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खेल के बिना कोई खिल नहीं सकता न कोई खुल सकता: राज्यपाल दत्तात्रेय

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खेल के बिना कोई खिल नहीं सकता न कोई खुल सकता: राज्यपाल दत्तात्रेय

आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में विशेष दिव्यांगो का राष्ट्रीय स्वास्थ्य उत्सव आरंभ

हरियाणा सरकार विशेष दिव्यांगजन की खेलों में भागीदारी को कर रही प्रोत्साहित

75 शहरों में 75 हजार विशेष दिव्यांग खिलाड़ियों के स्वसस्थ्य की होगी जांच

स्पेशल ओलम्पिक भारत द्वारा आयोजन ‘फिट इंडिया’ अभियान को आगे बढ़ाना

चंदू बुढ़ेड़ा/फर्रूखनगर । 
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा सरकार विशेष दिव्यांगजन की खेलों में भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है। हरियाणा में स्पेशल ओलंपिक में मेडल जीतने वाले स्पेशल खिलाड़ियों को भी नकद पुरस्कार राशि दी जाती है और हर वर्ष इनमें से एक खिलाड़ी को भीम अवार्ड से नवाजा जाता है। राज्यपाल मंगलवार को फर्रूखनगर के गांव चंदू बुढ़ेड़ा स्थित एसजीटी विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत बौद्धिक दिव्यांगजन खिलाड़ियों के लिए आयोजित किए गए राष्ट्रीय स्वास्थ्य उत्सव के शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे। इस समारोह की अध्यक्षता स्पेशल ओलंपिक भारत की नेशनल चेयरपर्सन डा. मल्लिका नड्डा द्वारा की गई।

राज्यपाल  दत्तात्रेय ने कहा कि देश की आजादी के 75वी वर्षगांठ पर आयोजित किया जा रहा अमृत महोत्सव के अंतर्गत 5 व 7 अप्रेल को भारत में 75 हजार दिव्यांगजन का चिकित्सा परीक्षण करके उन्हें खेलों में आगे बढ़ाने का प्रयास सराहनीय है। इसके लिए उन्होंने स्पेशल ओलंपिक भारत की चेयरपर्सन श्रीमति डा. मल्लिका नड्डा का अभिनंदन किया और कहा कि उनके मन में दिव्यांगजनो को लेकर वेदना है। राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि कोरोना काल के बाद बौद्धिक दिव्यांगजन को घर से बाहर दिकालकर खेल के मैदान में लाने से इनकी उर्जा का देश निर्माण में सदुपयोग किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों में प्रतिभा की कमी नहीं है , जरूरत है कि सरकार के साथ-साथ इस क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न सामाजिक संस्थाएं और हम सभी एकजुट होकर उनकी प्रतिभा को खोजते हुए उसे तराशने का काम करें। उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर प्रयास हो रहा है, गैर सरकारी संस्थाएं भी दिव्यांगजन के कल्याण के लिए आगे आएं। साथ ही राज्यपाल ने कहा कि आमतौर पर संस्थाएं शहरी क्षेत्रों तक ही पहुंच पाती हैं , उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में भी जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। खेल के बिना कोई खिल नहीं सकता न कोई खुल सकता है। व्यक्ति में टीम स्पीरिट, साहस और प्रतिस्पर्धा को समझने की क्षमता खेल से ही आती है। इसी उद्देश्य को लेकर स्पेशल ओलम्पिक भारत द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य उत्सव का आयोजन किया जाना ‘फिट इंडिया’ अभियान को आगे बढ़ाना है।

खिलाड़ियों और दिव्यांग खिलाड़ियों को समान सुविधाएं
उन्होंने कहा कि हरियाणा की खेल नीति में सामान्य खिलाड़ियों और दिव्यांगजन खिलाड़ियों को बराबर की सुविधाएं दी गई हैं। हरियाणा सरकार द्वारा स्पेशल ओलम्पिक में मेडल जीतने वाले स्पेशल खिलाड़ियों को भी नकद राशि पुरस्कार के रूप में दी जाती है। यहां तक हर वर्ष एक खिलाड़ी को भीम पुरस्कार से नवाजा जाता है। अब तक चार दिव्यांग खिलाड़ियों को भीम पुरस्कार प्रदान किए गए हैं, जिनमें रोहतक के केशव मलिक को बैडमिंटन में, फरीदाबाद के भूपेन्द्र को एथलेटिक्स में, करनाल के अरूण को रोलर स्केटिंग में तथा गुरूग्राम के रणवीर सैनी को गोल्फ में भीम पुरस्कार दिया गया है। उन्होंने सभी सामाजिक संस्थाओं और समृद्ध व्यक्तियों से अपील करते हुए कहा कि आप सब दिव्यांगजनों को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने के लिए आगे आएं क्योंकि देश में हर वर्ग का व्यक्ति आत्मनिर्भर होगा तो देश आत्मनिर्भर होगा।
इससे आजादी के अमृत महोत्सव मनाए जाने की और अधिक सार्थकता होगी।
देशभर के 33 शहरों में कार्यक्रम की शुरूआत
इससे पहले स्पेशल ओलंपिक भारत की चेयरपर्सन श्रीमति डा. मल्लिका नड्डा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत स्पेशल ओलंपिक भारत द्वारा दिव्यांगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ते हुए विशेष आंदोलन चलाया गया है। इसके तहत 5 और 7 अप्रेल को देश के 75 शहरों में 75 हजार से अधिक बौद्धिक दिव्यांगजन के स्वास्थ्य की जांच के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के 2 वर्ष के अंतराल के बाद इन विशेष खिलाड़ियों व विशेष बच्चों को खेल के मैदान के साथ जोड़ने व स्कूलों में इनकी वापसी सहित इन्हें पुनः समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से इन शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। श्रीमती नड्डा ने कहा कि 5 अप्रैल से देशभर के 33 शहरों में उपरोक्त कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। मंगलवार को गुरूग्राम में आयोजित कार्यक्रम मे लगभग 350 बौद्धिक दिव्यांगजन का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार का कार्यक्रम आज रोहतक में भी आयोजित किया जा रहा है जहां पर 700 दिव्यांगजन का परीक्षण किया गया है। आगामी 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे के अवसर पर देश के 110 शहरों में इसी प्रकार का बौद्धिक दिव्यांगजन का स्वास्थ्य परीक्षण होगा। श्रीमति नड्डा ने बताया कि देश में 78 हजार से अधिक बौद्धिक दिव्यांगजन का रजिस्ट्रेशन हुआ है। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में देश के 75 शहरों में 75 हजार से अधिक दिव्यांगजन विशेष खिलाड़ियों की हैल्थ स्क्रीनिंग की जाएगी।

