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आध्यात्मिक शक्ति ही रोगों से मुक्त कर सकती: डॉ. गंगाधर

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आध्यात्मिक शक्ति ही रोगों से मुक्त कर सकती: डॉ. गंगाधर

डॉक्टर्स ने ओम शांति रिट्रीट सेंटर में सीखे राजयोग के गुर

ओम शांति रिट्रीट सेंटर में डॉक्टर्स के लिये हुआ कार्यक्रम

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । 
ब्रह्माकुमारीज के गुरुग्राम स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में डॉक्टर्स के लिए माई फर्स्ट रिस्पांसिबिलिटी-सेल्फ केयर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस मौके पर बताया गया कि आध्यात्मिक ऊर्जा ही रोगमुक्त बनाने का एकमात्र साधन है। मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष पदमश्री डॉ. बीएन गंगाधर ने कहा कि आध्यात्मिक शक्ति ही रोगों से मुक्त कर सकती है। योग एक ऐसा माध्यम है, जो हमें स्वयं से जोड़ता है। योग के द्वारा आत्मिक चेतना की महसूसता होती है। जो मानसिक स्तर पर शक्तिशाली अनुभव कराती है। डॉ. गंगाधर ने कहा कि शारीरिक बीमारियों का मुख्य कारण नकारात्मक विचार हैं। बेहतर स्वास्थ्य के लिए विचारों की क्वालिटी जरूरी है। डॉक्टर्स तो केवल इलाज करते हैं लेकिन अपने मन की शक्ति से पेशेंट्स स्वयं को स्वयं ही हील करते हैं।

स्थिर विचारों से मन शक्तिशाली बनता
ओआरसी की निदेशिका आशा दीदी ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि दूसरों की संभाल से पहले अपनी संभाल करना जरूरी है। आध्यात्मिक मूल्यों से संपन्न व्यक्ति ही  बेहतर सेवा कर सकता है। शांति और स्थिर विचारों से ही मन शक्तिशाली बनता है। कोई भी कार्य करने के लिए शारीरिक ऊर्जा से अधिक मानसिक ऊर्जा जरूरी है। वैसे भी पेशेंट्स के साथ बहुत पेशेंस चाहिए। राजयोग के अभ्यास से ही आंतरिक शक्ति जागृत होती है। ओआरसी की राजयोग शिक्षिका बीके ख्याति ने कार्यक्रम के विषय में विचार रखते हुए टिप्स दीं। एनएमसी के प्रोफेसर विजय आहुजा ने भी कार्यक्रम के प्रति शुभ कामनाएं व्यक्त की। बीके दीपक ने गीत के द्वारा सबका स्वागत किया।  कार्यक्रम के अंत में कल्प तरूह अभियान के तहत सभी को पौधे भेंट किए गए।  कार्यक्रम का संचालन बीके विधात्री ने किया। कार्यक्रम में काफी संख्या में डॉक्टर्स ने शिरकत की।

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