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पटौदी प्रशासन को आतंकवाद विरोधी दिवस से नहीं कोई सरोकार

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पटौदी प्रशासन को आतंकवाद विरोधी दिवस से नहीं कोई सरोकार

नागरिक और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी एक छत के नीचे

ना तो शांति अहिंसा का समर्थन और आतंकवाद का किया विरोध

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हुए थे आतंकवाद का शिकार

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 शुक्रवार को हरियाणा राज्य मैं विभिन्न स्थानों सहित पुलिस विभाग के द्वारा और शिक्षण संस्थानों में आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया गया । आतंकवाद विरोधी दिवस के मौके पर विभिन्न विभागों में अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा आतंकवाद विरोधी दिवस के मौके पर आतंकवाद के खात्मे की शपथ लेने के साथ ही शांति सद्भाव और भाईचारा बनाए रखने का संकल्प किया गया ।

लेकिन इन सब आयोजनों के विपरीत, पटौदी सबडिवीजन मुख्यालय पर आतंकवाद विरोधी दिवस की पूरी तरह से अनदेखी किया जाना चर्चा का विषय लोगों सहित बुद्धिजीवी वर्ग के बीच बना रहा। आखिर ऐसा क्या कारण रहा कि नागरिक प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन पटौदी के सामुदायिक भवन में एक ही छत के नीचे मौजूद रहा  और यहां पर आला अधिकारी भी उपलब्ध थे । लेकिन आतंकवाद के खिलाफ किसी के द्वारा एक शब्द भी नहीं कहा गया ।  देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी आतंकवाद का शिकार बने थे और आतंकवाद विरोधी दिवस पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को आतंकियों के द्वारा निर्मम तरीके से निशाना बनाया जाने के विरोध में ही मनाया जाता रहा है ।

इस दिन सामूहिक रूप से आतंकवाद के खिलाफ शपथ और संकल्प लिया जाता है। आतंकवाद का दंश अलग-अलग स्वरूपों में कहीं ना कहीं किसी न किसी रूप में देश के विभिन्न प्रांतों में आम जनमानस सुरक्षा बल भी झेलने के लिए मजबूर है । शिक्षण संस्थानों में और सार्वजनिक आयोजन कर लोगों को आपसी भाईचारा शांति आपसी सौहार्द बनाए रखने का संदेश देते हुए संकल्प लिया जाता है । लेकिन हैरानी इस बात को लेकर है कि आखिर ऐसा क्या और कौन सा कारण रहा कि पटौदी के सामुदायिक भवन में जहां पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा खुला जनता दरबार लगाया गया, उस मौके पर पटौदी के एसडीएम, पटौदी के एसीपी, पटौदी के थाना प्रभारी, पटौदी की तहसीलदार, पटौदी और हेली मंडी नगर पालिका के अधिकारी व अन्य विभागों के अधिकारी सहित सरकारी विभागों के कर्मचारी भी मौजूद रहे । सबसे महत्वपूर्ण बात सत्ता पक्ष के नेता पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में शामिल थे । इससे भी महत्वपूर्ण बात सैकड़ों की संख्या में जिनमें महिलाएं युवा और विभिन्न समुदाय वर्गों के लोग भी मौजूद रहे ।

फिर भी किसी भी अधिकारी का इस तरफ ध्यान नहीं गया कि आतंकवाद विरोधी दिवस के मौके पर कम से कम सामूहिक रूप से आतंकवाद के विरोध में लोगों को जागरूक किया जाए और आपसी भाईचारा शांति आपसी सौहार्द को बनाए रखने की सामूहिक रूप से शपथ लेते हुए संकल्प भी किया जाए। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है , अक्सर पटौदी में इस प्रकार के राष्ट्रीय स्तर के जन जागरूकता के कार्यक्रम की अनदेखी होने के मामले अक्सर चर्चा के साथ-साथ अपने आप में सवाल बनकर जवाब की तलाश भी करते दिखाई देते हैं।

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