वाड्रा को क्लीनचिट देने वाले अधिकारी को सेवानिवृत्ति के बाद मिली नियुक्ति, अशोक खेमका ने जताई नाराजगी
वाड्रा को क्लीनचिट देने वाले अधिकारी को सेवानिवृत्ति के बाद मिली नियुक्ति, अशोक खेमका ने जताई नाराजगी
चंडीगढ़
वाड्रा डीएलएफ लैंड डील उजागर करने वाले आईएएस अशोक खेमका एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी को दोबारा नियुक्ति देने पर खफा हैं। उन्होंने अपना विरोध ट्वीट के माध्यम से जाहिर किया। ट्वीट में उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किया। ट्वीट में खेमका ने कहा कि पूर्व की हुड्डा सरकार के दौरान दिसंबर 2012 में स्काईलाइट-डीएलएफ लैंड डील मामले की जांच के लिए गठित तीन आईएएस अफसरों की कमेटी ने इस मामले में क्लीनचिट दी थी।
2014 में भी इस मामले में नई सरकार ने कुछ नहीं किया, उल्टे उक्त कमेटी के एक आईएएस अधिकारी को सेवानिवृत्ति के बाद दूसरी बार नियुक्ति दे दी। खेमका ने तंज कसते हुए कहा कि ऐसा करना जुर्म करने की संस्कृति को बढ़ावा देने जैसा है। कोई गलती करता जाए और उसे कोई सजा न दी जाए। सेवानिवृति के बाद एक आरामदेह और रुतबे वाली जिंदगी सरकार ने दी है।
आईएएस अधिकारी संजीव वर्मा ने ट्वीट कर पलटवार किया
खेमका के ट्वीट पर आईएएस अधिकारी संजीव वर्मा ने ट्वीट कर पलटवार किया है। वर्मा ने कहा कि कई लोगों की प्रतिष्ठा दूसरों की निंदा परायण पर ही आधारित होती है। निंदा करके उनके अहम को तुष्टि मिलती है। मालूम हो कि अशोक खेमका ने कांग्रेस सरकार के समय वाड्रा डीएलएफ लैंड डील को लेकर सवाल खड़े किए थे। भाजपा ने इसे उस समय राष्ट्रीय मुद्दा बनाया और 2014 के चुनाव में इस लैंड डील को लेकर प्रचार सामग्री छपवाई।
सरकार के गठन के बाद हरियाणा में जांच आयोग बैठा लेकिन अभी तक इस मामले में कार्रवाई का इंतजार कर रहे अशोक खेमका एक या दो ही विभागों के बीच झूल रहे हैं। सरकार ने हाल ही में एक अधिकारी की नियुक्ति की है, जो उस कमेटी का हिस्सा थे। उन्होंने इस डील को क्लीनचिट दी। उक्त अधिकारी को सेवानिवृत्ति के बाद दोबारा अहम पद पर नवाजे जाने पर खेमका का यह दर्द छलका है।
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