खेल में हरियाणा की देश में एक अलग पहचान
डा. मल्लिका नड्डा ंने कहा कि इस आंदोलन के तहत बौद्धिक दिव्यांगजनों को इनके घरों से बाहर निकालकर खेल के मैदान से जोड़ते हुए इनमें नई उर्जा का संचार करने का प्रयास किया गया है ताकि ये मानसिक दिव्यांगजन अपनी रूचि के अनुसार खेल का चुनाव करते हुए आगे बढ़ सकें। इस दौरान उन्होंने हरियाणा प्रदेश की खेल नीति की तारीफ करते हुए कहा कि सीएम मनोहर लाल खट्टर  के मार्गदर्शन में खेल के क्षेत्र में पूरे देश में हरियाणा ने अपनी एक अलग छवि व मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा ऐसा प्रमुख प्रदेश है जहां समानता की दृष्टि से विशेष दिव्यांगजन खिलाड़ियों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने के समान अवसर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। श्रीमति नड्डा ने दिव्यांगजन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री का भी आभार जताया और कहा कि प्रधानमंत्री ने विकलांग शब्द को बदलकर इन्हें ‘दिव्यांग ‘ कहकर पुकारा है जिसका अर्थ है कि वह व्यक्ति जो देवताओं के करीब है और दिव्य शक्तियों से परिपूर्ण है। ऐसे दिव्यांगजनों की सेवा करने ईश्वरीय कार्य मानते हैं।

हरियाणा के हर गांव की अपनी शौर्य गाथा
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओ.पी धनखड़ ने कहा कि श्रीमति नड्डा जब वर्ष 2002 से बौद्धिक दिव्यांगजनों के साथ जुड़ी तभी देशवासियों का ध्यान इनकी ओर गया है। उन्होंने श्रीमति नड्डा की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपका देश की आजादी का अमृत महोत्सव सबसे विशेष है क्योंकि आपने विशेष दिव्यांगजन से जुड़कर समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए काम किया है। उन्होंने बताया कि पंचायत और विकास मंत्री रहते हुए उन्होंने प्रदेश के हर गांव के बाहर गौरव पट्ट लगवाए जिन पर प्रत्येक गांव के शहीदों के नाम अंकित किए गए थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के हर गांव की अपनी शौर्य गाथा है। इस मौके पर हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डा. वीना सिंह ने मंच से स्वीकार किया कि उनका विभाग स्वास्थ्य प्रदाता के रूप में विशेष दिव्यांगजन को सेवाएं नही दे पाया। अब स्वास्थ्य विभाग विशेष दिव्यांगजन को चिकित्सा सहायता , स्पीच थैरेपी , फिजियोथैरेपी आदि की सुविधाएं मुहैया करवाकर इनकी स्वास्थ्य देखभाल सुलभ करेगा और महीने में एक दिन इन विशेष दिव्यांग बच्चों व इनके अभिभावकों को समर्पित होगा।

मंदबुद्धि दिव्यांग के लिये खेल के मैदान जरूरी
इस अवसर पर एसजीटी यूनिवर्सिटी के चांसलर पदमश्री राम बहादुर राय ने कहा कि स्पेशल भारत ओलंपिक के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम से इन विशेष दिव्यांगजन के जीवन में आशा की एक नई किरण पैदा होगी। उन्होंने कहा कि जिन विशेष मंदबुद्धि दिव्यांगजन को खेल के मैदान की जरूरत है, उनके लिए यह आयोजन एक प्रोत्साहन के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने  कहा कि आज पूरे भारत के खेल मैदानों में एक समावेशी क्रांति का आह्वान किया जा रहा है जिसमें स्पेशल भारत ओलंपिक उसका कुशल नेतृत्व कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एसजीटी युनिवर्सिटी सरकार के सहयोग से विशेष दिव्यांगजन के लिए स्कूल खोल सकती है। स्वास्थ्य उत्सव के शुभारंभ के बाद राज्यपाल दत्तात्रेय , श्रीमति मल्लिका नड्डा तथा अन्य विशिष्ट अतिथिगण विशेष दिव्यांगजन के मैडिकल परीक्षण की प्रक्रिया को देखने गए। यहां पर राज्यपाल ने विशेष दिव्यांगजनों का मनोबल बढ़ाया। समारोह में हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डा. वीना सिंह, एसजीटी विश्वविद्यालय के चांसलर पदमश्री रामबहादुर राय, कालका विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक लतिका शर्मा, युनिवर्सिटी के चेयरमैन मनमोहन सिंह चावला , वाइस चांसलर डा0 ओ पी कालरा, हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सूरजपाल अम्मू सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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