वाराणसी में बनेगी उत्तर भारत की पहली नेट जीरो लाइब्रेरी, VDA और NHPC के बीच हुआ एमओयू
वाराणसी में बनेगी उत्तर भारत की पहली नेट जीरो लाइब्रेरी, VDA और NHPC के बीच हुआ एमओयू
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उत्तर भारत की पहली नेट जीरो लाइब्रेरी बनेगी। इसको लेकर वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) और एनएचपीसी लिमिटेड के बीच आज एक विशेष समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। पीएम के 2070 तक भारत को नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत यह समझौता हुआ है।
समारोह में वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग और एनएचपीसी लिमिटेड के निदेशक (CSR एवं SD) उत्तम लाल की उपस्थित रहे। इस अवसर पर NHPC और VDA के वरिष्ठ अधिकारियों ने परियोजना से संबंधित विभिन्न तकनीकी और वास्तु पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी।
पर्यावरण और संस्कृति का अद्भुत संगम
यह परियोजना वाराणसी में शहरी विकास और पर्यावरणीय संतुलन का प्रतीक बनेगी। पुस्तकालय का उद्देश्य केवल पढ़ने-पढ़ाने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह सांस्कृतिक चेतना, जीवनपर्यंत सीखने और सामुदायिक सहभागिता का एक केंद्र बनेगा। इसके निर्माण में पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों और संसाधनों का उपयोग किया जाएगा ताकि यह पूर्णतः ऊर्जा-सक्षम और हरित भवन बने।
20 करोड़ की लागत, अत्याधुनिक सुविधाएं
इस पुस्तकालय का निर्माण एनएचपीसी लिमिटेड के वित्तीय सहयोग से ₹20 करोड़ की लागत से किया जाएगा। पुस्तकालय का कुल निर्मित क्षेत्रफल 20,930 वर्ग फुट होगा और इसमें एक समय में 500 उपयोगकर्ता बैठ सकेंगे। यहां 35,000 से अधिक पुस्तकें उपलब्ध होंगी।
स्थापत्य और वास्तुकला
पुस्तकालय का तरंगाकार अग्रभाग पवित्र गंगा नदी से प्रेरित होगा। इसकी वास्तुकला में पारंपरिक पूजा स्थलों की झलक मिलेगी। मेहराबें, ऊर्ध्व रेखाएं और प्रकाशयुक्त गलियारे इसे एक आधुनिक ज्ञान मंदिर का स्वरूप देंगे। यह भवन आधुनिकता और परंपरा का संतुलित संगम प्रस्तुत करेगा।
तीन मंज़िलों में फैला होगा ज्ञान का केंद्र
- भूतल पर बहुउद्देश्यीय सभागार, बाल पठन क्षेत्र, कैफेटेरिया और टॉय ज़ोन की सुविधा रहेगी।
- प्रथम तल में विशाल पठन कक्ष, डिजिटल पुस्तकालय और ऐतिहासिक-सांस्कृतिक दीर्घा होगी।
- द्वितीय तल में भवन प्रबंधन प्रणाली के साथ जैव विविधता युक्त ग्रीन टैरेस का निर्माण किया जाएगा।
सतत और स्मार्ट निर्माण
नेट जीरो लाइब्रेरी में कई स्मार्ट और पर्यावरणीय नवाचार अपनाए जाएंगे।
• सौर ऊर्जा युक्त छत
• वर्षा जल संचयन प्रणाली
• ऊर्जा दक्ष HVAC और लाइटिंग सिस्टम
• जल अपशिष्ट उपचार एवं पुनः उपयोग प्रणाली
• चिल्ड वाटर सर्कुलेशन तकनीक, जिससे 40% तक ऊर्जा की बचत संभव होगी
• स्मार्ट जल निगरानी एवं रिसाव पहचान तंत्र
समावेशी और सर्वजन सुलभ डिज़ाइन
यह पुस्तकालय सभी आयु, वर्ग और क्षमताओं के व्यक्तियों के लिए बाधारहित और सुलभ बनाया जाएगा। यहाँ सांस्कृतिक आयोजनों, कार्यशालाओं और प्रशासनिक गतिविधियों के लिए अलग-अलग समर्पित क्षेत्र भी होंगे।
वाराणसी के विकास की दिशा में मील का पत्थर
यह पुस्तकालय वाराणसी शहर के लिए सतत विकास और शहरी नवाचार का प्रतीक बनेगा। VDA और NHPC की इस साझेदारी से एक ऐसा मॉडल सामने आएगा जो पूरे देश में अन्य शहरों के लिए प्रेरणा बनेगा। इस अवसर पर अफसरों ने कहा कि यह परियोजना न केवल एक आधुनिक पठन केंद्र है, बल्कि यह वाराणसी को “हरित शहर” और “ज्ञान नगरी” के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ठोस और दूरदर्शी कदम है।