में लोह पुरुष और आयरन लेडी की दूरदर्शिता- पर्ल चौधरी

31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती और आयरन लेडी श्रीमती गांधी की पुण्यतिथि

राष्ट्र की एकता और अखंडता के सूत्रधार दलगत राजनीति से बहुत ऊपर

इस प्रकार के नेताओं का या नेतृत्व करने वालों का हमेशा सम्मान होना चाहिए

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम। भारत देश की एकता और अखंडता में लोह पुरुष और आयरन लेडी की दूरदर्शिता आज भी एक प्रेरणा स्रोत बनी हुई है। 31 अक्टूबर का दिन सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के रूप में मनाया जाता है । दूसरी तरफ आयरन लेडी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी को उनके बलिदान के लिए श्रद्धापूर्वक याद किया जाता है। राष्ट्र की एकता अखंडता के लिए आजीवन समर्पित रहने वाले इस प्रकार के दृढ़ निश्चय और जीवटधारी नेताओं को दलगत  राजनीति से ऊपर उठकर खुले दिल से और खुले विचारों से इनका मान सम्मान करना चाहिए। यह बात सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री श्रीमती पर्ल चौधरी ने सरदार वल्लभभाई पटेल और स्वर्गीय इंदिरा गांधी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया जाने के उपरांत अपने प्रतिक्रिया में कही।

उन्होंने कहा आज का दिन भारत के दो लौह विभूतियों को नमन करने का दिन है। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती और भारत की आयरन लेडी श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि है। भारत के गृह मंत्री के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल  ने भारत के विभाजन के बाद 550 से अधिक रियासतों को जोड़कर अखंड भारत का निर्माण किया। इस प्रकार का कार्य उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति और दृढ़ निश्चय का प्रतीक है। इसी प्रकार से पूर्व  प्रधानमन्त्री इंदिरा गांधी ने 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े करवा कर विश्व का मानचित्र सदा के लिए बदल दिया। इस प्रकार का दूरदर्शी रण कौशल और राष्ट्रहित का फैसला निश्चित रूप से फौलादी दृढ़ इच्छा शक्ति का कोई व्यक्ति विशेष रूप से महिला के द्वारा ही लिया गया । ऐसे एक नहीं अनेक स्वर्गीय श्रीमती गांधी के द्वारा राष्ट्र हित में फैसले किए गए । जिनकी बदौलत उनकी छवि पूरी दुनिया में आयरन लेडी के रूप में आज भी बनी हुई है।

श्रीमती चौधरी ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित समर्पित करते हुए कहा एक महान विभूति ने भारत को जोड़ा और दूसरी महान विभूति ने 24 वर्षीय युवा भारत की शक्ति को दुनिया के सामने सिद्ध किया।दोनों की कर्मठता, देशभक्ति और अदम्य संकल्प आज भी हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं।

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