नैनो यूरिया की उपयोग क्षमता 85 प्रतिशत से अधिक
नैनो यूरिया की उपयोग क्षमता 85 प्रतिशत से अधिक
इफको द्वारा गांव घोषगढ़ में किसान सभा का आयोजन
किसानों को नैनो यूरिया के उपयोग के लिए किया जागरूक
सभा में आसपास के क्षेत्र से लगभग 35 किसान हुए शामिल
क्षेत्र में किसानों को नैनो यूरिया उपलब्ध करवाया जा रहा
फतह सिंह उजाला
पटौदी । किसानों को नैनो यूरिया के उपयोग के लिए जागरूक करने के लिए सहकारी संस्था इफको द्वारा गांव घोषगढ़ में किसान सभा का आयोजन किया गया। किसान सभा में इफको गुरुग्राम के महाप्रबंधक राजेन्द्र कुमार, बीटीएम वीरेंद्र सिंह सहित आसपास के क्षेत्र से लगभग 35 किसानों ने भाग लिया।
राजेंद्र ने किसानों को नैनो यूरिया के फायदे बताते हुए कहा कि वर्तमान में हमारे किसान भाइयों द्वारा जो दानेदार यूरिया फसलों में छिड़का जाता है। फसल उसका केवल 25 से 30 प्रतिशत भाग ही उपयोग कर पाती है। बाकी बची शेष मात्रा हमारे पर्यावरण, मिट्टी और जल में जाकर प्रदूषण फैलाने का कार्य करती है। इसी विषय को ध्यान में रखते हुए सहकारी संस्था इफको द्वारा किसानों को नैनो यूरिया उपलब्ध करवाया जा रहा है। नैनो यूरिया की उपयोग क्षमता 85 प्रतिशत से अधिक है जिसका मूल्य 240 प्रति 500 रूपए मिलीलीटर बोतल है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक दानेदार यूरिया को तुलना में इसकी लागत कम है। एक बोतल एक बोरे यूरिया के बराबर कार्य करती है।
राजेन्द्र ने किसानों को परामर्श देते हुए कहा कि फसल अंकुरण के 30 से 35 दिन बाद नैनो यूरिया को चार मिली प्रति लीटर पानी की दर से पत्तियों पर छिड़काव द्वारा प्रयोग करें और दानेदार यूरिया की मात्रा 50ः तक कम हो जाएगी। नैनो यूरिया केवल पत्तियों पर प्रयोग में लाया जाता है ऐसे में इसके प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषण, मृदा व जल प्रदूषण में भी निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया के प्रयोग से कृषि लागत में कमी आने के साथ-साथ किसानों की आमदनी में भी वृद्धि होगी। कार्यक्रम में बीटीएम वीरेंद्र सिंह ने मिट्टी जांच के महत्व पर प्रकाश डाला।
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