निर्मला देशपांडे गांधीवादी विचारधारा से जुड़ी प्रख्यात साहित्यकार रही – नीलिमा
निर्मला देशपांडे गांधीवादी विचारधारा से जुड़ी प्रख्यात साहित्यकार रही – नीलिमा
छात्र-छात्राओं और अध्यापक वर्ग ने निर्मला देशपांडे को श्रद्धांजलि हबिनोवा भावे के प्रवचनो को लिपिबद्ध कर 40 खंडों में 40 भूदान गंगा की रचना की वह अपने जीवन काल में दो बार राज्यसभा की सदस्य मनोनीत की गई फतह सिंह उजाला गुरुग्राम । केआईआईटी वर्ल्ड स्कूल में पूर्व सांसद व गांधीवादी चिंतक निर्मला देशपांडे की पुण्यतिथि के उपलक्ष पर सभी छात्रों , स्टाफ मैनेजमेंट के सदस्यों ने केआईआईटी प्रागण में स्थापित उनकी प्रतिमा पर फूल -माला अर्पित कर उन्हें याद किया।बच्चों ने सर्वधर्म प्रार्थना सभा में भाग लिया।
केआईआईटी वर्ल्ड स्कूल की प्रिंसिपल नीलिमा कामराह ने बच्चों को बताया कि निर्मला देशपांडे गांधीवादी विचारधारा से जुड़ी हुईं प्रसिद्ध महिला सामाजिक कार्यकर्ता तथा साहित्यकार, उपन्यासकर थी। वे “दीदी” के नाम से विख्यात थीं। निर्मला विनोबा भावे के भूमिदान आंदोलन 1952 में शामिल हुईं। उन्होंने अपना जीवन साम्प्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के साथ-साथ महिलाओं, आदिवासियों और अवसर से वंचित लोगों की सेवा में अर्पण कर दिया। उन्होंने आगे बताया की निर्मला देशपांडे ने गांधी के ग्राम स्वराज के संदेश के साथ भारत की करीब 40000 किलोमीटर की पैदल यात्रा की. इस दौरान विनोबा के सभी प्रवचनों को लिपिबद्ध कर 40 खंडों में भूदान गंगा की रचना। कश्मीर और पंजाब में आतंकवाद तब चरम पर था, इसके बाद भी निर्मला देशपांड ने अपनी यात्रा जारी रखी।उन्होंने पड़ोसी देशों विशेष कर पाकिस्तान के लोगों के साथ मैत्री स्थापित करने के प्रयास किए। अपने जीवन काल में दो बार राज्यसभा की सदस्य मनोनीत हुई। वे पहली भारतीय महिला थी जिन्हें भारत सरकार ने पद्म विभूषण से अलंकृत किया। पाकिस्तान, चीन, रूस आदि देशों ने भी सर्वोच्च शाति पुरस्कारों से सम्मानित किया था।
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