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नया फैसला जम्मू कश्मीर में 11 साल बाद आनंद कारज एक्ट लागू, प्रदेश के सिख समुदाय में खुशी

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नया फैसला जम्मू कश्मीर में 11 साल बाद आनंद कारज एक्ट लागू, प्रदेश के सिख समुदाय में खुशी

नयी दिल्ली : सिख पारंपरिक विवाह को कानूनी मान्यता के दायरे में लाया गया। सर्वप्रथम केरल ने इसे लागू किया। इसके बाद अन्य प्रदेशों में इसे लागू किया गया, लेकिन अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर यह एक्ट लागू नहीं हो सका। जम्मू कश्मीर में 11 साल बाद आनंद कारज एक्ट लागू होने से सिख समुदाय में खुशी है। इस पर 2012 में संसद ने आनंद विवाह (संशोधन) विधेयक पारित किया था, जिससे सिख पारंपरिक विवाह को कानूनी मान्यता के दायरे में लाया गया। सर्वप्रथम केरल ने इसे लागू किया। इसके बाद अन्य प्रदेशों में इसे लागू किया गया, लेकिन अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर यह एक्ट लागू नहीं हो सका।

370 हटने के बाद सिख समुदाय ने मार्च, 2021 में पहली बार उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के समक्ष मसले को उठाया। अब एक्ट को प्रदेश में लागू कर दिया गया है। अब सिर्फ उपनियमों को लागू किया जाना है। जिला गुरुद्वारा प्रबंधक समिति जम्मू के उपाध्यक्ष बलविंदर ने कहा कि यह लंबित मांग थी। इसे पूरा करने के लिए हम उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के आभारी हैं।

आनंद विवाह अधिनियम का उद्भव 1909 में हुआ जब ब्रिटिश इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल ने सिख विवाह समारोह आनंद कारज को मान्यता देने के लिए एक कानून पारित किया। सिख समुदाय की मांग है कि एक्ट में उपनियमों को जल्द बनाया जाए और लागू करवाया जाए। एक्ट के अनुसार शादी का पंजीकरण कानून के तहत हो सकेगा।
सिख यूथ सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष तेजेंद्र सिंह अमन ने कहा, प्रदेश में एक्ट लागू नहीं था। ऐसे में कोई दस्तावेज शादी का जारी नहीं होता था। अब एक्ट लागू होने से लाभ मिलेगा। जिला गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के महासचिव सुरजीत सिंह ने कहा कि देर से सही, लेकिन जीत मिली है। अब शादी का पंजीकरण हो सकेगा। सिख प्रोग्रेसिव फ्रंट के महासचिव सरदार मनजीत सिंह ने कहा कि फैसला खुशी वाला है। आनंद मैरिज एक्ट लागू होने से प्रमाण पत्र मिल सकेंगे।

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