गुप्त नवरात्रि में क्या करे और क्या नहीं करना चाहिए
गुप्त नवरात्रि में क्या करे और क्या नहीं करना चाहिए
नवरात्रि मां भगवती की आराधना का पर्व है। इस पर्व को साल में दो बार धूम-धाम से मनाया जाता है। लोग इन नवरात्रि को अलग अलग से तरह से मनाते है। जिसे सभी चौत्र या वासंतिक नवरात्र और अश्विन या शारदीय नवरात्र के नाम से जाना जाता है। लेकिन इसके अतिरिक्त दो और भी नवरात्र हैं। जिनमें विशेष कामनाओं की सिद्धि की जाती है। इन गुप्त नवरात्रि के बारे मे कम ही लोग जानते हैं। लेकिन कुल मिलाकर वर्ष में चार नवरात्र होते हैं। यह चारों ही नवरात्र ऋतु परिवर्तन के समय मनाए जाते हैं। इन्हें गुप्त नवरात्र इसलिए कहा जाता है। क्योंकि इनमें मां की आराधना गुप्त रूप से की जाती है। इसमें मां का ध्यान लगाने से विशेष फल मिलता है। तंत्र साधना में विश्वास रखने वाले लोग इस दौरान तंत्र साधना करते हैं।

उनकी पूजा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी की जा सकती हैं.। धन-दौलत में वृद्धि हो या कष्टों से छुटकारा, आपको गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं देवियों तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, कमला, मातंगी की पूजा करनी चाहिए। इनकी पूजा से सिद्धियां भी प्राप्त होती हैं. आइए जानते हैं कि गुप्त नवरात्रि में किन आसान उपायों से धन, दौलत, सुख, वैभव आदि में वृद्धि कर सकते हैं और नौकरी एवं बिजनेस में लाभ पा सकते हैं.
गुप्त नवरात्रि के दौरान घर में सोने, चाँदी का सिक्का अवश्य लेकर आयें. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में धन और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है. साथ ही ऐसा करने से धन की देवी लक्ष्मी की प्रसन्नता होती है और उनका आशीर्वाद आपके जीवन में बना रहता।

गुप्त नवरात्रि की पूजा
ज्योतिष के अनुसार गुप्त नवरात्रि की पूजा भी अन्य नवरात्रि की तरह ही करना चाहिए। प्रतिपदा के दिन सुबह-शाम दोनों समय मां दुर्गा की पूजा की जाती है। जबकि अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन कर व्रत का उद्यापन किया जाता है। इन नौ दिनों तक प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से भी विशेष फल मिलता है। विशेष बात ये है कि गुप्त नवरात्रि के समय जो पूजा की जाती है वो किसी गुप्त स्थान में या किसी सिद्धस्त मसान में ही की जाती है। क्योंकि इस तरह की साधना के समय जिस तरह की शांति की आवश्यक होती है वो सिर्फ श्मसान में ही मिल सकती है। यहां साधक पूरी एकाग्रता के साथ अपनी साधनाएं संपन्न कर पाता है। वैसे कहा जाता है कि भारत में चार ऐसे श्मसान घाट हैं जहां तंत्र क्रियाओं का परिणाम बहुत जल्दी मिलता है। जिसमें असम के कामाख्या पीठ का श्मसान, पश्चिम बंगाल स्थित तारापीठ का श्मसान, नासिक और उज्जैन स्थित चक्रतीर्थ मसान का नाम बहुत विशेष है।
गुप्त नवरात्रि के दौरान अगर कुछ खास उपाय किये जायें तो जीवन में माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.
- गुप्त नवरात्रि के दौरान मां लक्ष्मी की प्रसन्नता हासिल करने के लिए इस दिन की पूजा में मां लक्ष्मी को कमल के फूल अवश्य चढ़ाएं. यूं तो कमल का फूल आमतौर पर बाजारों में मिल जाता है हालांकि अगर आपको कमल का फूल मिल नहीं पा रहा हो तो ऐसे में आप अपने घर में कमल के फूल की कोई तस्वीर भी लगा सकते हैं।
- गुप्त नवरात्रि के दौरान घर में सोने, चाँदी का सिक्का अवश्य लेकर आयें. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में धन और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है. साथ ही ऐसा करने से धन की देवी लक्ष्मी की प्रसन्नता होती है और उनका आशीर्वाद आपके जीवन में बना रहता है.
- यदि आपके घर में कोई लगातार लंबे समय से बीमार चल रहा हो तो गुप्त नवरात्रि के दौरान की जाने वाली पूजा में आपको मां दुर्गा को लाल रंग के फूल अर्पित करने की सलाह दी जाती है.
- इसके अलावा जिन लोगों को घर या आर्थिक पक्ष से संबंधित परेशानियां हैं उन्हें गुप्त नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा को गुग्गल की सुगंधित धूप अर्पित करने की सलाह दी जाती है.
- इसके अलावा मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए जो सबसे सरल उपाय किया जा सकता है वह है गुप्त नवरात्रि के दौरान घर में मोर पंख का लाना. घर में मोर पंख का होना वैसे भी शुभ माना गया है और क्योंकि मां लक्ष्मी की सवारी भी होता है ऐसे में गुप्त नवरात्रि के दौरान घर में मोर पंख को लाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.।
गुप्त नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए
क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए. 1. नवरात्रि में कलश हमेशा मिट्टी, सोना, चांदी, पीतल या ताम्बे का होने चाहिए.
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किसी का बुरा न सोचें.
तामसिक भोजन न करें.
किसी का नुकसान करने के उद्देश्य से पूजा न करें.
नवरात्रि में कलश हमेशा मिट्टी, सोना, चांदी, पीतल या ताम्बे का होने चाहिए. गलती से भी पूजा में स्टील या लोहे का कलश इस्तेमाल न करें.

- गुप्त नवरात्रि का व्रत या पूजा भी कर रहे हैं तो कोशिश करें और जमीन पर ही सोयें.
- गुप्त नवरात्रि के दौरान किसी का भी बुरा न सोचें, किसी के अनहित के लिए पूजा न करें, क्रोध न करें, ईर्ष्या न करें और न ही किसी को भला बुरा कहें.
- गुप्त नवरात्रि के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें.
- गुप्त नवरात्रि का व्रत कर रहे हैं तो कन्या पूजन अवश्य करें. नौ दिनों तक ब्रह्मचर्य का पालन करें.
- माता-पिता का सम्मान करें और प्रतिदिन उनका आशीर्वाद लें.
- मुमकिन हो तो इस दौरान केवल पीले और लाल रंग के वस्त्र पहनें.
- सच्चे मन से माँ की पूजा करें.
- जमीन पर कुश के आसन पर सोयें.
क्या न करें
- किसी का बुरा न सोचें.
- तामसिक भोजन न करें.
- किसी का नुकसान करने के उद्देश्य से पूजा न करें.
- लहसुन-प्याज भूल से भी न खाएं.
- क्रोध न करें
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