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टी.बी. समाप्त करने में जन भागीदारी करे सुनिश्चित अधिकारी: एडीसी

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टी.बी. समाप्त करने में जन भागीदारी करे सुनिश्चित अधिकारी: एडीसी

टीबी उन्मूलन को लेकर जागरूकता वाहनों को भी किया गया रवाना

जिला टीबी फोरम एवं इंटरडिपार्टमेंटल कमेटी के सदस्यों की बैठक

एडीसी ने कहा टीबी को लेकर भ्रामकता दूर करना आवश्यक’

’विश्व क्षय रोग दिवस पर टीबी चौंपियन्स भी किये सम्मानित,

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम । 
गुरूग्राम के एडीसी विश्राम कुमार मीणा ने विश्व क्षय रोग(टीबी) दिवस के अवसर पर आमजन से आह्वान करते हुए कहा कि वे इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के साथ किसी प्रकार का भेदभाव ना करें और उसका सही ईलाज करवाने में सहयोग करें।

एडीसी  अपने कार्यालय में विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने टीबी उन्मूलन को लेकर जागरूकता वाहनों को भी विकास सदन से झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला टीबी फोरम एवं इंटरडिपार्टमेंटल कमेटी के सदस्यों की बैठक लेते हुए उन्हें टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

इस अवसर पर एडीसी विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि टीबी को लेकर हमारे समाज में गलत अवधारणाएं प्रचलित हैं जिन्हें दूर किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि टीबी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति का शत-प्रतिशत ईलाज संभव है। उन्होंने कहा कि लोगों की इस बीमारी को लेकर भ्रांतियां दूर करने के लिए लोगों में जागरूकता आनी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बैठक में उपस्थित टीबी चौंपियनों का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने इस बीमारी से ठीक होने के अनुभवों को लेकर ऑडियो-वीडियो क्लिप बनाकर इसे अलग-अलग प्लैटफार्म जैसे-सोशल मीडिया आदि के माध्यम से शेयर करें। उन्होने कहा कि टीबी बीमारी को लेकर खुलकर बात करना जरूरी है ताकि लोगों की भ्रांतियों को दूर किया जा सके।

बैठक में उप सिविल सर्जन एवं डीटीओ डा केशव शर्मा ने पावर प्वाइंट प्रैजेंटेशन के माध्यम से टीबी उन्मूलन को लेकर जिला में किए गए कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि यदि इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति की बीमारी की शुरूआत में ही पहचान हो जाए तो वह 6 महीने में ठीक हो सकता है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति में इस बीमारी के लक्षण हो तो उसे समय रहते जांच अवश्य करवानी चाहिए और कभी भी बिना डॉक्टरी परामर्श के दवा नही लेनी चाहिए। उन्होंने कैमिस्ट एसोसिएशन के आए प्रतिनिधियों से भी अपील करते हुए कहा कि वे टीबी के मरीज को बिना डॉक्टरी पर्ची के दवा ना दें, क्योंकि गलत दवा लेना व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए भारी पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले एक माह में गुरूग्राम जिला में टीबी के मरीजों के ट्रुनेट मशीन के जरिए 357 रिकॉर्ड टेस्टिंग की जा चुकी है जिसके लिए एडीसी ने टीम के सदस्यों को बधाई दी। टीबी की बीमारी से ठीक हो चुके 12 लोगों को टीबी चौंपियन्स बनाया गया है, जो टीबी को लेकर लोगों की भ्रांतियों को दूर करने में जिला प्रशासन का सहयोग दे रहे हैं। ये टीबी चौंपियन्स इस बीमारी के दौरान के अपने अनुभव भी लोगों से सांझा करते हुए उन्हें इसके बचाव उपायों व ईलाज संबंधी लोगों का मार्गदर्शन करेंगे। बैठक में डॉ कनिका , डा. एनपीएस वर्मा सहित कैमिस्ट एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे।

ये लक्षण दिखें तो अवश्य कराएं जांच

टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर डा पूनम ने बताया कि 2 सप्ताह से ज्यादा खांसी, रात के समय में बुखार आना, बलगम में खून आना, वजन का कम होना व रात को सोते समय पसीना आना आदि लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी जांच केंद्र में अपनी टीबी की जांच करवानी चाहिए। टीबी पाए जाने पर मरीज को सरकार द्वारा मुफ्त दवाइयां उपलब्ध करवाई जाती है। अधिसूचित रोगी का जब तक उपचार चलता है, तब तक प्रतिमाह 500 रूपए वित्तीय सहायता प्रोत्साहन राशि निक्षय पोषण योजना के तहत सीधे मरीज के खाते में भेजी जाती है। बैठक में उप सिविल सर्जन डॉ केशव शर्मा,एस एम ओ डॉ नीरू, डॉ विकास स्वामी, आईएमए डॉ एनपीएस वर्मा, डॉ रुपाली, डॉ अरुण, डॉ आशिमा, डॉ संदीप उपस्थित थे।
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