सिंहस्थ भूमि अधिग्रहण का विरोध तेज आधी रात घर से उठाए गए किसान
सिंहस्थ भूमि अधिग्रहण का विरोध तेज आधी रात घर से उठाए गए किसान, श्मशान घाट में किया जल सत्याग्रह, आगर रोड जाम
उज्जैन। सिंहस्थ महापर्व-2028 के लिए प्रशासन द्वारा स्थायी कुंभ नगरी बनाने हेतु करीब दो हजार हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण का किसानों ने कड़ा विरोध शुरू कर दिया है।रविवार को किसानों ने जल सत्याग्रह का ऐलान किया था, लेकिन पुलिस ने एहतियातन सभी घाटों पर बैरिकेड्स लगा दिए। इसके बाद भी किसान पुलिस को चकमा देकर चक्रतीर्थ श्मशान घाट पहुंचे और पानी में उतरकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। वहीं, आगर रोड पर अनाज मंडी के सामने चक्काजाम कर दिया।
पुलिस की सख्ती, किसानों में नाराजगी
किसानों का आरोप है कि प्रदर्शन रोकने के लिए पुलिस ने शनिवार देर रात कई गांवों में दबिश दी और आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसानों को सोते समय घर से उठाकर हिरासत में ले लिया। इस कार्रवाई से किसान आक्रोशित हो गए और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
श्मशान घाट में जल सत्याग्रह
जब पुलिस ने रामघाट और आसपास के सभी मार्ग बंद कर दिए तो किसानों का एक समूह चकमा देकर शिप्रा के चक्रतीर्थ श्मशान घाट पहुंचा। यहां महिलाएं भी शामिल रहीं। सभी ने पानी में खड़े होकर ‘जमीन बचाओ’ के नारे लगाए।
चक्काजाम से ठप हुआ ट्रैफिक
दूसरा समूह आगर रोड पर अनाज मंडी के सामने इकट्ठा हुआ और चक्काजाम कर दिया। इससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। किसानों ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि बुजुर्ग किसानों को आधी रात को उठाना अमानवीय है। काफी समझाइश के बाद किसानों ने चक्काजाम खत्म किया।
किसानों की मांग
आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि वे कुंभ आयोजन के लिए अस्थायी रूप से जमीन देने को तैयार हैं, लेकिन स्थायी रूप से अधिग्रहण स्वीकार नहीं करेंगे। उनका कहना है कि नई योजना के तहत अधिग्रहण हुआ तो उनकी रोज़ी-रोटी छिन जाएगी और छोटे किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे।