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नवीन गोयल ने टीचर बन बच्चों को पढ़ाया पर्यावरण संरक्षण का पाठ

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नवीन गोयल ने टीचर बन बच्चों को पढ़ाया पर्यावरण संरक्षण का पाठ
-रेयान इंटरनेशनल स्कूल में कार्यक्रम में की शिरकत
-नवकल्प फाउंडेशन के पक्षियों के लिए दाना-पानी अभियान की करी शुरुआत

प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम। हर अवसर पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाले पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने अब क्लास रूप में टीचर बनकर बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाया। अवसर था रेयान इंटरनेशनल स्कूल में नवकल्प फाउंडेशन की ओर से गर्मी के मौसम में पक्षियों के लिए दाना-पानी अभियान की शुरुआत की। नवीन गोयल ने नवकल्प फाउंडेशन द्वारा पक्षियों को दाना-पानी देने के प्रति मुहिम चलाकर लोगों को जागरूक करने की पहल की सराहना की।
नवीन गोयल ने पर्यावरण और प्रकृति को सहेजने का संदेश देते हुए कहा कि एक समय था जब घर के आंगन चिडिय़ों की चहचहाटों से गूंजा करते थे। हर तरफ हरे भरे पेड़ और सुंदर फूल होते थे। हमारी आबो-हवा स्वच्छ होती थी। हम प्रकृति के बहुत नजदीक नहीं, बल्कि प्रकृति के बीच में रहते थे। समय के साथ बहुत कुछ बदल गया है। जैसे-जैसे आबादी बढ़ी, शहरीकरण हुआ तो वनों का कटाव धड़ल्ले से होने लगा। जिन पेड़ों को पालने में वर्षों लगते, उन पेड़ों को चंद मिनटों में धराशायी कर दिया जाता है। तकनीक तो पेड़ों को एक जगह से दूसरे जगह पर लगाने की भी है, लेकिन व्यवसायिकता के दौर में ऐसा करने की बजाय हम पेड़ों की कटाई करके अपने पैरों पर कुल्हाड़ी चलाते गए। इसी के साथ हमारा प्राकृतिक संतुलन बिगड़ गया। नवीन गोयल ने अपील है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जल का सीमित मात्रा में उपयोग करें। पॉलीथिन की जगह कपड़े के थैले का प्रयोग करें। अपने घरों के आस-पास स्वच्छता बनाए रखें और पेड़-पौधे लगाकर उनका परिवार के सदस्य की तरह पालन-पोषण करें। हर बच्चा एक-एक पेड़ लगाकर भी उसका पालन करे तो लाखों पेड़ लगाए जा सकते हैं। उन्होंने शिक्षकों से भी आह्वान किया कि वे कम से कम स्कूल कैंपस में बच्चों के नाम से पेड़ लगवाएं। उनके संरक्षण की जिम्मेदारी उन्हें दे। बच्चों में इस तरह की भावना होनी बहुत जरूरी है।
इस कार्यक्रम में नवीन गोयल ने क्लास रूम में बच्चों से संवाद किया। उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरुक किया। बच्चों से कहा कि आने वाला समय उनका है। ऐसे में वे भी अपने पर्यावरण को बेहतर बनाने में अपनी भूमिका निभाएं। स्कूल, कालेज, घर, पार्क, खाली जमीन पर पेड़ लगाकर उनका पालन करें। उनके साथ-साथ जब पेड़ भी बड़े होते जाएंगे तो जीवन में सुकून मिलेगा। स्वच्छता को लेकर उन्होंने कहा कि अपने गुरुग्राम को स्वच्छता के मामले में देश के टॉप10 शहरों में लेकर आएं। इस अवसर पर बच्चों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया। ये सांस्कृतिक कार्यक्रम मनोरंजन से अधिक प्रेरणादायी रहे। प्रकृति को बचाने का इन कार्यक्रमों के माध्यम से संदेश दिया गया। इस दौरान स्कूल की प्रिंसिपल अंजू डुडेजा, नवकल्प फाउंडेशन से अनिल आर्य, अदिति, स्कूल स्टाफ, अभिभावक व बच्चे उपस्थित रहे।

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