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जुलूस और जलसा नहीं…बस जिंदा बने रहे जज्बात

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जुलूस और जलसा नहीं…बस जिंदा बने रहे जज्बात

1857 के शहीद ठाकुर अब्बू सिंह को अर्पित की श्रद्धांजलि

16 दिसंबर 1857 को दी गई थी अब्बू सिंह को सरेआम फांसी

बोहड़ाकला में शहीद अब्बू सिंह स्मारक पर सादा आयोजन

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
जब जज्बात जिंदा हों, तो फिर शहीदों के सम्मान के लिए और शहीदों को याद करने के लिए जुलूस और जलसे की जरूरत नहीं रह जाती है । गुरुवार को जिला गुरुग्राम और पटौदी क्षेत्र के सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला में 1857 के शहीद ठाकुर अब्बू सिंह को उनके 164 में शहादत दिवस के मौके पर एक सादा समारोह में पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई ।

इस मौके पर पटौदी के तहसीलदार सज्जन कुमार, मंथन जन सेवा समिति के अध्यक्ष और शहीद अब्बू सिंह स्मारक कमेटी के प्रधान आरपी सिंह चौहान, कर्नल रोशन पाल चौहान, पूर्व जिला पार्षद सुशील चौहान, जगत सिंह, मेजबान गांव के सरपंच यादवेंद्र शर्मा गोगली, कृष्णपाल चौहान, मनवीर सिंह चौहान, कमांडर योगेश चौहान, रणजीत सिंह, उदय सिंह, कुलदीप सिंह, मेहर चंद शास्त्री जाटोली सहित गणमान्य लोगों के द्वारा शहीद अब्बू सिंह के स्मारक पर उनकी शहादत को याद करते हुए अपनी-अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।

इस मौके पर पटौदी के तहसीलदार सज्जन कुमार ने कहा की देश की आजादी से पहले स्वतंत्रता आंदोलन में शहीद ठाकुर अब्बू सिंह जैसे बहादुर जांबाज योद्धाओं का अतुलनीय योगदान रहा है । जिन्होंने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए केवल मात्र आज की पीढ़ी जोकि आजादी की खुली हवा में सांस ले रही है, उन्हीं के सपनों को साकार करने के लिए अंग्रेजी हकूमत से बेखौफ होकर युद्ध करते हुए अपनी जान भी कुर्बान कर दी। ऐसे शूरवीर योद्धाओं के बलिदान को सदैव याद किया जाता रहेगा । इसी मौके पर मंथन जन सेवा समिति हरियाणा के अध्यक्ष और शहीद अब्बू सिंह स्मारक कमेटी के प्रधान आरपी सिंह ने कहा कि ठाकुर शहीद अब्बू सिंह के स्मारक के लिए सरकार के द्वारा एक जमीन का छोटा सा टुकड़ा देकर केवल मात्र अपने फर्ज की अदायगी कर दी गई । उन्होंने कहा पूरे देश और विभिन्न प्रदेशों में शहीदों विशेष रुप से आजादी से पहले 1847 के गदर के शहीदों के सम्मान में स्मारक बना कर उनकी प्रतिमाएं स्थापित करने के साथ शहीदों के याद और सम्मान में सड़क मार्ग ,चौक, चौराहे, सकूल, सरकारी संस्थानों का नामकरण भी किया जा रहा है। लेकिन संभवत शहीद ठाकुर अब्बू सिंह ही एकमात्र अपवाद है, जिनकी शहादत को आज भी वह सम्मान नहीं मिल सका जिसके की शहीद ठाकुर अब्बू सिंह हकदार भी है।

उन्होंने अफसोस जाहिर किया कि शहीद ठाकुर अब्बू सिंह के स्मारक को बनाने के साथ-साथ इनकी यादगार में बिलासपुर चौक बिनोला में बनाए जा रही डिफेंस यूनिवर्सिटी, बिलासपुर से कुलाना तक सड़क मार्ग व अन्य स्थानों का नामकरण शहीद ठाकुर अब्बू सिंह के नाम पर किया जाने के लिए अनेकों बार सरकार से पत्राचार करते हुए अनुरोध किया जा चुका है । वही सरकार से यह भी अनुरोध किया जा चुका है की शहीद ठाकुर अब्बू सिंह का भव्य शहीद स्मारक सरकार अपने खर्च पर बनाए , जिससे कि आने वाली पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति और देश प्रेम की प्रेरणा मिलती रहे । उन्होंने पुनः दोहराया कि सैनिकों और शहीदों का सबसे अधिक सम्मान करने वाली भाजपा सरकार से बहुत उम्मीदें हैं कि केंद्र और राज्य सरकार दक्षिणी हरियाणा के राजपूत योद्धा शहीद ठाकुर अब्बू सिंह का शहीद स्मारक बनाने के लिए निश्चित ही संज्ञान लेते हुए पहल भी करेगी । सरकार के इस फैसले और पहल का मेजबान ग्रामीण, समस्त स्वतंत्रता सेनानी और उनके परिजन, संपूर्ण हरियाणा और पूरा राष्ट्र स्वागत करते हुए गर्व भी महसूस करेगा । इसी मौके पर बिलासपुर थाना के एएसआई महेश कुमार के द्वारा भी शहीद ठाकुर अब्बू सिंह की शहादत दिवस के मौके पर पुष्प चक्र अर्पित कर सलामी दी गई।

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