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जयपुर हॉस्पिटल में मरीज फिर परेशान:मशीन खराब होने से थायराइड की टीएसएच, टी3, टी4 की जांचे पिछले 10 दिन से बंद

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जयपुर हॉस्पिटल में मरीज फिर परेशान:मशीन खराब होने से थायराइड की टीएसएच, टी3, टी4 की जांचे पिछले 10 दिन से बंद

जयपुर के जयपुरिया हॉस्पिटल में इन दिनों व्यवस्थाएं ही लगातार बीमार चल रही है। यहां हर रोज किसी न किसी कारण से मरीजों को पेरशान होना पड़ता है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी जांच की मशीनों में आए दिन होती खराबी से होती है। पिछले दो माह से जयपुरिया हॉस्पिटल में बायोकैमेस्ट्री लैब में मशीने लगातार खराब हो रही है और इस कारण 10-15 दिन तक मरीजों को परेशान होना पड़ता है। ऐसा ही अब हो रहा है, क्योंकि यहां थायराइड प्रोफाइल की जांच करने वाली मशीन पिछले 10 दिन से बंद पड़ी है।

इस कारण यहां आने वाले मरीज जिनको डॉक्टर टीएसएच, टी3, टी4 की जांचे लिखते है वे मरीज बिल काउंटर से पर्ची कटवाने जाते है तो वहां काउंटर पर बिल जनरेट ही नहीं किया जा रहा। जानकारों के मुताबिक यहां लैब से ही बिल जनरेट करने के लिए मौखिक तौर पर कह रखा है। इस कारण मरीजों को जांच के लिए बाहर प्राइवेट लैब में जाना पड़ता है। ये बाहर जांच बाहर 500 से लेकर 800 रुपए में होती है।

आरयूएचएस के बायोकेमेस्ट्री डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. जितेन्द्र आहूजा का कहना है कि मशीन खराब होने के कारण जांचे बंद है। उन्होंने बताया कि हमने नई मशीन की खरीद के लिए टेण्डर कर दिए है और ये रिजेंट रेंटल बेस में ली जाएगी। इसमें कंपनी मशीन फ्री में लगाकर देगी और उसका रखरखाव भी कंपनी ही करेगी। अगर मशीन खराब भी होती है तो कंपनी बैकअप में दूसरी मशीन की भी व्यवस्था करेगी। इससे सरकार के 35 से 40 लाख रुपए की बचत होगी।

एक महीने बंद रही थी जांच की मशीन

जयपुरिया हॉस्पिटल में एक महीने पहले दिसंबर में भी इसी तरह मशीन खराब होने से मरीज परेशान हुए थे। यहां बायोकेमेस्ट्री लैब में सीबीसी समेत दूसरे ब्लड टेस्ट करने की मशीनें खराब हो गई थी। इस कारण यहां से सैंपल जांच के लिए आरयूएचएस भेजने पड़े थे। तब भी प्रशासन करीब 15 से 20 दिन तक मशीनों को ठीक नहीं करवा सका था। मशीनों का रखरखाव करने वाली फर्म पर भी प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर सका था।

रखरखाव करने वाली कंपनी नहीं कर पा रही ठीक

अधिकारियों के मुताबिक जयपुरिया हॉस्पिटल की लैब में रखी मशीनों के रखरखाव का जिम्मा KTPL कंपनी के पास है। लेकिन कंपनी के इंजीनीयर हर बार मशीन खराब होने पर उसे 15 से 20 दिन के अंतराल में ठीक करते है। जबकि टेण्डर शर्तो में 48 से 72 घंटे में मशीन को ठीक करने का क्लॉज रखा है। सूत्रों के मुताबिक कंपनी इससे पहले भी यहां कुछ मशीनें खराब हो चुकी है, जिन्हें ठीक करवाने में लम्बे समय तक इंतजार करना पड़ा था।

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