1 अप्रैल से नए TDS नियम लागू, FD ब्याज और म्यूचुअल फंड पर बड़ा बदलाव, जानें क्या-क्या फायदा?
1 अप्रैल से नए TDS नियम लागू, FD ब्याज और म्यूचुअल फंड पर बड़ा बदलाव, जानें क्या-क्या फायदा?
New TDS Rules: 1 अप्रैल 2025 से नए वित्तीय वर्ष (FY 2024-25) की शुरुआत के साथ, TDS (Tax Deducted at Source) नियमों में बड़े बदलाव लागू होने जा रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में वरिष्ठ नागरिकों, निवेशकों और कमीशन कमाने वालों को राहत देने के लिए TDS की सीमाएं बढ़ाने की घोषणा की थी। नए नियमों से टैक्स अनुपालन भी आसान होगा और टैक्सदाता की जेब में ज्यादा पैसा बचेगा। आइए जानते हैं क्या-क्या बदलाव?
नए TDS नियमों से क्या बदलने वाला है?
वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहत:
FD और RD के ब्याज पर TDS की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई।
अब ₹1 लाख तक की ब्याज आय पर कोई TDS नहीं कटेगा।
जो लोग अपनी जीवनयापन के लिए ब्याज पर निर्भर हैं, उनके लिए यह बड़ा फायदा है।
बचत खातों और अन्य ब्याज आय पर छूट:
आम निवेशकों के लिए TDS की सीमा ₹40,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दी गई।
अब ₹50,000 तक की ब्याज आय पर TDS नहीं लगेगा।
म्यूचुअलव फंड और स्टॉक्स में निवेश पर राहत:
लाभांश और म्यूचुअल फंड आय पर TDS छूट की सीमा ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दी गई।
अब केवल ₹10,000 से ज्यादा की आय होने पर ही TDS काटा जाएगा।
बीमा एजेंटों और दलालों के लिए छूट:
बीमा एजेंटों और दलालों को मिलने वाले कमीशन पर TDS की सीमा ₹15,000 से बढ़ाकर ₹20,000 कर दी गई।
इससे उनका नकदी प्रवाह बेहतर होगा और अनुपालन की दिक्कतें कम होंगी।
गेमिंग जीतने वालों के लिए नया नियम:
अब TDS तभी कटेगा जब एक बार की जीत ₹10,000 से अधिक होगी।
पहले यह नियम था कि पूरे साल की जीत ₹10,000 से ज्यादा होने पर TDS कटेगा।
अब अगर कोई व्यक्ति बार-बार ₹8,000 की जीत हासिल करता है, तो उस पर कोई TDS नहीं लगेगा।
नए TDS नियमों से क्या फायदा होगा?
🔹 वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिलेगी, क्योंकि उनकी ब्याज आय पर TDS कम कटेगा।
🔹 छोटे और मध्यम निवेशकों की आय बढ़ेगी, क्योंकि उन्हें अब ज्यादा छूट मिलेगी।
🔹 बीमा एजेंटों और दलालों के लिए अधिक कैश फ्लो रहेगा, जिससे उनका बिजनेस आसान होगा।
🔹 गेमिंग और अन्य स्रोतों से मिलने वाली आय पर कर की प्रक्रिया अब और पारदर्शी होगी।
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये नए TDS नियम करदाताओं के लिए बड़ी राहत साबित होंगे। वरिष्ठ नागरिकों, निवेशकों और कमीशन कमाने वालों को टैक्स कटौती में राहत मिलेगी, जिससे उनकी नेट इनकम बढ़ेगी। यह सरकार की कर प्रणाली को सरल और करदाताओं के अनुकूल बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।