राजस्थान में एक बार फिर तबादलों से रोक हटाई जा सकती है
कांग्रेस के विधायकों ने गहलोत सरकार पर दबाव बनाया हैं कि तबादलों केे लिए छूट दी जाए। ऐसे में माना जा रहा हैं कि कुछ दिन बाद सरकार तबादलों से रोक हटा लें।
राजस्थान में विधानसभा का बजट सत्र भी फिलहाल स्थगित हो गया हैं और सरकार का फोकस भी अपने कामकाज में तेजी लाने का है। सूत्रों के अनुसार विधायकों ने तर्क दिया हैं कि ये साल विधानसभा चुनाव का हैं और ऐसे में वे अपने क्षेत्र के विकास में कोई असर नहीं छोड़ना चाहते है। इसलिए सरकार उन्हें अपने मर्जी से अधिकारी और कर्मचारी लगाने दें। नवंबर में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने की संभावना है। इससे पहले अक्टूबर के पहले सप्ताह में चुनाव कार्यक्रम घोषित हो सकता हैं और तब से आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाएगी, तब सरकार कोई बड़ा फैसला भी नहीं कर सकेगी। विधायकों के पास भी भी काम कराने के लिए छह माह का ही समय बचा है ऐसे में विधायक अब अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे है।
15 जनवरी को लगी थी तबादलों पर रोक —
राज्य की गहलोत सरकार ने प्रदेश के तमाम विभागों में तबादलों पर 15 जनवरी से रोक लगा दी थी। अति आवश्यक मामलों में मुख्यमंत्री गहलोत की मंजूरी के बाद ही तबादले करने की छूट दी गई थी। प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी आदेशों में कहा गया था कि राज्य सरकार की ओर से 23 मार्च, 2022 को अधिकारी कर्मचारियों के तबादलों पर लगी रोक हटाई गई थी और उसके बाद 10 माह से लगातार समस्त विभागों में अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले चल रहे थे। हालांकि उस वक्त भी दबाव के बावजूद थर्ड ग्रेड टीचर्स के तबादले नहीं हो पाए थे। सरकार इन्हें बार बार टाल रही है।
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