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MP High Court: देवास राजपरिवार की संपत्ति विवाद के निस्तारण का रास्ता साफ

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MP High Court: देवास राजपरिवार की संपत्ति विवाद के निस्तारण का रास्ता साफ
इंदौर। देवास राजपरिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति विवाद जिला न्यायालय से निस्तारित होने का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल, हाई कोर्ट ने संपत्ति के निस्तारण के लिए दायर वाद को निरस्त करने से इनकार कर दिया है। यह वाद देवास राजपरिवार के स्वर्गीय तुकोजीराव पंवार की बहन महाराष्ट्र निवासी शैलजाराजे पंवार ने जिला न्यायालय में दायर किया है। राजघराने की गायत्रीराजे पंवार, विक्रमसिंह पंवार और अन्य ने इस वाद को निरस्त करने की मांग करते हुए पहले जिला न्यायालय में आवेदन दिया था। वहां से आवेदन निरस्त होने पर उन्होंने हाई कोर्ट में जिला न्यायालय के आदेश के खिलाफ रिवीजन दायर की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने भी उनकी मांग को नहीं माना।

देवास राजघराने की संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग करते हुए वादी शैलजाराजे ने यह वाद देवास जिला न्यायालय में दायर किया। उनका कहना है कि वे कृष्णाजीराव पंवार की पुत्री हैं, इसलिए उन्हें उनकी संपत्तियों में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। वाद में शैलजाराजे ने गायत्रीराजे पंवार, विक्रमसिंह पंवार, कनिकाराजे पंवार, उत्तराराजे पाटनकर, देवकीराज फालके, महाराज तुकोजीराव पंवार धार्मिक एवं चैरिटेबल ट्रस्ट, महाराजा कृष्णाजीराव पंवार धार्मिक एवं चैरिटेबल ट्रस्ट, कलेक्टर देवास और रतलाम कलेक्टर को पक्षकार बनाया है।

प्रतिवादियों ने वाद निरस्त करने का दिया था आवेदन

वादी की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट रविंद्र सिंह छाबड़ा और मुदित माहेश्वरी ने बताया कि प्रतिवादियों की ओर से इस वाद को निरस्त करने के लिए जिला न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। इसमें कहा था कि कृष्णाजीराव पंवार ने तीन ट्रस्ट बनाए थे, लेकिन बाद में सिर्फ दो ट्रस्टों को पक्षकार बनाया गया है। इसके अलावा वादी ने इंदौर, पुणे, जयपुर, आलोट, अहमद नगर स्थित राजघराने की संपत्तियों में हिस्सेदारी मांगी है, लेकिन इन जगहों के कलेक्टरों को पक्षकार नहीं बनाया है, लेकिन कोर्ट ने इस आवेदन को निरस्त कर दिया। इसके बाद प्रतिवादियों ने हाई कोर्ट में रिवीजन दायर की थी। हाई कोर्ट ने भी इस रिवीजन को निरस्त कर दिया है यानी अब देवास राजपरिवार की संपत्तियों को लेकर देवास जिला न्यायालय में वाद चलने का रास्ता साफ हो गया है।

12 अरब 39 करोड़ से ज्यादा बताया है संपत्ति का मूल्यांकन

वादी शैलजाराजे ने देवास राजघराने की जिस संपत्ति में हिस्सा मांगा है, उसका मूल्यांकन उन्होंने 12 अरब 39 करोड़ 50 लाख 20 हजार रुपये किया है। देवास के अलावा इंदौर, जयपुर, पुणे, आलोट, अहमद नगर सहित कई स्थानों की संपत्तियों का उल्लेख वाद में किया गया है।

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