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डायल 112 के चक्कर में कहीं किसी की जान ही ना चली जाए !

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डायल 112 के चक्कर में कहीं किसी की जान ही ना चली जाए !

गंभीर वृद्ध महिला को एंबुलेंस में लिटाया और ले जाने से किया मना

यह सनसनीखेज मामला बुधवार को पटौदी नागरिक अस्पताल का

पीड़ित युवक नें एंबुलेंस के लिए 112 पर फोन कर मांगी थी मदद

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 हाल ही में आगजनी, दुर्घटना, आपात चिकित्सा सुविधा सहित अन्य तमाम आपातकालीन सेवाओं के लिए सरकार के द्वारा डायल 112 की सुविधा उपलब्ध करवाई गई ं पहले दमकल विभाग, अस्पताल व अन्य मामलों में अलग अलग नंबर पर लोगों को मदद मांगनी पड़ती थी। इस परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार के द्वारा सिंगल कंट्रोल रूम पंचकूला में बनाया गया और मदद के लिए एक ही नंबर डायल 112 उपलब्ध करवाया गया है ं

अब यही 112 नंबर गंभीर रोगियों के लिए आपात स्थिति में सुविधा के बजाय संबंधित एंबुलेंस चालकों ने अपनी मनमानी का खेल बना लिया है। घटना बुधवार सुबह पटौदी के नागरिक अस्पताल की है । यहां गंभीर हालत में लाई गई एक वृद्ध महिला के परिजनों के द्वारा डायल 112 पर संपर्क कर मदद की गुहार लगाई गई , इसके बाद में कंट्रोल रूम से पीड़ित और संबंधित एंबुलेंस चालक के मोबाइल पर एंबुलेंस के रजिस्ट्रेशन नंबर सहित चालक के मोबाइल नंबर भी आ गए । लेकिन पीड़ित विजय कुमार के मुताबिक 112 नंबर भी लगातार 30 मिनट तक डायल करने के के बाद ही कंट्रोल रूम में मौजूद ऑपरेटर के द्वारा रिसीव किया गया ं

जानकारी के मुताबिक पटौदी अस्पताल में ही सुरक्षा गार्ड का भाई विजय अपनी मां वेदवती की अचानक तबियत खराब होने के बाद पटौदी अस्पताल के आपातकालीन विभाग में लेकर पहुंचा । यहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर के द्वारा जांच पड़ताल करने के बाद वृद्ध महिला का ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल नहीं हुआ तो अन्य जानकारी मरीज के बारे में प्राप्त की गई। इस पर विजय कुमार ने बताया कि उनकी माताजी को हार्ट की प्रॉब्लम है और रेवाड़ी में इनका उपचार चल रहा है । इसके बाद में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर के द्वारा प्राथमिक उपचार देकर वृद्ध महिला रोगी को रेवाड़ी के लिए रेफर कर दिया गया । इसके उपरांत विजय कुमार ने एंबुलेंस के वास्ते डायल 112 पर संपर्क किया, जहां से विजय कुमार के मोबाइल पर एंबुलेंस के रजिस्ट्रेशन नंबर सहित चालक का मोबाइल नंबर भी डिस्प्ले पर आ गया । इसके बाद में एंबुलेंस चालक ने पहले तो वृद्ध वेदवती को एंबुलेंस में रेवाड़ी ले जाने के लिए लिटा दिया, लेकिन इसके तुरंत बाद रेवाड़ी जाने से इनकार कर दिया ं। हार्ट प्रॉब्लम होने के कारण ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने एंबुलेंस चालक से भी कहा कि जब सभी दस्तावेज तैयार हैं और रेफर कर दिया गया तो मरीज को बिना देरी किए संबंधित अस्पताल में पहुंचाया जाए ।

लेकिन आरोप अनुसार एंबुलेंस चालक जोगिंदर , रेवाड़ी जाने के लिए किसी कीमत पर भी तैयार नहीं हुआ और वृद्ध महिला को एंबुलेंस से बाहर उतार दिया । इसके बाद मजबूरी में प्राइवेट एंबुलेंस बुलाकर वृद्ध वेदवती को परिजनों के द्वारा उपचार के लिए रेवाड़ी ले जाया गया। यह मामला मीडिया में संज्ञान में आने के बाद इसकी जानकारी पटौदी की एसएमओ डा नीरू यादव सहित पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता को को दी गई । उन्होंने हरियाणा सरकार और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा वही पुलिस विभाग के द्वारा जारी सिंगल डायल 112 सुविधा के बदले इस प्रकार की  गंभीर लापरवाही पर कड़ा संज्ञान लेते हुए इस पूरे मामले की जानकारी गुरुग्राम के सिविल सर्जन व स्वास्थ्य विभाग को देते हुए मनमानी करने वाले एंबुलेंस चालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की अनुशंसा की है ।

वही गंभीर रोगी वेदवती के पुत्र विजय का आरोप है कि एंबुलेंस चालक ने एंबुलेंस में उनकी माताजी को लिटाने के बाद गुरुग्राम किसी के पास फोन किया था और उसके बाद में एंबुलेंस से उनकी माता जी को रेवाड़ी ले जाने से मना कर दिया । एंबुलेंस चालक जोगेंद्र का तर्क था कि जब तक हाई अथॉरिटी से रेवाड़ी जाने की परमिशन नहीं मिलेगी, वह मरीज को एंबुलेंस में रेवाड़ी लेकर नहीं जाएगा। यह अपने आप में बेहद पेचीदा और गंभीर मामला है कि हरियाणा सरकार और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा डायल 112 सुविधा क्या केवल मात्र संबंधित जिले के दायरे में ही सीमित रखी गई है या फिर आपात स्थिति में किसी घायल, रोगी ,पीड़ित, प्रसूता को डॉक्टरों के द्वारा रेफर किए गए अस्पताल तक पहुंचाने के कोई स्पष्ट दिशा निर्देश भी हैं अथवा नहीं है।

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