नई दिल्ली: आरबीआई की जारी रहेगी महंगाई से लड़ाई, नहीं कम हुई लोन EMI
Oct 09, 2024 | 10:10 AM
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की महंगाई से लड़ाई अभी जारी रहेगी. इस बात की ओर इशारा रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक के बाद अपने फैसले से कर दिया है. आरबीआई एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए गवर्नर ने कहा कि आरबीआई के रेपो रेट में में कोई बदलाव नहीं होगा. इसका मतलब है कि आरबीआई एमपीसी ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट को फ्रीज रखा है. फरवरी 2023 के बाद से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
उससे पहले मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक आरबीआई ने रेपो रेट में 2.50 फीसदी का इजाफा किया था. जिसके बाद रेपो रेट 6.5 फीसदी पर आ गए थे. जो कि अभी तक उसी लेवल पर बनी हुई है. वहीं उम्मीदें की जा रही थी कि यूरोपियन सेंट्रल बैंक और फेड रिजर्व की ओर ब्याज दरों में कटौती के बार आरबीआई भी अपनी पॉलिसी में बदलाव करेगा. लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला.
क्यों थी कटौती की उम्मीदें:
देश के लोगों को आरबीआई को रेपो रेट में कटौती की इसलिए थी, क्योंकि जुलाई और अगस्त के महीने में महंगाई के आंकड़ें 4 फीसदी से नीचे देखने को मिले थे. ऐसे में आम लोगों ने उम्मीदें लगाई हुई थी कि आरबीआई की ओर से अब तक जो जो स्टांस लिए गए हैं, उससे महंगाई के आंकड़ें कंट्रोल हुए हैं. ऐसे में आरबीआई इस बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला है. जानकारों की मानें तो मौजूदा वित्त वर्ष में आरबीआई रेपो रेट में कोई कटौती नहीं करेगा. इसका मतलब है कि अगले वित्त वर्ष तक आम लोगों को ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर सकता है. वहीं दूसरी ओर जिस तरह से जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ा है. उसकी वजह से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिली है. ऐसे में देश में महंगाई बढ़ सकती है. ऐसे में आरबीआई काफी सतर्कता बरत रहा है. वैसे आरबीआई गवर्नर ने इससे पहले की पॉलिसी मीट के बार कहा था कि जरूरी नहीं है कि जो फैसले दुनिया के दूसरे सेंट्रल बैंक ले रहे हैं, वो भी लें. भारत की जियोग्राफी से लेकर डेमोग्राफी बाकी देशों से अगल है. भारत की पॉलिसी भी उसी तरीके से तय होगी.
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