जिले के मुंढाल और आसपास के गांवों को अब मिलेगी जलभराव से निजात,
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने जल निकासी के स्थायी समाधान के लिए मंजूर करवाए 50 करोड़ रुपये
कृषि मंत्री ने कहा: जलभराव की समस्या से छुटकारा मिलेगा और किसानों को होगा कृषि में लाभ
भिवानी, 20 जनवरी।
प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि जिले के गांव मुंढाल और उसके आसपास के आधा दर्जन से अधिक गांवों में होने वाली जलभराव की समस्या से निजात के लिए सरकार ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है और इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 50 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दे दी है। जिससे इन गांवों के लोगों को जलभराव की समस्या से छुटकारा मिलेगा। किसानों को जलभराव के कारण खेती करने में आने वाली परेशानी का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के किसानों के कल्याण के हमेशा तत्पर है।
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने भिवानी में आयोजित अधिकारियों की बैठक में भी जिले के जलभराव वाले गांवों में पानी की निकासी के लिए मास्टर प्लान बनाकर निकासी की स्थायी व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए बीते दिवस चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहरलाल की अध्यक्षता में आयोजित हुई सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण की बैठक में इस समस्या के निराकरण के लिए इन गावों के लिए 50 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि इस राशि से जिले के तालू, मुढ़ाल, घुसकानी, धनाना सहित जलभराव की समस्या से जूझ रहे गांवों को राहत मिलेगी और खेती को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने वर्ष 2026 तक बाढ़ मुक्त हरियाणा का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए सरकार बाढ़ और सूखा राहत बोर्ड की 528 योजनाओं के लिए लगभग 1100 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि भिवानी जिले को एक क्लस्टर माना गया है, जिसके तहत 8 गांवों कुंगड़, जताई, धनाना, बढेसरा, सिवाड़ा, प्रेमनगर, घुसकानी, ढाणी सुखन, मिताथल आदि के आबादी एरिया व जलभराव वाले इलाकों में एचडीपीई पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इस पर लगभग 16 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च होगी। इससे लगभग 2 हजार एकड़ जलभराव वाली भूमि से पानी की निकासी होगी। इसके अलावा, 3 गांवों सिंघवा खास, पुठ्ठी, मदनहेड़ी को मिलकार एक योजना बनाई गई है, जिस पर 9.31 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। इससे लगभग 1500 एकड़ जलभराव वाली भूमि से पानी की निकासी होगी। इसी प्रकार, लगभग 4 करोड़ रुपये की लागत की एक ओर योजना बनाई गई है, जिसके क्रियान्वित होने से 885 एकड़ जलभराव वाली भूमि से पानी की निकासी होगी।
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