जली फसल का मांगा मुआवजा, नहीं तो विकल्प मौत !
जली फसल का मांगा मुआवजा, नहीं तो विकल्प मौत !
राजेश रानी पत्नी महावीर निवासी जटोली ने की फरियाद
मुआवजा दिलाने को भारतीय किसान संघ से लगाई गुहार
बीते 30 मार्च को स्पार्किंग से जली 5 एकड़ गेहूं की फसल
फतह सिंह उजाला
पटौदी । तेज हवा के बीच कथित ढीली-ढाली बिजली की तारों में फूटी चिंगारी की वजह से जली गेहूं की फसल के मुआवजे की मांग महिला किसान के द्वारा की गई है । इस संदर्भ में महिला किसान राजेश रानी पत्नी महावीर प्रसाद निवासी वार्ड नंबर 12 जाटोली ने अपनी पीड़ा भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर ओम सिंह चैहान के समक्ष रखी ।
इसके बाद भारतीय किसान संघ के द्वारा पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को पीड़ित महिला किसान की जली फसल का 50000 प्रति एकड़ मुआवजा का भुगतान किया जाने की मांग की है। महिला किसान के मुताबिक उसने गेहूं की फसल उगाने के लिए जमीन पट्टे पर ली हुई है। पट्टे की रकम का भुगतान वह पहले ही कर चुकी है । बिजली के तारों में स्पार्किंग के कारण फूटी चिंगारी की वजह से गेहूं की पकी फसल पूरी तरह नष्ट होने से उसके सामने आजीविका सहित गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है । पट्टे पर ली गई जमीन पर गेहूं की फसल की बिजाई के बाद पक कर तैयार होने वाली फसल को बेचकर दो पैसे कमाने के अलावा उसके पास अन्य कोई आय का विकल्प भी नहीं है । ऐसे में 5 एकड़ जली गेहूं की फसल का 50000 प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा उपलब्ध करवाया जाए ।
भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओम सिंह चैहान ने पीड़ित महिला किसान की मांग का समर्थन करते हुए पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को सौंपे गए ज्ञापन में हरियाणा सरकार से बिना देरी किए पीड़ित महिला किसान को मुआवजा दिया जाने की मांग की है । इससे पहले महिला किसान के द्वारा अपने खेतों में गेहूं की फसल बिजली के तारों में स्पार्किंग के कारण जलने के बाद इसकी शिकायत बिजली विभाग के रजिस्टर में भी दर्ज की गई है । वही मौके पर पहुंची पुलिस के द्वारा भी अपनी जांच में यह बात कही गई है कि गेहूं की फसल में आग बिजली के तारों में स्पार्किंग के कारण लगने से इनकार नहीं किया जा सकता है । महिला के द्वारा पुलिस में दी गई शिकायत के बाद पुलिस ने रपट रोजनामचा दर्ज कर नकल भी पीड़ित महिला को उपलब्ध करवा दी है ।
पीड़ित किसान महिला का साफ-साफ दो टूक शब्दों में कहना है कि गेहूं की फसल पूरी तरह से जलकर नष्ट हो जाने के बाद अब उसके सामने अपनी आजीविका चलाने और जीवन यापन करने का दूसरा कोई भी विकल्प नहीं रह गया है । पीड़ित महिला किसान राजेश रानी पत्नी महावीर प्रसाद के शब्दों में जल्द से जल्द जली हुई फसल का मुआवजा का भुगतान नहीं मिला तो उसके सामने आत्महत्या करना मजबूरी बन जाएगा।
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