प्रधान संपादक योगेश
गुरुग्राम । हरियाणा की नई औद्योगिक नीति प्रदेश की 10 बड़ी औद्योगिक एस्टेट के तीन-तीन प्रतिनिधियो के सुझावों को शामिल करके तैयार की जाएगी ताकि उस पाॅलिसी का फायदा वास्तविक लाभार्थियों को मिले।
ये विचार हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम(एचएसआईआईडीसी) के एच.ओ. ड़ी. इस्टेट व चीफ कोर्डिनेटर इंडस्ट्री, हरियाणा सुनील शर्मा ने आज गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में गुरूग्राम , फरीदाबाद तथा रेवाड़ी जिलों की विभिन्न औद्योगिक एसोसिएशनों के साथ आयोजित बैठक में व्यक्त किए।
इस बैठक में गुरूग्राम के उद्योग विहार , आईएमटी मानेसर, इंडस्ट्रीयल डैव्लपमेंट एसोसिएशन सैक्टर-37 के अलावा फरीदाबाद , रेवाड़ी , बावल की औद्योगिक ईकाईयों ने भाग लिया।
श्री सुनील शर्मा ने बैठक में एसोसिएशनों की समस्याएं सुनी और सरकार की उद्योगों को प्रदेश में बेहतर माहौल प्रदान करने की मंशा को स्पष्ट करते हुए सुझाव आमंत्रित किए। उन्होंने सभी एसोसिएशनों के सदस्यों के साथ प्रदेश में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के बारे में विस्तृत विचार विमर्श किया और कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहती है।
इसके साथ श्री शर्मा ने कोरोना काल में उद्योगों से मिले सहयोग के लिए उनका धन्यवाद किया और कहा कि उस दौर में राज्य सरकार भी आपके साथ पूरी तरह से खड़ी रही।
प्रदेश में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए हुए विचार विमर्श के दौरान सुनील शर्मा ने कहा कि इस बार नई औद्योगिक नीति के लिए प्रदेश की 10 बड़े औद्योगिक एस्टेट से तीन-तीन सदस्यों को आमंत्रित करके पूरे दिन की कार्यशाला आयोजित की जाएगी जिसमें एक अच्छी नीति बनाने के लिए सभी के सुझाव लिए जाएंगे और लाभपात्रों के अनुरूप नीति तैयार होगी।
उन्होंने बताया कि एचएसआईआईडीसी द्वारा विकसित औद्योगिक एस्टेटों में औद्योगिक प्लाॅटों की किश्त अदायगी का सरलीकरण करने पर विचार किया जा रहा है। इस नई प्रस्तावित योजना में औद्योगिक प्लाॅट की संपूर्ण कीमत एक बार में अदा करने से लेकर अलग-अलग अंतराल पर कुछ निर्धारित प्रतिशत भरने पर अलाॅटी को रिबेट देने पर विचार किया जा रहा है।
औद्योगिक एसोसिएशनों के सुझाव सुनते हुए श्री शर्मा ने रिको की बिल्डिंग प्लाॅन की तर्ज पर हरियाणा में औद्योगिक ईकाईयों के बिल्डिंग कोड में संशोधन करने के लिए भी एक समिति गठित करके उसे सप्ताह में अपने सुझाव भेजने को कहा । इस समिति में गुरूग्राम जिला की दो औद्योगिक एसोसिएशन के अध्यक्षों तथा एस्टेट मैनेजर को शामिल किया गया है।
इसी प्रकार, औद्योगिक संस्थानो में फलोर वाइज रजिस्ट्री को अनुमति देने के सुझाव पर श्री शर्मा ने कहा कि इस सुझाव को एचएसआईआईडीसी के बोर्ड में ले जाया जाएगा जहां पर इसका अंतिम निर्णय होगा। सुझाव दिया गया था कि फलोर वाईज रजिस्ट्री की अनुमति वर्तमान में 3600 वर्ग मीटर के फलोर एरिया से घटाकर 450 वर्ग मीटर के फलोर एरिया में भी दी जाए।
इसी प्रकार, एक्सटेंशन फीस को भी वाजिब बनाने के लिए एसोसिएशनों ने सुझाव दिया है जिस पर सुनील शर्मा ने सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का भरोसा दिलाया है। इसके साथ श्री शर्मा ने यह भी कहा कि औद्योगिक प्लाॅटों की यथास्थिति जानने के लिए सर्वे करवाया जाएगा जिसमें प्रत्येक औद्योगिक ईकाई के प्लाॅट का एफएआर , उसकी बिल्डिंग की उंचाई, कवर्ड एरिया आदि सहित विस्तृत जानकारी होगी। इस विस्तृत जानकारी पर संबंधित उद्यमी सैल्फ अंडरटेकिंग देगा कि यह जानकारी सही है।
इसके साथ सुनील शर्मा ने यह भी कहा कि ईज आॅफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग के आंकलन में उद्यमियों के फीडबैक के भी अंक होते हैं, इसलिए हरियाणा प्रदेश की सभी औद्योगिक एसोसिएशन अपने सदस्यों को इस बारे में जागरूक करें कि अब की बार उन्हें प्राप्त सेवाओं के बारे में अपनी फीडबैक अवश्य दें।
इससे पहले सुनील शर्मा ने दिल्ली एनसीआर में पड़ने वाले औद्योगिक एस्टेटों के एस्टेट मैनेजरों के साथ भी बैठक की जिसमें उन्होंने बताया कि एचएसआईआईडीसी कार्यालय पेपरलैस होने की दिशा में अग्रसर है। इसके लिए सभी कार्य आॅनलाइन किए जाएं। उन्होंने यह भी बताया कि अब औद्योगिक प्लाॅटों की निलामी के लिए जब भी विज्ञापन होगा उसमें कुछ बैंको के नाम भी होंगे जो उद्यमियों की परियोजनाओं को फाइनेंस कर सकते हैं। यही नही, विज्ञापन में ही निलामी की तिथि भी अंकित होगी। इस अवसर पर गुरुग्राम से अमनेष सक्सेना, राजेश शर्मा, श्री कोहली व श्री बत्रा तथा आईएमटी मानेसर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन से पवन यादव, मनमोहन गैंड और मनोज त्यागी सहित विभिन्न औद्योगिक एसोसिएशनों के सदस्य उपस्थित थे।
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