अब दो डॉक्टरों के बीच हाथापाई तक पहुंच गया मामला ?
अब दो डॉक्टरों के बीच हाथापाई तक पहुंच गया मामला ?
अभी दो-तीन सितंबर के मामले की जांच पूरी भी नहीं हो सकी
डॉक्टरों के बीच में हुई गर्मा गर्मी का मामला बन गयाा सुर्खियां
एक डॉक्टर ने दूसरे को मां बेटी के नाम लेकर कर दी टिप्पणी
फतह सिंह उजाला
पटौदी । पटौदी मंडी नगर परिषद के पटौदी नागरिक अस्पताल को लगता है किसी की काली नजर लग गई या फिर यहां बुरा साया प्रवेश कर चुका है ? अभी बीते 2 और 3 सितंबर को अस्पताल में की गई हड़ताल सहित ऑपरेशन थिएटर में पहुंचाई गई बाधा की जांच पूरी भी नहीं हो सकी है । इसी बीच में सोमवार को पटौदी नागरिक अस्पताल में कथित रूप से रोटेशन ड्यूटी के मुद्दे को लेकर ऐसी गर्मा गर्मी हुई कि मामला हाथापाई तक पहुंच गया ?
सूत्रों के मुताबिक मौके पर मौजूद अन्य कर्मचारियों के द्वारा जैसे तैसे बामुश्किल बीच-बचाव कर हाथापाई तक पहुंची नौबत को टालने में कामयाबी प्राप्त की गई। सितंबर माह के आरंभ से लेकर सोमवार 17 अक्टूबर तक के घटनाक्रम को गंभीरता से देखा जाए तो ऐसा लगता है पटौदी नागरिक अस्पताल को या तो किसी की नजर लग गई है या फिर यहां कोई बुरा साया प्रवेश कर गया है ? यही कारण है कि नियमित अंतराल पर कोई न कोई विवाद सुर्खियां बन कर सामने आ रहा है। बीते 27 सितंबर को पटौदी नागरिक अस्पताल से रिलीव हो चुके निवर्तमान सीनियर मेडिकल ऑफिसर के स्थान पर कार्यवाहक सीनियर मेडिकल ऑफिसर की जिम्मेदार सिविल सर्जन के द्वारा सौंपे जाने वाले डॉक्टर तथा एक अन्य डॉक्टर के बीच कथित रूप से इस बात को लेकर बहस इतनी अधिक बढ़ गई कि एक डॉक्टर के द्वारा रोस्टर के मुताबिक ड्यूटी करने से कथित रूप से साफ-साफ इंकार कर दिया गया । कथित रूप से उक्त डॉक्टर के द्वारा टका सा जवाब दिया गया कि रोस्टर के मुताबिक मैं ड्यूटी नहीं करूंगा , मेरी ड्यूटी ना लगाई जाए ।
वहीं अन्य जिम्मेदारी संभाल रहे डॉक्टर का अनुरोध था कि जब रोस्टर के मुताबिक अन्य स्वास्थ्य अधिकारी अथवा डॉक्टरों को ड्यूटी करने में कोई एतराज नहीं है, तो इसमें रोस्टर के मुताबिक ड्यूटी करने में भी किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। सूत्रों के मुताबिक कथित रूप से बात सहित गर्मी गर्मी इतनी अधिक बढ़ गई कि एक डॉक्टर ने मां बहन और बेटी का हवाला देते हुए दावा करते कहा कि हम जैसों ने ही तुम्हारी मां बहन बेटियों की इज्जत बचाई । सूत्रों के मुताबिक जिस डॉक्टर के द्वारा रोस्टर के अनुसार पटौदी नागरिक अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जा रही थी, उस डॉक्टर के द्वारा जब अन्य डॉक्टर से रोस्टर के मुताबिक ड्यूटी लगाने या करने की बात कही गई । तो यही बात कथित रूप से पाटोदी नागरिक अस्पताल में ही अल्प समय की के लिए उच्च पदासीन रहे चुके क्योंकि डॉक्टर को स्वीकार्य नहीं रही । रोस्टर के मुताबिक ड्यूटी करने के मामले को लेकर दोनों के बीच बहस बाजी इतनी अधिक बढ़ती चली गई थी यदि मौके पर अन्य कर्मचारी नहीं होते तो इस बात से भी इनकार नहीं कि दोनों के बीच में मामला और भी अधिक बढ़ सकता था । बहरहाल मौके पर मौजूद कर्मचारियों के द्वारा दोनों डॉक्टरों के बीच पहुंचकर बीच-बचाव कर कथित रूप से हाथापाई तक पहुंची नौबत को डालने में कामयाबी प्राप्त कर ली गई । यह घटना अस्पताल परिसर के अलावा बाहर भी चर्चा का विषय बनती चली जा रही है।
Comments are closed.