मां-बाप, बेटा-बेटी व पति-पत्नी ने एक साथ मांगी इच्छा मृत्यु
मां-बाप, बेटा-बेटी व पति-पत्नी ने एक साथ मांगी इच्छा मृत्यु
मानेसर के किसानों ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के नाम डीसी को सौपा ज्ञापन
हरियाणा सरकार से पीड़ित होकर किसानों द्वारा इच्छा मृत्यु की मांग
आरोप सीएम के निवास पर किसानों को डराया और धमकाया गया
मानेसर तहसील के सामने किसानों का अनिश्चितकालीन धरना जारी
कासन, सहरावन, कुकडौला व आसपास की 1810 एकड़ जमीन मामला
फतह सिंह उजाला
मानेसर/गुरूग्राम। मां-बाप, बेटा-बेटी व पति-पत्नी को एक साथ इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान की जाएं। हम पीड़ित किसान हरियाणा सरकार से पीड़ित होकर ही इच्छा मृत्यु कि मांग कर रहे है। इसलिये हम अनुरोध करते है कि रोज-रोज तड़पकर मरने से अच्छा है कि हम एक दिन मर जाये। ताकि हरियाणा सरकार हमारी जमीन बगैर मुआवजा भुगतान के ही अधिग्रहण कर ले। अतः महामहीम से प्रार्थना है कि हम समस्त किसानो को अपने परिवार के साथ मंां – बाप , बेटा – बेटी व पति – पत्नी को एक साथ इच्छा मृत्यु कि अनुमति दी जायें। यह पीड़ा भरा ज्ञापन हरियाणा की आर्थिक राजधानी गुरूग्राम के औद्योगिक क्षेत्र मानेसर नगर निगम के दायरे में शामिल गावों के किसानों के द्वारा बुधवार को महामहीम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के नाम डीसी निशांत कुमार यादव को सौपा गया।
सीएम खट्टर को खूब खरीखोटी कही
इससे पहले सैैकड़ों की संख्या में किसान और किसान परिवार की महिलाएं राजीव चौक के पास पहुंचंे थे। यहां से किसान बचाओ-जमीन बचाओ समिति के बैनर तले समिति के प्र्रधान रोहतास सरपंच, सत्यदेव सरपंच कासन के नेतृत्व में इकट्ठा होकर मिनी सचिवालय के लिए रवाना हुुए। राजीव चौक से होते हुए मिनी सचिवालय तक किसान अपने हाथों में अपनी मांगों के होर्डिंग-बैनर, पोेस्टर लेकर , सरकार के खिलाफ प्रदर्शन सहित नारेबाजी करते हुए पहुंचे। इस दौरान शामिल रही किसान परिवारों की बुजुर्ग महिलाओं ने रोते हुए सीएम खट्टर को खूब खरीखोटी कहते, किसानों के साथ सरकार द्वारा अन्याय किया जाना ठहराया।
1810 एकड़ का पहले दिन से विरोध
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के नाम सौपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि, हम समस्त किसान परिवार सहित आपसे नम्र निवेदन करते है कि 1810 एकड जमीन के मालिक है। सभी किसान मानेसर क्षेत्र के लगभग 25 गांवों के ही रहने वाले है। हरियाणा सरकार ने हमारी जमीन को अधिग्रहण करने के लिए सैक्सन -4 सन् 2011 में किया था । उसी दिन से लेकर प्रभावित सभी किसान इस अधिग्रहण का विरोध कर रहे है । लेकिन हरियाणा सरकार प्रभावित और पीड़ित किसानों की कोई बात नहीं सुन रही है। इससे पहले गांव कासन की जमीन का अधिग्रहण 1997 से लेकर अब तक 7 चरणों में हो चुका है । अब से पहले किसानो ने कभी विरोध नहीं किया और अब हम किसान अपनी बची हुई मात्र 1810 एकड को बचाने के लिए ही विरोध कर रहे है । क्यों कि पहले ही 7 चरणों में विभिन्न गांवों की लगभग 7800 एकड़ जमीन अधिग्रहण हो चुकी है, जिसमें आई.एम.टी. मानेसर स्थापित है।
अधिग्रहण के विरोध में 70 दिन से धरना
सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि अब समस्त प्रभावित-पीड़ित किसान अपने परिवार सहित 1810 एकड के अधिग्रहण के विरोध में 70 दिन से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे है । इस प्रदर्शन के बीच में ही हरियाणा सरकार ने हमारी 1810 एकड भूमि का अवार्ड भी सुना दिया है और इस अवार्ड में हमारी बढी हुई आबादी छोटे-छोटे आसियाने ओर ढाणियों का भी अधिग्रहण कर लिया है। पिछले 3 महीनों में प्रभावित-पीड़ित समस्त किसान हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से 6 बार मिल चुके है। लेकिन सीएम ने हमारी किसानों की बात को हर बार अनसुना कर दिया और झूठे आसवासन देते रहे।
किसानों को डराया व धमकाया गया
अब 29. अगस्त को सीएम मनोेहर लाल खट्टर ने प्रभावित-पीड़ित किसानों को अपने निवास चंढीगड पर बुलाया और किसानो से कहा गया कि आपकी जमीन तो हम नहीं छोड़ेंगे । किसानों के आरोपानुसार मुख्यमंत्री के निवास पर बुलाए गए किसानों को डराया व धमकाया गया । सीएम व उनके अधिकारी एडिशनल चीफ सैकेटरी वी . उमा शंकर , विकाश गुप्ता एम.डी. एच.एस.आई.आई.डी.सी. , दिनेश सिंह चौहान सी.टी.पी. , रविश जानी डी.टी.पी. और निशांत यादव डी.सी. गुरूग्राम भी मौके वा ही शामिल थे। शासन और प्रशासन के द्वारा जो हमारी बेइज्जती की गई है, वह असहनीय है। इन्हीं सभी बातों सहित हरियाणा सरकार की मनमानी हठधर्मिता से आहत होकर ही प्रभावित-पीड़ित किसान व परिवार के द्वारा इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी गई है।
Comments are closed.