पटौदी लायर्स चेंबर मामला
पटौदी बार एडवोकेट को श्रीराम लैब दिल्ली पर भी नहीं भरोसा !
लॉयर्स चेंबर मेटेरियल जांच को फरीदाबाद क्वालिटी कंट्रोल की मेल
पीडब्ल्यूडी क्वालिटी कंट्रोल फरीदाबाद ने कहा वर्क लोड ज्यादा
श्रीराम लैब दिल्ली से संपर्क सहित जांच के लिए लिखा गया
फतह सिंह उजाला
पटौदी । पटौदी बार एसोसिएशन के तत्वाधान में पटौदी बार एसोसिएशन के तत्वाधान में नए ज्यूडिशल कंपलेक्स अथवा कोर्ट के बगल में निर्माणाधीन लायर्स चेंबर के मामले को लेकर एक के बाद एक चैकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं । इस पूरे प्रकरण को लेकर एक बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध हुआ है।
इस दस्तावेज के मुताबिक पटौदी बार एसोसिएशन की एक महिला एडवोकेट के द्वारा पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को निर्माणाधीन लॉयर्स चैंबर की सैंपलिंग और मेटेरियल की जांच के लिए 10 अप्रैल 2021 को मेल भेजकर जांच की मांग की गई । महिला एडवोकेट के द्वारा भेजी गई इस मेल के जवाब में पीडब्ल्यूडी विभाग क्वालिटी कंट्रोल फरीदाबाद की तरफ से 30 अप्रैल 2000 21 को संबंधित महिला एडवोकेट से अनुरोध किया गया कि वह पटौदी लायर्स चेंबर के मेटेरियल सहित जांच के लिए श्रीराम लैब दिल्ली से संपर्क करके सैंपलिंग और जांच करवा सकती हैं । हरियाणा सरकार के ही पीडब्ल्यूडी विभाग के क्वालिटी कंट्रोल विभाग के द्वारा श्रीराम लैब दिल्ली को रिकमेंड किया जाना वास्तव में बहुत बड़ी बात है। क्योंकि यदि कोई भी सरकारी विभाग जांच के लिए किसी विशेष लैब के नाम की रिकमेंडसन करता है , तो इसका सीधा सीधा तात्पर्य यही है कि संबंधित लैब की विश्वसनीयता पर किसी भी प्रकार से शक की गुंजाइश बाकी नहीं रह जाती है ।
हालांकि पटौदी बार एसोसिएशन की महिला एडवोकेट के द्वारा पीडब्ल्यूडी विभाग को भेजी गई मेल में इस बात का विशेष रूप से जिक्र किया गया है कि जो वह टेस्टिंग और सैंपंिलग की जांच करवाना चाहती हैं, उसके खर्च की भी जानकारी उपलब्ध करवाई जाए। पीडब्ल्यूडी विभाग फरीदाबाद के क्वालिटी कंट्रोल विभाग और अधिकारियों के द्वारा बताया गया कि उनके पास में हरियाणा की 16 प्रोविजनल डिवीजन का कार्यभार है , ऐसे में यही बेहतर होगा कि आवेदक संबंधित जांच के लिए श्रीराम लैब दिल्ली से संपर्क करें।
अब गौर करने वाली बात यह भी है कि जब महिला एडवोकेट पीडब्ल्यूडी विभाग को सेपलिंगसहित मेटिरियल जांच का खर्च भुगतान के लिए जानकारी मांग सकती है तो, यही काम श्रीरा लैब दिल्ली में भी भुगतान करके कभी का करवाया जा सकता था, इतने समय लटाया जाना भी बड़ा सवाल बना दिखााई दे रहा है।
पीडब्ल्यूडी विभाग क्वालिटी कंट्रोल फरीदाबाद के द्वारा आवेदक के साथ-साथ अपने विभाग के ही संबंधित अधिकारियों को भी इस पूरे पत्र और पत्राचार के विषय में समय रहते ही जानकारी दी जा चुकी है। अब ऐसे में लाख टके का सवाल यह है कि करीब 5 माह बीत चुके हैं और मेटेरियल सहित सेंपलिंग की मांग करने वाली महिला एडवोकेट आखिर ऐसा क्या कारण है कि हरियाणा सरकार के ही विभाग के द्वारा बताई गई लैब में वह जिस भी प्रकार की जांच करवाना चाहती हैं उस लैब को अभी तक तलाश भी नहीं कर सकी है ? यदि करीब 5 माह के दौरान इस लैब को तलाश कर लिया जाता और इस बात से भी इनकार नहीं की संबंधित लेख सैंपलिंग के साथ-साथ मेटेरियल की जांच रिपोर्ट भी उपलब्ध करवा देती। इसके बाद में यदि सैंपल और टेस्ट रिपोर्ट श्रीराम लैब दिल्ली के द्वारा फेल बताये जाते या फिर कसौटी पर खरे नहीं बताए जाते तो ऐसे में पटौदी लायर्स चेंबर बनाने वाली कंपनी सहित बिल्डर के ऊपर बहुत पहले से ही कानूनी शिकंजा कसते हुए अपराधिक मामला भी दर्ज करवाया जा सकता था ? लेकिन जिस प्रकार से अभी तक जांच के लिए ज्ञापन और मांग पत्र सौंपे जाने का सिलसिला चला आ रहा है , उसको देखते हुए ऐसा महसूस होता है कि पटौदी बार के ही कुछ एडवोकेट केवल और केवल कथित रूप से शिकायत करने में अधिक भरोसा करने वाले महसूस हो रहे हैं , जबकि वास्तव में उन्हें सकारात्मक और ठोस परिणाम सामने लाने की पहल करनी चाहिए।
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