ऑर्गेनिक 3 डी तिरंगा बना रहा जिज्ञासा और आकर्षण का केंद्र
ऑर्गेनिक 3 डी तिरंगा बना रहा जिज्ञासा और आकर्षण का केंद्र ब्रह्माकुमारीज ओ आर सी बोहड़ा कला सेंटर में स्वतंत्रता दिवस पर फहराया तिरंगा
बीके आशा दीदी बोली राष्ट्र के उत्थान के लिए कर्तव्यनिष्ठ होना जरूरी
3डी ऑर्गेनिक रंगोली में खाद्य सामग्री से उकेरा तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज
फतह सिंह उजाला पटौदी / बोहड़ा कला 16 अगस्त ।
ब्रह्माकुमारीज के बोहड़ा कला स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में 77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हर्षोल्लास से फहराया गया। इस मौके पर सबसे खास बात इस बीके सचिन के द्वारा अलग-अलग दालों और रंगीन किए गए चावल के माध्यम से बहुत सुंदर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की 3डी रंगोली बनाई गई यह 3D ऑर्गेनिक तिरंगा बोहड़ा कला ओ आर सी की प्रमुख बीके आशा दीदी के अलावा वहां पर रहने वाले और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले सभी लोगों के बीच जिज्ञासा सहित आकर्षण का केंद्र बना रहा यहां आने वाले सभी लोग ऑर्गेनिक 3D तिरंगा को काफी देर तक तक की लगाए देखते रहे यह ऑर्गेनिक 3D तिरंगा इस प्रकार से बनाया गया है कि भारतीय मानचित्र पर गोल चक्कर के आकार में तिरंगा खड़ा हुआ महसूस किया जाता है यह 3डी तिरंगा 16 ×12 फिट आकार के भारत के मानचित्र के ऊपर बनाया गया । 29 घंटे के अथक प्रयास के बाद बीके सचिन ने इस तिरंगा रंगोली को पूर्ण स्वरूप प्रदान किया। 3डी तिरंगा रंगोली को बनाने वाले बीके सचिन के मुताबिक उनके द्वारा समय-समय पर इसी प्रकार से ऑर्गेनिक अर्थात खाद्य पदार्थ जैसे दाल ,चावल ,गेहूं इत्यादि से विभिन्न प्रकार की रंगोली बनाई जाती रही है । इस प्रकार की ऑर्गेनिक रंगोली का सबसे अधिक लाभ यह है कि इसको बनाने में इस्तेमाल की गई खाद्य सामग्री को भोजन के रूप में इस्तेमाल किया जाने के साथ-साथ सही प्रकार से सुरक्षित रख और किसी अन्य रंगोली में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है । दूसरा इस प्रकार की ऑर्गेनिक रंगोली केमिकल रहित होने की वजह से पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित होती है। रंगोली में प्रमुख रूप से ऑर्गेनिक कलर के रूप में चावल, मिर्ची, कोयला, मूंग, मसूर, उड़द तथा अन्य दालों को मिलाकर 11 किलोग्राम सामग्री का उपयोग किया गया। बीके सचिन स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के साथ-साथ अनेक धार्मिक अवसरों पर भी आकर्षक रंगोली बनाते हैं। भारत जमीन का टुकड़ा नहीं आदर्शों की भूमि इसी मौके पर घर-घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए ओआरसी की निदेशिका बीके आशा दीदी ने कहा कि भारत कोई जमीन का टुकड़ा नहीं बल्कि आदर्शों की भूमि है। भारत एक ऐसा देश है, जिसने विश्व को वसुधैव कुटुंबुकम का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ये न सोचें कि देश ने हमें क्या दिया, बल्कि ये सोचें कि हमने देश के लिए क्या किया। ये हमारे लिए बड़े गौरव की बात है, जो हमने भारत भूमि पर जन्म लिया। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र के उत्थान के लिए कर्तव्यनिष्ठ होना बहुत जरूरी है। अगर हमारे वीर सपूत मां भारती के लिए अपने प्राणों की आहुति नहीं देते तो शायद हम आज आजादी की हवा में सांस नहीं ले पाते। उन्होंने कहा कि अब हम सभी का दायित्व है कि देश की एकता और अखंडता को अक्षुण रखें। वास्तव में देखा जाए तो मनोविकारों से मुक्त होना ही असली स्वतंत्रता है
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