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अपने हिंदू भाइयों-श्रद्धालुओ को नहीं होने देंगे कोई असुविधा – नीमका सरपंच साजिद 

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एक तस्वीर मेवात की ऐसी भी                                                                                                   

अपने हिंदू भाइयों-श्रद्धालुओ को नहीं होने देंगे कोई असुविधा – नीमका सरपंच साजिद 

हिंदू -मुस्लिम भाईचारे की मिसाल बनी 84 कोस की परिक्रमा                                                                                                                                  हिंदू भाई  सुकून से मुस्लिम भाइयों के घरों में चैन की नींद सो

हिंदू भाइयों की सेवा में जुटे मुस्लिम समुदाय के लोग                                                                                                                                  शिविर  लगाकर लोगों की सुविधा का रखा जा रहा ध्यान                                                                                                                                    फतह सिंह उजाला                                            नूह, 8 अगस्त। बृज मंडल धार्मिक यात्रा के दौरान हुई हिंसा ने भले ही यहां की शांति व्यवस्था को  नुकसान पहुंचाया हो,  लेकिन अब यहां के लोग एक बार पुनः शांति बहाली की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका एक ताजा उदाहरण हाल ही में चौरासी कोस की परिक्रमा के दौरान देखने को मिल रहा है। इस परिक्रमा में हिंदू- मुस्लिम भाईचारे की एक    सुखद तस्वीर देखने को मिल रही है । हिंदू भाई जहां सुकून से मुस्लिम भाइयों के घरों में चैन की नींद सो रहे हैं वही मुस्लिम भाई उनकी सुरक्षा में रात को ठीकरी पहरा दे रहे हैं। 

 हिंदू भाइयों के लिए गांव में ठीकरी पहरा 

गांव नीमका के सरपंच साजिद ने बताया कि गांव नीमका और बिछोर में चौरासी कोस की परिक्रमा के चलते सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे हुए हैं । इन श्रद्धालुओं की सुविधा का गांव में विशेष तौर पर ध्यान रखा जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अलग-अलग स्थानों पर शिविर लगाए हैं। इतना ही नहीं, श्रद्धालुओं के खाने-पीने तथा रुकने आदि की व्यवस्था भी ग्रामीणों द्वारा की गई है । गांव नीमका के ग्रामीणों द्वारा श्रद्धालुओं के सोने की व्यवस्था अपने घर में की गई है और श्रद्धालु चैन की नींद सो रहे हैं। इन श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसके लिए हर पहलू का ध्यान रखा जा रहा है। साजिद ने बताया कि गांव नीमका हिंदू मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक समझा जाता है और यहां के लोग दिल खोलकर अपने हिंदू भाइयों का स्वागत करते हैं।

 मुस्लिम भाइयों का आभार कर रहे श्रद्धालु

 ऐसा ही नजारा गांव बिछोर में देखने को मिल रहा है। इस गांव में भी ग्रामीणों ने अलग-अलग स्थानों पर शिविर लगाए हैं और श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष तौर पर ध्यान रखा जा रहा है। चौरासी कोस की परिक्रमा में आने वाले श्रद्धालु भी अपने मुस्लिम भाइयों का आभार करते नहीं थक रहे। परिक्रमा में मथुरा से आये रमेश  का कहना है कि मुस्लिम भाइयों द्वारा दिया गया आदर व सत्कार वे आजीवन स्मरण रखेंगे। बृजमंडल धार्मिक यात्रा में हुई हिंसा के बाद वे काफी डर गए थे लेकिन जब वे अपने मुस्लिम भाइयों से मिले तो उनका अनुभव बहुत ही शानदार रहा।

जिला प्रशासन ने भी किए व्यापक प्रबंध 

इसी प्रकार के विचार अन्य श्रद्धालुओं के भी थे। परिक्रमा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रशासन द्वारा भी समूचे इंतजाम किए गए हैं। जिला प्रशासन की टीम द्वारा अलग-अलग स्थानों पर चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं ताकि स्वास्थ्य संबंधी किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर उन्हें फर्स्ट एड दिया जा सके। इसके अलावा, जिला प्रशासन की टीम द्वारा साफ सफाई, खाने पीने तथा बिजली आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है। डीसी धीरेंद्र खड़गटा ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि लोग स्थिति की संवेदनशीलता को समझते हुए आपस में मिलजुल कर रहे और किसी भी असामाजिक व्यक्ति के बहकावे में आकर आपसी भाईचारा खराब ना करें।

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