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गुरुग्राम में जन्में डा. कमल गुप्ता को मंत्री बनाने से बढ़ा अग्रवाल समाज का मान: नवीन गोयल

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गुरुग्राम में जन्में डा. कमल गुप्ता को मंत्री बनाने से बढ़ा अग्रवाल समाज का मान: नवीन गोयल
-नवीन गोयल ने किया मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हरियाणा प्रभारी विनोद तावड़े, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का धन्यवाद
-डा. कमल गुप्ता ने संस्कृत भाषा में ली मंत्री पद की शपथ

प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम। आरएसएस से प्रेरित होकर राजनीति में कदम रखने वाले जमीन से जुड़े नेता हिसार के विधायक कमल गुप्ता को मंत्री बनाए जाने पर पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने बधाई दी है। साथ ही कहा है कि सरकार ने कमल गुप्ता को मंत्री बनाकर समस्त अग्रवाल समाज का सम्मान किया है। डा. कमल गुप्ता का जन्म गुरुग्राम में ही हुआ था।  
मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हरियाणा प्रभारी विनोद तावड़े, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ समेत वरिष्ठ नेताओं का धन्यवाद करते हुए नवीन गोयल ने कहा कि अग्रवाल समाज को सरकार ने थोड़े ही समय में दो बड़े सम्मान दिए हैं। पहला तो हिसार में एयरपोर्ट का नाम महाराजा अग्रसेन के नाम पर रखा और अब हिसार से ही विधायक डा. कमल गुप्ता को मंत्री बनाया है। नवीन गोयल का कहना है कि सिद्धांतों पर चलने वाली भारतीय जनता पार्टी में हर नेता, कार्यकर्ता को उचित सम्मान दिया जाता है। भाजपा सरकार-2 की शुरुआत में भी कई अग्रवाल नेताओं को सरकार ने मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष बनाकर सम्मान दिया था। विधायक डा. कमल गुप्ता को मंत्री बनाकर इस सम्मान को और बढ़ा दिया है। डा. कमल गुप्ता ने वर्ष 1996 में हिसार से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। इसके बाद वर्ष 2000 में उन्होंने विस चुनाव लड़ा। इसके बाद 14 साल के अंतराल के बाद उन्होंने वर्ष 2014 व 2019 के चुनाव में वे लगातार विधायक चुने गए।
डा. कमल गुप्ता मूलरूप से फतेहाबाद के बिढाना गांव के रहने वाले हैं। उनके परिवार की आर्थिक हालत काफी कमजोर थी। कागज के लिफाफे बनाकर अपनी पढ़ाई का खर्च डा. कमल गुप्ता वहन करते थे। उनकी स्कूल शिक्षा चरखी दादरी से हुई थी और रोहतक पीजीआई मेडिकल कालेज से उन्होंने एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। डा. गुप्ता के पिता डाक विभाग में पोस्ट मास्टर थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचाराधारा से वे प्रभावित हुए और जन सेवा में जुट गए। राजनीति में कदम रखने के बाद उन्होंने जनता का दिल जीता है। मनोहर सरकार-1 में वे दो साल तक संसदीय सचिव भी रहे। आरएसएस के बेहद ही करीबी डा. कमल गुप्ता ने संस्कृत भाषा में मंत्री पद की शपथ ली।

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