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Rajni

इतिहास की मुख्य घटनाओं सहित पञ्चांग-मुख्यांश ..

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इतिहास की मुख्य घटनाओं सहित पञ्चांग-मुख्यांश ..

 📝आज दिनांक 👉

📜 12 अप्रैल 2022
मंगलवार
🏚नई दिल्ली अनुसार🏚

🇮🇳शक सम्वत- 1944
🇮🇳विक्रम सम्वत- 2079
🇮🇳मास- चैत्र
🌓पक्ष- शुक्लपक्ष
🗒तिथि- एकादशी-29:04 तक
🗒पश्चात्- द्वादशी
🌠नक्षत्र- आश्लेषा – 08:35 तक
🌠पश्चात्- मघा
💫करण- वणिज-16:53 तक
💫पश्चात्- विष्टि
✨योग- शूल-12:02 तक
✨पश्चात्- गण्ड
🌅सूर्योदय- 05:59
🌄सूर्यास्त- 18:45
🌙चन्द्रोदय- 14:24
🌛चन्द्रराशि- कर्क – 08:35 तक
🌛पश्चात्- सिंह
🌞सूर्यायण – उत्तरायण
🌞गोल- उत्तरगोल
💡अभिजित- 11:56 से 12:47
🤖राहुकाल- 15:33 से 17:09
🎑ऋतु- वसन्त
⏳दिशाशूल- उत्तर

✍विशेष👉

🔅आज मंगलवार को 👉 चैत्र सुदी एकादशी 29:04 तक पश्चात् द्वादशी शुरू , कामदा एकादशी व्रत ( सभी के लिए , पंचांगभेद से स्मार्त यानी केवल गृहस्थी के लिए ) , श्री विष्णु / लक्ष्मीकान्त दोलोत्सव , सायं दोलारुढ़ पूजन , श्री श्यामबाबा जागरण , सर्वार्थसिद्धियोग / कार्यसिद्धियोग सूर्योदय से 08:35 तक , मूल संज्ञक नक्षत्र जारी , सर्वदोषनाशक रवि योग 06:37 तक , राहु (वक्री) कृतिका नक्षत्र व मेष राशि में 13:40 पर , केतु (वक्री) विशाखा नक्षत्र व तुला राशि में 13:40 पर , कुमारयोग 08:34 से 29:02 तक , विघ्नकारक भद्रा 16:52 से 29:03 तक , श्री वल्लभाचार्य बधाई , भगवान सुमतिनाथ जन्म – ज्ञान – मोक्ष कल्याणक ( जैन , चैत्र शुक्ल एकादशी ) व विश्व विमानन और कॉस्मोनॉट्स दिवस ।
🔅कल बुधवार को 👉 चैत्र सुदी द्वादशी 28:52 तक पश्चात् त्रयोदशी शुरू , कामदा एकादशी व्रत ( पंचांगभेद , वैष्णव / साधु – संन्यासी आदि ) , श्री मदन / वामन द्वादशी , श्री श्यामबाबा द्वादशी , मूल संज्ञक नक्षत्र 09:37 तक , हरि दमनोत्सव , बुध पश्चिम में उदय 10:03 पर , गुरु मीन राशि में 15:49 पर , राजयोग 09:36 से 28:50 तक , जलियांवाला बाग नरसंहार स्मृति दिवस (1919 , 103वीं वर्षगांठ) , महान संत अमर शहीद कंवरराम साहब की 137वीं जयंती ( सिंधी समाज ) , बैशाखी पर्व ( कल 14 अप्रैल का भी वर्णन , बैशाखी सिखों के नए साल का पहला दिन ) , खालसा पंथ स्थापना दिवस , राज्य सूचना आयोग स्थपना दिवस व International FND (Functional Neurological Disorder) Awareness Day.

🎯आज की वाणी👉

🌹
अप्युन्मत्तात् प्रलपतो
बालाच्च परिजल्पतः।
सर्वतः सारमादद्याद-
श्मभ्य इव काञ्चनम्।।
★महाभारतम् उद्योगपर्व ३४-३२
अर्थात्👉
निरर्थक बोलने वाले, पागल तथा बकवाद करने वाले बच्चे से भी सब ओर से उसी भाँति सार बात ग्रहण करनी चाहिए, जैसे पत्थरों में से सोना लिया जाता है।

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