आज के ही दिन 20 सिपाहियों की टुकड़ी ने दुर्गम लद्दाख मे दी शहादत
आज के ही दिन 20 सिपाहियों की टुकड़ी ने दुर्गम लद्दाख मे दी शहादत
चीनी सेना का मुकाबला करते हुुए मातृभूमि की रक्षा में प्राण न्योछावर किये
चीन की सेना ने इस टुकड़ी पर घात लगाकर आक्रमण कर दिया था
शहीदों को याद करते हुए उनके परिजनों को सम्मानित भी किया गया
के.के. राव पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम को भी सम्मानित किया गया
फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए शहीद हुए पुलिसकर्मियों/अधिकारियों को श्रद्धाजंलि देते हुए पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिस लाईन, गुरुग्राम में स्मृति परेड का आयोजन किया व शहीदों को याद करते हुए उनके परिजनों को इस मौके पर सम्मानित भी किया गया। के.के. राव पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम के पिता भी अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते शहीद हुए थे, जिनकी कुर्बानी के लिए के.के. राव को भी सम्मानित किया गया।’
पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर हर वर्ष की भांति गुरूवार को पुलिस लाईन, गुरुग्राम में शहीदी दिवस के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आज से 62 वर्ष पहले 21 अक्तूबर, 1959 को कर्म सिंह डी.एस.पी. के नेतृत्व में भारतीय पुलिस के 20 सिपाहियों की एक छोटी सी टुकड़ी लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र में मौजूद थी, कि चीन की सेना ने इस टुकड़ी पर घात लगाकर आक्रमण कर दिया था। भारतीय पुलिस की इस छोटी सी टुकड़ी के जवानों ने भारी संख्या मे आए चीनी सेना के हमले का डटकर मुकाबला किया तथा मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। तभी से प्रति वर्ष 21 अक्तूबर को देश के कोने-कोने में दिवंगत शूरवीरों की स्मृति में पुलिस स्मृति दिवस पर परेड का आयोजन किया जाता है।
गुरुग्राम पुलिस द्वारा भी इस अवसर पर श्री के.के. राव पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम की अगुवाई में पुलिस लाईन, गुरुग्राम मे स्थित शहीद स्मारक पर प्रत्येक रैंक के पुलिस कर्मियों द्वारा पुष्प अर्पित करके अमर शहीदों को श्रद्धांजली दी गई। शहीद होने वाले पुलिस व अर्धसैनिक बलों के जवानों का भावपूर्ण स्मरण किया गया साथ ही कोरोना महामारी से लड़ते हुए शहीद हुए पुलिसकर्मियों/पुलिसअधिकारियों को भावपूर्ण स्मरण किया गया। पुलिस आयुक्त महोदय ने कहा कि सीमाओं को महफूज रखने तथा राष्ट्र की एकता व अखंडता कायम रखने के लिए जवानों ने अपना बलिदान दिया है। उनकी शहादत के सम्मान को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने वहां मौजूद सभी पुलिसकर्मियों से आह्वान किया कि वे पूरी निष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी करें ताकि उनकी कर्त्तव्यनिष्ठा को भी हमेशा याद रखा जाए। पुलिस गार्द द्वारा शहीदों को सलामी दी गई तथा दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर श्रीमति आस्था मोदीडीसीपी हैड क्वार्टर, मकसूद अहमद डीसीपी ईस्ट, वरुण सिंगल डीसीपी मानेसर व राजीव देशवाल डीसीपी क्राइम सहित गुरुग्राम पुलिस के सभी एसीपी तथा अन्य पुलिस अधिकारी/कर्मचारी मौजूद थे।
शहीदी दिवस के अवसर पर श्री के.के. राव पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम द्वारा गुरुग्राम जिले के रहने वाले शहीद हुए उप-निरीक्षक रणबीर सिंह- ये मूल रूप से गाँव जाटौला, थाना फरुखनगर, जिला गुरूग्राम के रहने वाले थे। दिनाँक 15.11.2018 को उप-निरीक्षक रणवीर सिंह रेवाड़ी को सूचना मिली थी कि थाना धारूहेड़ा में तथा धारूहेड़ा व दिल्ली के विभिन्न आपराधिक मामलों में वांछित आरोपी नरेश कुमार पुत्र दलीप सिंह निवासी खरखड़ा, रेवाड़ी जो फैक्टरी एरिया धारूहेड़ा के आप-पास घूमता देखा गया है। आरोपी को काबू करने के लिए रणबीर सिंह अपनी पुलिस टीम के साथ पहुँच गया। जब रणबीर सिंह ने अपनी पुलिस टीम का नेतृत्व करते हुए आरोपी वांछित बदमाश नरेश को काबू करने की कोशिस की तो उसने रणबीर सिंह के पेट में गोली मारी। गोली लगने के कारण रणबीर शहीद हो गए। सहायक-उप-निरीक्षक ओम प्रकाश- ये मूल रुप में गाँव लोकरी जिला गुरुग्राम के रहने वाले थे। इन्होनें दिनांक 21.11.1986 को बतौर सिपाही हरियाणा पुलिस को ज्वाईन किया था। ये जिला पलवल में तैनात रहते हुए एक कैदी बच्चा सिंह को माननीय न्यायालय कोर्ट मथुरा में पेश करने के लिए हरियाणा रोङवेज की बस द्वारा लेकर जा रहे थे। बस नाश्ते के लिए जब डबचीक कॉम्पलैक्स होडल पहुंची तब 5/6 नौजवान लङको ने गोलियां चलाकर पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इस वारदात मे ओम प्रकाश को गोलियां लगी और वो अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते हुए शहीद हो गए। शहीदी दिवस के अवसर पर के.के.राव पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम द्वारा शाहिद ओमप्रकाश की पत्नी श्रीमती सुनीता व उनके बेटे को सम्मानित किया’ गया। उप-पुलिस अधीक्षक स्व राव रणबीर सिंह- स्व. राव वर्ष 1961 में बतौर सहायक-उप-निरीक्षक हरियाणा पुलिस में चयनित हुए थे। दिनांक 31.03.1989 को जब वह जिला अम्बाला में तैनात थे तो इन्हें पुलिस कन्ट्रोल रुम से सूचना मिली कि कुछ आतंकवादी कृषि विभाग पंजाब के कार्यालय से 70 हजार रुपए लूट कर भाग गए। इस पर उप-पुलिस-अधीक्षक रणबीर सिंह उन आतंकवादियों को पकङने के लिए अपनी पुलिस टीम सहित निकल पङे। जब वे अपनी पुलिस टीम के साथ सुरजपुर सीमेंट फैक्टरी, चण्डीगढ के पास पहुंचे और उन्होनें कालका की तरफ से जाती हुई मारुति वैन को ओवरटेक करके रुकवाने की कोशिश की तो वैन में बैठे आतंकवादियों ने रणबीर सिंह पर गोलियों की बौछार कर दी। इस मुठभेङ पुलिस चालक व रणबीर सिंह अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते हुए शहीद हो गए थे। ’स्वर्गीय शहीद रणबीर सिंह, वर्तमान में गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त श्री के.के. राव के पिता थे, स्व. रणबीर सिंह की शहादत को याद करते हुए उनके पुत्र के.के. राव पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम को सम्मानित किया गया।’
ड्यूटी निर्वहन करते हुए दी शहादत
शहीद योगराज, दिनाँक 27.09.1976 को शहीद हुए, शहीद चंद्रहास, दिनाँक 17.03.1997 को शहीद हुए, शहीद सिपाही राजेश कुमार दिनाँक 10.01.2004 को शहीद हुए, शहीद सिपाही उमर मोहम्मद, दिनाँक 09.02.2008 को शहीद हुए, शहीद बाबूराम, दिनाँक 09.12.2009 को शहीद हुए।’ कोरोना महामारी से लड़ते हुए, स्व. इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार, स्व. सुरेन्द्र सिंह, स्व. पवन कुमार, स्व. पूजन प्रसाद, कुक और स्व. राजेश कुमार शहीद हुए। के.के.राव पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम द्वारा अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते हुए देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले पुलिस/अर्धसैनिक बलों के शहीदों को याद करते हुए उनके नाम बोले तथा उनकी कुर्बानी को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। ’अब तक अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते हुए सभी पुलिसबलों के 33 हाजर 90 पुलिसकर्मियों ने शहादत दी है। दिनाँक 01.09.2020 से दिनाँक 31.08.2021 तक कुल 377 पुलिस जवानों ने शहादत को प्राप्त किया है।’ स्मृति दिवस के अवसर पर देश के लिए कुर्बानी देने वाले सभी शहीदों को उनके मूल निवास जिले की पुलिस द्वारा उनके परिजनों को सम्मानित किया गया व शहीदों को श्रद्धाजंलि दी गयी। 21 अक्तूबर (स्मृति दिवस) से लेकर दिनांक 31. अक्टूबर 2021 तक गुरुग्राम पुलिस द्वारा विशेष अभियान के तहत कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएगें।
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